मनरेगा मजदूरों सहित असंगठित मजदूरों की कोई गारंटी नहीं

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मनरेगा मजदूरों सहित असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है-उतर प्रदेश मनरेगा वर्कर यूनियन।

मनरेगा मजदूरों को आयुष्मान कार्ड,आवास,रोजगार उपलब्ध कराये मनुवादी फासिस्ट मोदी -योगी सरकार -कन्हैया शाही

लखनऊ/ बलिया। ट्रेड यूनियन सेंटर आफ इंडिया टीयूसीआई के केन्द्रीय समन्वय समिति के सदस्य और उत्तरप्रदेश के प्रभारी एवं उत्तर प्रदेश मनरेगा वर्कर यूनियन के अध्यक्ष कन्हैया शाही ने मनरेगा मजदूरों सहित असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा की गारंटी करने की मांग करते हुए कहा कि मनरेगा मजदूरों सहित असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है। टीयूसीआई नेता और उत्तरप्रदेश मनरेगा वर्कर यूनियन के अध्यक्ष कन्हैया शाही ने आज बलिया जिले के मनियर ब्लाक के सुल्तानपुर गांव में मनरेगा मजदूरों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सन 2008 मे असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा के लिए देश की संसद में कानून बनाया गया था लेकिन अभी तक इस कानून को लागू नहीं किया गया। मनरेगा मजदूरों सहित असंगठित मजदूरों की कोई गारंटी नहीं

सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद सन 2016 में नियमावली बनी लेकिन अभी तक कोई भी योजना चालू नहीं किया गया। पूरे देश ने कोविड-19 के समय मजदूरों की दुर्दशा को अपनी आंखों से देखा था। जगह-जगह मजदूरों के साथ अमानवीय और बर्बर व्यवहार किया गया। उन्हें भोजन, आवास जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए भी जूझना पड़ा था। कई मजदूर तो पैदल ही सुदूर इलाकों से अपने घरों के लिए चल पड़े थे, जिनकी त्रासदी पूरे देश की सुर्खियां बनी थी। ऐसी हालात में पूरे देश में मजदूरों का डेटाबेस बनाने और उनके लिए न्यूनतम सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की बात उभर कर सामने आई थी और सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को तत्काल इसे करने का निर्देश दिया था। इस निर्देश के बाद ई श्रम पोर्टल का निर्माण हुआ और देश भर में 28 करोड़ मजदूरों का पंजीकरण इस पोर्टल पर हुआ है। जिसमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में करीब 8.30 करोड़ मजदूर ई श्रम पोर्टल पर पंजीकृत हुए हैं। इन मजदूरों में 156 क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूर शामिल हैं। जिनमें प्रमुख खेत व ग्रामीण मजदूर, मनरेगा, निर्माण, घरेलू कामगार, वाहन चालक, रिक्शा, ठेला, बुनकर वा चिकनकारी समेत कुटीर और लघु उद्योगों में काम करने वाले, आंगनबाड़ी, आशा, मिड डे मील, ईट भट्टा, खनन आदि क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूर हैं।

इसमें यह नियम बनाया गया कि जिन मजदूरों को ईपीएफ व ईएसआई का लाभ मिलता है उन्हें छोड़कर सभी मजदूर शामिल रहेंगे। इतनी बड़ी संख्या प्रदेश के मजदूरों की है लेकिन डेढ़ साल बीतने के बावजूद इनके लिए कोई योजना प्रदेश सरकार के पास नहीं है। केंद्र व राज्य सरकार लाभार्थी के नाम पर बड़ा प्रचार करती है और उनके सुविधाएं देने की बड़ी-बड़ी घोषणाएं की जाती है। खुद प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के भाषणों का प्रमुख भाग ऐसी ही योजनाओं का महिमामंडन करना रहता है। ऐसे में हमने यह मांग की है कि ई श्रम पोर्टल पर जितने भी मजदूर पंजीकृत हैं उन्हें लाभार्थी की श्रेणी में शामिल किया जाए और सरकार की हर योजना का लाभ दिया जाए। प्रमुख रूप से मजदूरों को आयुष्मान कार्ड योजना, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवास योजना, 3000 रूपये मासिक पेंशन की गारंटी, मजदूरों के बच्चों को राइट टू एजुकेशन के तहत सभी विद्यालयों में मुफ्त शिक्षा की गारंटी, बच्चों की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति, मृत्यु होने पर 5 लाख का बीमा और दुर्घटना होने पर 5 लाख का बीमा, अंत्येष्टि लाभ और मजदूरों की बेटियों के विवाह के लिए सरकारी सहायता दी जाए।


टीयूसीआई एवं मनरेगा वर्कर यूनियन नेता ने कहा कि हमने जो मांग उठाई हैं वह पूरी तौर पर भारत के संविधान में दी गई व्यवस्था के तहत है। संविधान का अनुच्छेद 21, 39 और 41 भारत के हर नागरिक को गरिमापूर्ण जीवन के अधिकार को देता है। सुप्रीम कोर्ट तक ने कहा है कि हर नागरिक के गरिमापूर्ण जीवन की गारंटी करना सरकार का दायित्व है। इन्हीं अनुच्छेदों के तहत सामाजिक सुरक्षा कानून बना था, जिसकी धारा 4 में भविष्य निधि, नियोजन क्षतिपूर्ति, आवास, बच्चों की शिक्षा, कौशल विकास, अंत्येष्टि सहायता, वृद्धा अवस्था में सुरक्षा प्रमुख ध्येय रखे गए थे। कानून की धारा 3 में कहा गया जीवन सुरक्षा, स्वास्थ और प्रसूति सुरक्षा, वृद्धावस्था संरक्षण यह सब सरकार सुनिश्चित करेगी। बावजूद इसके जनबिरोधी मनुवादी फासिस्ट योगी सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। ऐसी स्थिति में हम और हमारी मनरेगा वर्कर यूनियन, एग्रीकल्चर वर्कर यूनियन, कंस्ट्रक्शन वर्कर यूनियन ने पूरे प्रदेश में मनरेगा मजदूरों सहित असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को संगठित करने और लोकतांत्रिक जनांदोलनों को खड़ा करने की यह पहल ली है और हम उम्मीद करेंगे कि आप सब इसमें बड़ी संख्या में शामिल होंगे और उत्तरप्रदेश मनरेगा वर्कर यूनियन का सदस्यता ग्रहण करेंगे और संविधान प्रदत्त अपने अधिकारों को हासिल करने के लिए आगे बढ़ेंगे हम आशा और विश्वास करते हैं कि आप सब लोग हमारे सहयोग से अपने बलिया जिले में इस पहल को बढ़ाने का काम करेंगे और उत्तरप्रदेश मनरेगा वर्कर यूनियन के साथ बड़ी संख्या में मनरेगा मजदूरों को जोड़ने का भी काम करेंगे। बैठक को रीना देवी, गीता देवी, श्रीनिवास, परशुराम वर्मा आदि नेताओं ने सम्बोधित किया। अध्यक्षता उषा देवी और संचालन अन्जू ने किया। मनरेगा मजदूरों सहित असंगठित मजदूरों की कोई गारंटी नहीं