प्रदेश में मादक पदार्थों के अवैध कारोबार, खरीद-फरोख्त के विरुद्ध अभियान की आवश्यकता-मुख्यमंत्री Need for campaign against illegal drug trade, horse-trading in the state – Chief Minister

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प्रदेश में मादक पदार्थों के अवैध कारोबार, खरीद-फरोख्त और ड्रग ट्रैफिकिंग के विरुद्ध अभियान को और तेज करने की आवश्यकता। बेहतर समन्वय के साथ ड्रग माफिया के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। विकास और सुरक्षा की दृष्टि से सीमा प्रबन्धन अत्यन्त महत्वपूर्ण विषय। सीमावर्ती जनपदों में प्रदेश पुलिस की एस0एस0बी0 के दल के साथ ज्वॉइन्ट पेट्रोलिंग कराई जाए। प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में थाना, तहसील, विकास खण्ड सहित जिला प्रशासन में युवा, विजनरी, और ऊर्जावान अधिकारियों  की तैनाती करते हुए, केन्द्र व राज्य सरकार की लाभार्थीपरक योजनाओं का 100 प्रतिशत संतृप्तिकरण सुनिश्चित किया जाए। सीमावर्ती जनपदों में समीपवर्ती राज्यों/राष्ट्र से आवागमन होता रहता, ऐसे में यह जिले अन्य राज्यों/राष्ट्र के लिए हमारे ब्राण्ड एम्बेसडर सरीखे, यहां प्रशासन का व्यवहार सहयोगपूर्ण हो। आज के दौर में साइबर सिक्योरिटी महत्वपूर्ण विषय, प्रदेश के हर जनपद में एक साइबर क्राइम थाने की स्थापना की आवश्यकता, इस सम्बन्ध में यथाशीघ्र विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत की जाए। आवश्यक बदलावों को अंगीकार करते हुए फायर एक्ट को और बेहतर बनाया जाना चाहिए। महिला सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन के संकल्प की पूर्ति में ‘सेफ सिटी परियोजना’ अत्यन्त उपयोगी, अन्तर्विभागीय  समन्वय के साथ कन्वर्जेंस के माध्यम से वित्तीय प्रबन्धन करते हुए अधिकाधिक शहरों को सेफ सिटी बनाने की कोशिश करनी होगी। उ0प्र0 पुलिस अपनी प्रोफेशनल दक्षता, योग्यता और कार्यकुशलता के लिए आज देश-दुनिया में सराहना प्राप्त कर रही, पुलिस बल के आधुनिकीकरण के लिए सभी जरूरी प्रयास किये जायें।

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में मादक पदार्थों के अवैध कारोबार, खरीद-फरोख्त और ड्रग ट्रैफिकिंग के विरुद्ध अभियान को और तेज करने की आवश्यकता है। इस दृष्टि से संवेदनशील जिलों में सतर्कता और इण्टेलिजेंस को बेहतर करना होगा। प्रदेश की अन्तर्राज्यीय व अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर चौकसी बढ़ाई जाए। गृह विभाग के साथ-साथ नगर विकास व ग्राम्य विकास विभाग को भी इस अभियान में सहयोग करना होगा। बेहतर समन्वय के साथ ड्रग माफिया के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।एक उच्चस्तरीय बैठक में पुलिस, अग्निशमन, महिला सुरक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में किये जा रहे प्रयासों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, नेपाल राष्ट्र के साथ-साथ उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, बिहार और दिल्ली से अपनी सीमा साझा करता है। विकास और सुरक्षा की दृष्टि से सीमा प्रबन्धन अत्यन्त महत्वपूर्ण विषय है। प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में थाना, तहसील, विकास खण्ड सहित जिला प्रशासन में युवा, विजनरी और ऊर्जावान अधिकारियों की तैनाती की जाए। यहां सभी विभागों में पर्याप्त मानव संसाधन की उपलब्धता रहे।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी सीमावर्ती जनपदों में केन्द्र व राज्य सरकार की लाभार्थीपरक योजनाओं का 100 प्रतिशत संतृप्तिकरण सुनिश्चित किया जाए। सभी पात्र जरूरतमंदों को सरकार की योजनाओं का लाभ जरूर मिले। इन जिलों में योजनाओं की प्रगति की अलग से समीक्षा की जानी चाहिए। सीमावर्ती जनपदों में समीपवर्ती राज्यों/राष्ट्र से आवागमन होता रहता है। ऐसे में यह जिले अन्य राज्यों/राष्ट्र के लिए हमारे ब्राण्ड एम्बेसडर सरीखे होते हैं। यह आवश्यक है कि यहां प्रशासन का व्यवहार सहयोगपूर्ण हो। इन जिलों में मण्डी, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मॉल, अच्छे स्कूल, बेहतर परिवहन की व्यवस्था होनी चाहिए। इस दिशा में नियोजित प्रयास किये जाएं।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सीमावर्ती जनपदों में प्रदेश पुलिस की एस0एस0बी0 के दल के साथ ज्वॉइण्ट पेट्रोलिंग कराई जाए। एस0एस0बी0 के साथ बेहतर समन्वय बनाये रखें। आज के दौर में साइबर सिक्योरिटी महत्वपूर्ण विषय है। पुलिस परिक्षेत्र के बाद अब प्रदेश के हर जनपद में एक साइबर क्राइम थाने की स्थापना की आवश्यकता है। इस सम्बन्ध में यथाशीघ्र विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत की जाए। लखनऊ में निर्माणाधीन उ0प्र0 स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज के कार्य में तेजी की अपेक्षा है। गांधीनगर, गुजरात स्थित नेशनल फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी के सहयोग से यहां के लिए सर्टिफिकेट, डिप्लोमा व डिग्री पाठ्यक्रम तैयार कराये जाएं।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अग्निशमन अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी करने की व्यवस्था को और व्यावहारिक बनाए जाने के लिए इसमें बदलाव की आवश्यकता है। इसके साथ-साथ अन्य आवश्यक बदलावों को अंगीकार करते हुए फायर एक्ट को और बेहतर बनाया जाना चाहिए। महिला सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन के संकल्प की पूर्ति में ‘सेफ सिटी परियोजना’ अत्यन्त उपयोगी सिद्ध हो रही है। प्रदेश में इस परियोजना के माध्यम से लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के अन्तर्गत मॉडर्न कंट्रोल रूम, पिंक पुलिस बूथ, आशा ज्योति केन्द्र, सी0सी0टी0वी0 कैमरे, महिला थानों में हेल्प डेस्क, बसों में पैनिक बटन व अन्य सुरक्षा उपायों को लागू करने में सहायता मिली है। गृह, नगर विकास, आवास, संस्थागत वित्त और राज्य कर विभाग परस्पर बैठक कर जनसहयोग के माध्यम से सभी सार्वजनिक स्थानों पर सी0सी0टी0वी0 कैमरे, पिंक टॉयलेट, बसों में पैनिक बटन आदि सुरक्षा प्रबंध करने की कार्ययोजना तैयार करें।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हाल के समय में महिला सुरक्षा व अपराध नियंत्रण में सी0सी0टी0वी0 कैमरों की महत्वपूर्ण भूमिका का सभी ने अनुभव किया है। वर्तमान में स्मार्ट सिटी परियोजना के अन्तर्गत स्थापित इण्टीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेण्ट सिस्टम से शहरों की सुरक्षा व्यवस्था स्मार्ट हुई है। बड़ी संख्या में व्यापारीगणों ने सी0सी0टी0वी0 कैमरे लगाने में सहयोग किया है। हमें इसे एक मुहिम का रूप देना होगा। अन्तर्विभागीय समन्वय के साथ कन्वर्जेंस के माध्यम से वित्तीय प्रबंधन करते हुए अधिकाधिक शहरों को सेफ सिटी बनाने की कोशिश करनी होगी। सेफ सिटी परियोजना की उपयोगिता को देखते हुए सभी नगर निगमों तक इसका विस्तार किया जा सकता है। इस सम्बन्ध में कन्वर्जेंस को आधार बनाकर विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाए।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस देश का सबसे बड़ा नागरिक पुलिस बल है। उत्तर प्रदेश पुलिस अपनी प्रोफेशनल दक्षता, योग्यता और कार्यकुशलता के लिए आज देश-दुनिया में सराहना प्राप्त कर रही है। पुलिस बल के आधुनिकीकरण के लिए सभी जरूरी प्रयास किये जायें। उपकरण की जरूरत हो या ट्रेनिंग की, सभी आवश्यकताओं की पूर्ति तत्काल कराई जाए।इस अवसर पर नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना संजय प्रसाद, पुलिस महानिदेशक डी0एस0 चौहान, प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन नितिन रमेश गोकर्ण, सूचना निदेशक शिशिर सहित वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।