29 सितम्बर को सपा का राष्ट्रीय सम्मेलन

95
उद्योग को बर्बाद करने पर आमादा भाजपा
उद्योग को बर्बाद करने पर आमादा भाजपा

राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर के संगठनात्मक चुनावों को संपन्न कराने के लिए चुनाव अधिकारी की जिम्मेदारी समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव प्रो0 रामगोपाल यादव को सौपी गई है।

समाजवादी पार्टी का राज्य सम्मेलन 28 सितम्बर 2022 को तथा राष्ट्रीय सम्मेलन 29 सितम्बर 2022 को राजधानी लखनऊ में सम्पन्न होगा। देश-प्रदेश की राजनीतिक-आर्थिक स्थिति पर प्रस्ताव पारित करने के अतिरिक्त सम्मेलन में समाजवादी पार्टी की अपनी भूमिका की दिशा भी सुनिश्चित होगी।समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उक्त घोषणा करते हुए कहा कि जिस तरह से भाजपा ने राजनीतिक एवं आर्थिक संकट पैदा किया है और लोकतांत्रिक व्यवस्था के साथ खिलवाड़ किया है उससे निबटने के लिए इन सम्मेलनों में पार्टी की कारगर भूमिका के बारे में चर्चा होगी। सन् 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों में पार्टी की रणनीति पर भी गहन चर्चा होगी। सम्मेलन में राष्ट्रीय एवं प्रदेश अध्यक्ष का भी निर्वाचन होगा।


ज्ञातव्य है कि इन दिनों समाजवादी पार्टी का सदस्यता अभियान चल रहा है। जुलाई से प्रारंभ सदस्यता अभियान में बहुत बड़ी तादाद में लोग सदस्य बन रहे हैं। पार्टी के सक्रिय सदस्यों से ही सम्मेलन के प्रतिनिधि चुने जाएगें।राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर के संगठनात्मक चुनावों को संपन्न कराने के लिए चुनाव अधिकारी की जिम्मेदारी समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव प्रो0 रामगोपाल यादव को सौपी गई है।

सपा का कहना है कि राज्य एवं राष्ट्रीय सम्मेलन में लोकतांत्रिक संस्थाओं को भाजपा द्वारा कमजोर किए जाने, अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट, राजनीतिक दल बदल को बढ़ावा देने तथा सामाजिक सद्भाव को खतरे में डालने पर भी विशेष चर्चा होगी। उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति, शिक्षा-स्वास्थ्य क्षेत्र की बदहाली, बढ़ते भ्रष्टाचार और किसानों-नौजवानों के साथ धोखा आदि मसलो पर राजनीतिक-आर्थिक प्रस्तावो में प्रकाश डाला जाएगा। निकाय चुनाव व लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर भी चर्चा होगी।


राज्य एवं राष्ट्रीय सम्मेलन में लोकतांत्रिक संस्थाओं को भाजपा द्वारा कमजोर किए जाने, अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट, राजनीतिक दल बदल को बढ़ावा देेने तथा सामाजिक सद्भाव को खतरे में डालने पर भी विशेष चर्चा होगी। उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति, शिक्षा-स्वास्थ्य क्षेत्र की बदहाली, बढ़ते भ्रष्टाचार और किसानों-नौजवानों के साथ धोखा आदि मसलो पर राजनीतिक-आर्थिक प्रस्तावो में प्रकाश डाला जाएगा।