प्रदेश में सूक्ष्म,लघु,मध्यम एवं वृहद श्रेणी की 8.18 लाख इकाइयां क्रियाशील – नवनीत सहगल

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प्रदेश में सूक्ष्म, लघु, मध्यम एवं वृहद श्रेणी की 8.18 लाख इकाइयां क्रियाशील हैं, जिनमें 52 लाख श्रमिक कार्य कर रहे हैं।बैंकों से समन्वय करके प्रदेश में अभी तक 8.56 लाख नई एमएसएमई इकाइयों को लगभग 29,800 करोड़ रूपये बैंकों द्वारा ऋण वितरित किये गये।इस प्रकार 13 लाख एमएसएमई इकाइयों को लगभग 40,000 करोड़ रूपये बैंकों द्वारा ऋण वितरित किये गये हैं।इन एमएसएमई इकाइयों के माध्यम से लगभग 27 लाख से अधिक को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये गये हैं।युवाओं के लिए प्रदेश में मिशन रोजगार चलाया जा रहा है।प्रदेश सरकार द्वारा अभी तक 655.17 लाख कु0 धान किसानों से खरीदा गया है, जो पिछले वर्ष से लगभग डेढ़ गुना अधिक है।गेहूँ की खरीद किए जाने हेतु प्रदेश में 6000 क्रय केन्द्र खोले जाने की तैयारी की जा रही है

अपर मुख्य सचिव सूचना ने बताया कि संक्रमण कम होने से औद्योगिक गतिविधियां तेजी से सामान्य हो रही हैं। प्रदेश में सूक्ष्म, लघु, मध्यम एवं वृहद श्रेणी की 8.18 लाख इकाइयां क्रियाशील हैं, जिनमें 52 लाख श्रमिक कार्य कर रहे हैं। बैंकों से समन्वय करके प्रदेश में अभी तक 8.56 लाख नई एमएसएमई इकाइयों को लगभग 29,800 करोड़ रूपये बैंकों द्वारा ऋण वितरित किये गये हैं। इस प्रकार 13 लाख एमएसएमई इकाइयों को लगभग 40,000 करोड़ रूपये बैंकों द्वारा ऋण वितरित किये गये हैं। इन एमएसएमई इकाइयों के माध्यम से लगभग 27 लाख से अधिक लोगां को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये गये हैं। उन्होंने बताया कि युवाओं के लिए प्रदेश में मिशन रोजगार चलाया जा रहा है। प्रदेश सरकार युवाओं को सरकारी नौकरी, रोजगार, स्वरोजगार, कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराने की मुहिम चला रही है। उन्होंने बताया कि सभी आयोगों, विभागों, निगमों, परिषदों की रिक्तियांे को भरने के लिए प्रक्रिया की जा रही है।

श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों के लिए कृतसंकल्प है और किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उनकी फसल को खरीदे जाने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। जिसके क्रम में प्रदेश सरकार द्वारा अभी तक 655.17 लाख कु0 धान किसानों से खरीदा गया है, जो पिछले वर्ष से लगभग डेढ़ गुना अधिक है। मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि जिलाधिकारी की यह जिम्मेदारी है कि किसानों को किसी प्रकार की समस्या न होे तथा क्रय केन्द्र सुचारू रूप से कार्य करे। उन्होंने बताया कि किसी भी प्रकार की अधिकारियो/ कर्मचारियों द्वारा लापरवाही बरती जाती है तो उनके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। धान क्रय केन्द्र पर शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी की जिम्मेदारी होगी। धान क्रय केन्द्रांे पर जिलाधिकारी द्वारा निरन्तर सत्यापन अनुश्रवण तथा आकस्मिक निरीक्षण करे। उन्होंने बताया कि गेहूँ की खरीद किए जाने हेतु प्रदेश में 6000 क्रय केन्द्र खोले जाने की तैयारी की जा रही है।