नमामि गंगे योजना ने भारत की संस्कृति को किया पुनर्जीवित-योगी

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नमामि गंगे योजना ने भारत की नदी संस्कृति को किया पुनर्जीवित।यूपी में यमुना और गंगा मां का सबसे ज्यादा है आशीर्वाद।नमामि गंगे का ये अभियान यूपी में हुआ सफल,आज एक बूंद भी सीवर गंगा में नहीं गिरता।प्रदेश सरकार ने इस सीवर पॉइंट को सेल्फी पॉइंट में बदला। 2014 में केंद्र सरकार ने गंगा नदी के प्रदूषण को समाप्त करने और नदी को पुनर्जीवित करने के लिए ‘नमामि गंगे’ नामक एक एकीकृत गंगा संरक्षण मिशन का शुभारंभ किया है| इस योजना का क्रियान्वयन केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा शुरू किए गए नमामि गंगे का अभियान आजादी के बाद भारत की नदी संस्कृति को पुनर्जीवित करने की महत्वपूर्ण योजना बनी। ये बातें रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक कार्यक्रम में कहीं। गंगा यात्रा कार्यक्रम में पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 25 सौ किलोमीटर के अपने लंबे प्रवाह में पांच राज्य में से यूपी में यमुना और गंगा मां का सबसे ज्यादा आशीर्वाद है। मां गंगा से जुड़ी योजनाएं पहले भी बनती थी 1986 में गंगा एक्शन प्लान कार्य शुरू भी हुआ। केंद्र व राज्य सरकारों को मिलकर इस योजना से जुड़कर कार्य करना था इस एक्शन प्लान में बिहार, बंगाल उत्तर प्रदेश तीन राज्य थे। लेकिन नमामि गंगे योजना के पहले हमने जब गंगा नदी का मूल्यांकन किया तो पता चला की गंगा सर्वाधिक प्रदूषित है।उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि नमामि गंगे का ये अभियान यूपी में सफल हुआ। उत्तर प्रदेश के कानपुर में गंगा की स्थिति पीड़ादायक थी। इसके जल में जीव नष्ट हो जाते थे। लगातार 100 साल से सीसामऊ से रोज 14 करोड़ लीटर सीवर इसमें गिरता था। लेकिन हमारी सरकार ने इस सीवर पॉइंट को सेल्फी पॉइंट में बदला। आज एक बूंद भी सीवर गंगा में नहीं गिरता है और जल के साथ जीव भी यहां सुरक्षित हैं। प्रयागराज के 2019 में आयोजित हुए कुंभ की सफलता की कहानी भी स्वच्छता और अविरल निर्मल गंगा की गाथा को कहती है। हमारी सरकार ने न सिर्फ गंगा मां पर बल्कि उसकी सहायक 10 नदियों पर भी अपना ध्यान केंद्रित किया। प्रयागराज के कुंभ में करोड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और गंगा के निर्मल अविरल से आचमन भी किया। उन्होंने कहा कि कोई भी योजना तब सफल होती है जब सरकार के साथ समाज भी उसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा लेता है। और इस योजना की सफलता भी हमें तभी मिली जब समाज ने हमारा साथ दिया।

गंगाजल आचमन और पूजा करने योग्य-योगी

काशी में गंगा निर्मल दिखती है आज गंगाजल आचमन और पूजा करने योग्य हो गया है। यहां डॉल्फिन भी दिखाई देती है। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की योजना को ध्यान में रखते हुए नदियों में कचरे के प्रवाह को रोकने का कार्य किया। जिसमें से अब तक 46 में से 25 का काम पूरा हो चुका है, 19 में काम चल रहा है और दो कार्य प्रगति पर है। आज हमारी सरकार इस योजना को आगे बढ़ा रही है। शवदाह गृह को आधुनिक किया जा रहा है। तकनीक को अपनाकर निर्मल गंगा को बनाने का काम किया जा रहा है। मुझे लगता है कोई भारतीय ऐसा नहीं होगा जो गांव का नाम लेकर आचमन न करता हो। आज सरकार के साथ समाज को भी एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सिर्फ गंगा ही नहीं गंगा के साथ उसकी 10 सहयोगी नदियों को भी ध्यान में रखकर अपना योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सबको नदियों में कूड़ा कचरा डालने से बचना होगा आज नमामि गंगे की सफलता के पीछे लोगों का बहुत बड़ा सहयोग रहा है। हमारी सरकार लगातार इन नदियों के उत्थान पर कार्य कर रही है। जो ड्रेनेज व सीवर के लिए अलग से व्यवस्था की जा रही है। साल 2019 में गंगा परिषद बैठक में हमने गंगा यात्रा निकाली, जो बिजनौर से कानपुर और कानपुर से बिजनौर तक निकली।गंगा जी एवं उनकी सहायक नदियों के संरक्षण, सुरक्षा, प्रबन्धन के उद्देश्य से प्रधानमंत्री जी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय गंगा परिषद का गठन किया गया है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार ने वर्ष 2019 में कानपुर में राष्ट्रीय गंगा परिषद की पहली बैठक आयोजित की थी। लोगों में नदी संस्कृति की जागरूकता हेतु वर्ष 2020 में राज्य सरकार ने बिजनौर से कानपुर तक और बलिया से कानपुर तक गंगा यात्रा आयोजित की थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार गंगा जी के तटवर्ती क्षेत्रों में प्राकृतिक खेती एवं बागवानी करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रही है। गंगा जी के किनारे गंगा उद्यान एवं गंगा पार्क विकसित किये जा रहे हैं तथा गंगा घाटों का निर्माण कराया जा रहा है। राज्य सरकार बागवानी कार्य के प्रोत्साहन हेतु प्रदेश के किसानों को निःशुल्क पौधे एवं 03 वर्ष तक सब्सिडी उपलब्ध करा रही है। गंगा, यमुना, राप्ती, गोमती सहित प्रदेश की विभिन्न नदियों के किनारे वृक्षों की श्रृंखला विकसित की जा रही है।


गंगा के उत्थान के साथ हम प्राकृतिक खेती और किसानों की मदद कर रहे हैं। आज गंगा के दोनों तटों पर बागवानी, गंगा नर्सरी, गंगा घाट, गंगा पार्क स्थापित हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि सर्वाधिक प्रवाह यूपी में होने के कारण आज हमारी सरकार ने दोनों तटों पर वृक्षारोपण, किसानों को फ्री में पौधा और 3 साल की सब्सिडी देने के कार्यक्रम को तेजी से चल रहे हैं। जिसको हम निरंतर युद्ध स्तर पर बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। मेरी सभी से अपील है कि समाज गंगा की धारा को निर्मल और अविरल बनाने में आगे आए। हमारी सरकार ने गंगा समिति का गठन जनपद और राज्य स्तर पर किया है जिसके तहत लगातार कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है।प्राचीन काल से ही हमारे यहां जल संरक्षण के कार्य को पवित्र कार्य माना जाता रहा है। प्रदेश के सभी गांवों में तालाबों के पुनरुद्धार के कार्य करने होंगे। स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत स्वच्छता अभियान से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ना होगा और जल संरक्षण के विराट अभियान को समग्र गंगा अभियान से जोड़ना होगा। आने वाली पीढ़ी को अपनी जिम्मेदारियां अपने हाथों में लेनी होंगी। उन्होंने कहा कि पुण्य सलिला मां गंगा और उसकी सहायक नदियों की अविरलता एवं निर्मलता के लिए गंगा समग्र संगठन उल्लेखनीय कार्य कर रहा है।