आरक्षण के कारण कई गांव के प्रधान बैकफुट पर

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अब्दुल जब्बार एडवोकेट व प्रह्लाद तिवारी

भेलसर(अयोध्या) – पंचायत चुनाव को लेकर बुधवार को जिलाधिकारी अनुज कुमार झा द्वारा आरक्षण सूची जारी करने के बाद प्रत्याशियों में कहीं खुशी तो कहीं ग़म का माहौल रहा।कुछ प्रत्याशी आरक्षण पर अपनी आपत्ति दर्ज़ कराने की तैयारी कर रहे हैं तो कुछ ने फौरन चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं।वहीं कई गांव के प्रधान आरक्षण के कारण बैकफुट पर आ गए हैं उनके गांव के आरक्षण सूची में सीट परिवर्तन होने के कारण कराए गए कार्यों का भुगतान अधर में लटक गया है। कयास लगाया जा रहा है की अगर चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाती है तो इस भुगतान का जिम्मेदार कौन होगा।गत 25 दिसंबर को ग्राम पंचायतों का खाता बंद कर सभी भुगतान रोकते हुए एडीओ पंचायत को प्रशासक नियुक्त किया गया था।

02 माह बीतने को है अभी तक ग्राम प्रधानों द्वारा कराए गए कार्य सामुदायिक शौचालय पंचायत भवन आदि का भुगतान नहीं हो सका।कुछ ग्राम प्रधानों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया की जनपद का रूदौली ब्लाक ऐसा है कि जहां पर भुगतान नहीं हो रहा है जबकि अन्य ब्लाकों में भुगतान प्रक्रिया लगभग विगत 1 माह से चालू है।ग्राम प्रधान ब्लॉक मुख्यालय का चक्कर लगाते लगाते 2 माह हो चुके है।लेकिन इनके पीड़ा सुनने के लिए न तो प्रशासक बनाए गए एडीओ पंचायत को तरस आ रहा है और न ही ब्लॉक के मुखिया खंड विकास अधिकारी को।ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि लोगों द्वारा कराए गए एक काम का जिम्मेदार ग्राम प्रधान है या ब्लॉक यह सोचनीय प्रश्न है।