नहीं रहे नेताजी

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समाजवाद के प्रमुख स्तंभ और एक संघर्षशील युग का अंत—–योगी

सैफई में आज अंतिम संस्कार तीन दिन का राजकीय शोक। मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, सात बार सांसद और 8 बार विधायक। नेताजी मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को इटावा के सैफई में किसान परिवार में हुआ था। खांटी जमीनी सियासत के दम पर वह तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। 1996 से 1998 तक रक्षा मंत्री भी रहे। वह 8 बार विधायक और सात बार सांसद रहे। अभी वह मैनपुरी से सांसद थे।

समाजवादी राजनीति के पुरोधा, पूर्व रक्षामंत्री और यूपी के मुख्यमंत्री रहे ‘नेताजी’ मुलायम सिंह यादव नहीं रहे। सियासी विरोधियों के हर दांव को चित कर देने वाले धरतीपुत्र मुलायम (82) ने सोमवार को गुरुग्राम के मेदांता मेडिसिटी में अंतिम सांस ली। वह काफी समय से बीमार थे और दो अक्तूबर से उनका गंभीर हालत में इलाज चल रहा था। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था और जीवनरक्षक दवाएं दी जा रही थी। समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम का शव सोमवार को ही सैफई स्थित पैतृक आवास लाया गया। उनकी पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। मंगलवार दोपहर तीन बजे अंतिम संस्कार होगा।

मुलायम सिंह का निधन देश के लिए अपूरणीय क्षति है। वह साधारण परिवेश से आए पर उनकी उपलब्धियां असाधारण थीं। “धरतीपुत्र’ मुलायम दिग्गज नेता थे। उनका सम्मान सभी दलों के लोग करते थे। —– राष्ट्रपति

मुलायम सिंह का निधन बहुत दुखद है। उनका जाना देश के लिए बहुत बड़ी क्षति है। उनके साथ विशेष प्रकार का नाता रहा है। मुलायम सिंह और मैं जब मुख्यमंत्री के रूप में मिलते थे, दोनों ही एक दूसरे के प्रति अपनत्व का भाव अनुभव करते थे। 2014 के चुनाव में जब भाजपा ने मुझे प्रधानमंत्री पद के लिए आशीर्वाद दिया, तो मैंने उस समय विपक्ष के तत्कालीन कई नेताओं को फोन कर आशीर्वाद लिया था। ये ऐसे महानुभाव थे, जिनसे मेरा पहले से परिचय था, जो देश के वरिष्ठ राजनेता थे, लेकिन राजनीतिक रूप से हमारे विरोधी थे। मुझे याद है कि उस दिन मुलायम सिंह ने जो आशीर्वाद और सलाह दी वह आज भी मेरी अमानत है। नेताजी की सलाह मेरी अमानत —- नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सैफई पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उनके साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह सहित अन्य नेता भी मौजूद थे। उनके निधन के बाद पूरे प्रदेश में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। बिहार में भी एक दिन का शोक रहेगा। मुलायम के निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा व मनमोहन सिंह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत पक्ष-विपक्ष के सभी वरिष्ठ नेताओं ने शोक जताया है। गृहमंत्री अमित शाह श्रद्धांजलि देने मेदाता पहुंचे और उनके बेटे व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को ढाढ़स बंधाया। उनकी तबीयत तीन साल से खराब चल रही थी। उन्हें प्रोस्टेट, किडनी, सीने में संक्रमण, कम ऑक्सीजन स्तर, निम्न रक्तचाप जैसी समस्याएं थीं। करीब तीन माह पहले उनकी पत्नी साधना गुप्ता का भी निधन हो गया था।

योगी आदित्यनाथ श्रद्धा सुमन अर्पित करने सैफई पहुंचे। उन्होंने पीएम मोदी, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व यूपी सरकार की ओर से मुलायम के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित किए। उन्होंने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि मुलायम सिंह का निधन समाजवाद के एक प्रमुख स्तंभ और संघर्षशील युग का अंत है। वे एक जुझारू नेता थे। संघर्ष से तपे-बढ़े पांच दशक तक प्रदेश की राजनीति के केंद्र रहे विधान सभा तथा विधान परिषद में लंबे समय तक प्रतिनिधित्व किया। समाजवादी विचारधारा से जुड़े एक महत्वपूर्ण स्तंभ थे। उनका जाना अत्यंत दुखदायी है। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।