अब जल्द ही रोडवेज बसें चलायेंगी महिला ड्राइवर

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अब जल्द ही उत्तर प्रदेश रोडवेज की बसों की स्टेयरिंग महिला ड्राइवर के हाथ में दिखेंगी।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश रोडवेज बसों की स्टीयरिंग जल्द ही महिला ड्राइवर के हाथ में भी दिखेगी। बस चलाने वाली 21 महिला ड्राइवरों का देश का पहला बैच तैयार हो गया है। कौशल विकास मिशन के तहत इन्हें उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम के विकास नगर स्थित मॉडल ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट में ट्रेनिंग दी गई है।सूत्रों के मुताबिक इन महिलाओं को रोडवेज के प्रदेश के अलग अलग डिपो में इसी महीने के अंत में तैनाती दे दी जाएगी। इन्हें इनके गृह जनपद के डिपो में 17 महीने तक बसों को चलाने का मौका दिया जाएगा। फिर इन्हें बतौर संविदा चालक रोडवेज में भर्ती किया जाएगा।यह अनूठी शुरुआत कौशल विकास मिशन और रोडवेज के संयुक्त प्रयास से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आठ मार्च 2020 को की गई थी। पहले इन्हें दो सौ घंटे की हल्के वाहन की ट्रेनिंग दी गई, जो 35 दिनों में पूरी हुई थी। फिर कोरोना के चलते कुछ दिन प्रशिक्षण प्रभावित रहा।

22 फरवरी 2022 से इन्हें चार सौ घंटों की हैवी वाहन यानी बस (एचएमवी) की ट्रेनिंग दी गई। 15 मई को यह ट्रेनिंग पूरी हो गई है। अब इनकी तैनाती की बारी है।पहले 17 महीने के लिए डिपो में तैनाती के दौरान इन्हें 6000 रुपये प्रति माह मानदेय मिलेगा। इस दौरान ये रोडवेज ड्राइवरों के साथ बतौर सहायक चालक काम करेंगी। इस ट्रेनिंग के बाद इसके बाद संविदा चालक के तौर पर मिली नौकरी में 1.59 रुपये प्रति किमी के हिसाब से मासिक मानदेय मिलेगा।मॉडल ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के प्रधानाचार्य एसपी सिंह ने बताया कि यह देश का पहला महिला ड्राइवरों का बैच है। इन्हें तैनाती देने का पत्र मुख्यालय को भेजा है।[/Responsivevoice]