निषाद ने योगी को दिया खुला चैलेंज

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लौटनराम निषाद
निषाद पार्टी संजय निषाद एंड फॅमिली की प्रा.लि.लूट कम्पनी

निषाद ने योगी को दिया खुला चैलेंज,उत्तर प्रदेश के 86 एसडीएम में 56 यादव का झूठा प्रचार व मीडिया ट्रायल कराकर भाजपा ने अतिपिछड़ों में नफरत पैदा किया। मुख्यमंत्री 86 में 56 यादव एसडीएम की सूची पेश कर देंगे तो 5 कालिदास में स्वीपर का काम करूँगा।

लौटनराम निषाद

लखनऊ। भारतीय ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ.लौटनराम निषाद ने भाजपा व आरएसएस पर छल-कपट,झूठ-फरेब व नफरत की राजनीति करने का आरोप लगाया है।उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी गोरखनाथ मठ के मठाधीश होने के बाद भी गलतबयानी कर रहे हैं,जो नाथ पंथ के विरुद्ध आचरण है।गुरू गोरखनाथ जी ने साफ तौर पर कहा था कि कोई नाथ उपनाम लगा लेने से ही संत व योगी नहीं हो सकता।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने नेता प्रतिपक्ष के विरुद्ध तुम तड़ाक की जो अभद्र टिप्पणी किये वह अत्यंत निन्दनीय व शर्मनाक है।यही नहीं मुख्यमंत्री ने 86 में 56 यादव एसडीएम बनाने का झूठा आरोप लगाते हुए सपा सरकार को एक जाति की सरकार बताते हुए गला फाड़ रहे थे।पहली बात की मुख्यमंत्री ने सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश उर्फ पलटू राम राजभर की ओर इशारा करते हुए 46 में 56 यादव एसडीएम बनाने का बिल्कुल झूठा आरोप लगा रहे थे,उन्हें तो 46 व 86 का अंतर ही मालूम नहीं।निषाद ने अपने बयान में कहा, “गैर यादव पिछड़ी जातियों में यादवों के प्रति नफरत पैदा करने के लिए बिल्कुल झूठी खबर का मीडिया ट्रायल कराया

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उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग भर्ती परीक्षा-2011 के तहत 14 अगस्त,2013 को उत्तर प्रदेश संयुक्त राज्य/अधीनस्थ सेवा(मुख्य) परीक्षा-2011 का परिणाम घोषित किया गया।जिसके तहत कुल 389 पदों में सिर्फ 30 पद एसडीएम व 26 पद पीपीएस/डीएसपी के थे।उन्होंने कहा कि एसडीएम पद के 86 स्थान ही विज्ञापित नहीं थे तो 86 में 56 यादव एसडीएम कहाँ से हो गए। उन्होंने कहा कि 1951 से 2017 तक कभी एसडीएम के 86 पदों की भर्ती ही नहीं हुई तो 86 में 56 यादव कैसे? उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री 86 में 56 यादव एसडीएम की सूची सार्बजनिक कर देंगे तो हम 5 कालिदास स्थित मुख्यमंत्री आवास पर स्वीपर का काम करूँगा और मुख्यमंत्री का आरोप गलत निकले तो उन्हें जनता से क्षमा माँगते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर मठ में वापस जाना होगा।


भारतीय ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी लौटन राम निषाद ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने सुनियोजित और कूटरचित तरीके से मीडिया में यह खबर फैलाई है कि लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सचिव अनिल यादव ने 86 एसडीएम में 56 सिर्फ यादवों को चयनित करा दिया। इसके बाद आरएसएस कार्यकर्ताओं ने रातों-रात यूपी लोक सेवा आयोग को यादव आयोग लिख दिया। निषाद ने अपने बयान में कहा, “गैर यादव पिछड़ी जातियों में यादवों के प्रति नफरत भड़का कर भाजपा ने इनका वोट बैंक हथिया कर सत्ता को प्राप्त कर लिया जबकि सच्चाई यह रही कि अनिल यादव के कार्यकाल में कुल 97 एसडीएम चयनित हुए, जिसमें मात्र 14 यादव,18 अनुसूचित जाति और 29 गैर यादव पिछड़ी जातियों के हुए थे।आजतक पर पुण्य प्रसून बाजपेयी ने दस्तक नाम से आरएसएस के इशारे पर कार्यक्रम आयोजित कर झूठी खबर को प्रसारित किया।

उन्होंने कहा कि जब 86 एसडीएम में 56 यादव चयनित होने का झूठा मुद्दा उठाकर बवाल मचाया गया और गैर यादव पिछड़ी जातियों में यादवों के प्रति नफरत पैदा कराई गई तो 61 जजों में 52 सिर्फ सवर्ण जाति के चयनित हुए , इस पर चुप्पी क्यों साधी गई है। निषाद ने कहा, “एसडीएम चयन में और अन्य नौकरियों में सिर्फ यादवों की भर्ती का जो माहौल बनाकर गैर यादव पिछड़ी, अतिपिछड़ी जातियों में नफरत पैदा की गई और लोक सेवा आयोग के बोर्ड पर यादव सेवा आयोग लिखा गया, उत्तर प्रदेश सरकार उन नौकरियों पर श्वेत पत्र जारी करे।”उन्होंने बताया, “माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद 1993 में मंडल कमीशन के तहत अन्य पिछड़े वर्ग की जातियों को शिक्षा और सेवायोजन में 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया लेकिन अभी भी इन्हें मात्र 8.6 प्रतिशत ही प्रतिनिधित्व मिल पाया है। आखिर इसका क्या कारण है? क्या केंद्र सरकार अन्य पिछड़े वर्ग के लिए बैकलॉग भर्ती शुरू कर इनका कोटा पूरा करेगी? क्या अपने को पिछड़ी जाति का बताने वाले प्रधानमंत्री ओबीसी की जनगणना कराकर अनुच्छेद-15(4),16(4) के अनुसार ओबीसी को कार्यपालिका, विधायिका, न्यायपालिका में समानुपातिक कोटा देने का निर्णय लेंगे…? निषाद ने योगी को दिया खुला चैलेंज