अधिकारी वृक्षारोपण प्रगति की नियमित समीक्षा करें

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कृशि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ0 अरूण कुमार सक्सेना ने वृक्षारोपण जन आंदोलन, 2022 की समीक्षा की।प्रदेश को हरा भरा कर स्वच्छ पर्यावरण उपलब्ध करवाना प्रदेश सरकार की शीर्ष प्राथमिकता।विभागीय अधिकारी वृक्षारोपण प्रगति की नियमित अनुश्रवण व समीक्षा करें।रिक्त बंजर व वेस्टलैण्ड की पुनर्स्थापना एवं कृशि वानिकी को प्रोत्साहन हेतु कृशकों की भूमि पर अधिक से अधिक रोपण किया जाए -सूर्य प्रताप शाही


वृक्षारोपण अभियानों के सफल क्रियान्वयन द्वारा वन आवरण तथा वृक्षावरण को वर्ष 2030 तक 15 प्रतिशत तक बढ़ाने की योजना। प्रत्येक ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, म्युनिसिपल बोर्ड, म्युनिसिपल कार्पोरेशन में अमृत वन की स्थापना किया जाना प्रस्तावित -डॉ0 अरूण कुमार सक्सेना


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कृशि मंत्री सूर्य प्रताप षाही और वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), डॉ0 अरूण कुमार सक्सेना ने अरण्य भवन स्थित पारिजात कक्ष में वृक्षारोपण जन आंदोलन, 2022 की समीक्षा की। मंत्रिगणों ने कहा कि प्रदेष को हरा भरा कर स्वच्छ पर्यावरण उपलब्ध करवाना प्रदेष सरकार की षीर्श प्राथमिकता है। अन्तर्विभागीय समन्वय एवं व्यापक जन सहभागिता से रोपित किए गए पौध भावी पीढ़ी को स्वच्छ वायु, जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों से सुरक्षा, प्रकाश्ठ आधारित उद्योगों को कच्चे माल की आपूर्ति एवं कार्बन क्र्रेडिट सृजित करने में सहायक सिद्ध होंगे।


श्री शाही ने ग्राम्य विकास, कृशि, पंचायती राज, राजस्व, रेषम व पषुपालन विभाग सहित विभिन्न विभागों के वरिश्ठ अधिकारियों को निर्देषित किया कि वृक्षारोपण जन आंदोलन, 2022 के सफल क्रियान्वयन हेतु विभागों को आवंटित वृक्षारोपण कार्य में गुणवत्ता, पारदर्षिता व समयबद्धता सुनिष्चित करने के साथ ही रिक्त बंजर व वेस्टलैण्ड की पुनर्स्थापना, राजकीय विभागों व संस्थाओं की ऐसी रिक्त भूमि जहॉं बाउण्ड्री वॉल हो एवं कृशि वानिकी को प्रोत्साहन हेतु कृशकों की भूमि पर अधिक से अधिक रोपण किया जाए। कृशि मंत्री ने समीक्षा बैठक में उपस्थित वरिश्ठ विभागीय अधिकारियों को वृक्षारोपण प्रगति की नियमित अनुश्रवण व समीक्षा करने का निर्देष दिया।


राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पर्यावरण, वन, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तर प्रदेष डा0 अरूण कुमार सक्सेना ने कृशि मंत्री व अभ्यागतों का स्वागत करते हुए कहा कि भारतीय वन स्थित रिपोर्ट 2021 के अनुसार प्रदेश में वनावरण व वृक्षावरण में 91 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है। वृक्षारोपण अभियानों के सफल क्रियान्वयन द्वारा वन आवरण तथा वृक्षावरण को वर्ष 2030 तक 15 प्रतिशत तक बढ़ाने की योजना है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में विशिष्ट प्रकार के रोपण यथा नगर वन, अमृत वन, शक्ति वन, फूड फारेस्ट, नक्षत्र वाटिका, नवग्रह वाटिका, हरिशंकरी, पंचवटी आदि विकसित किए जा रहे है। विशेष रूप से अमृत वन की स्थापना प्रत्येक ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, म्युनिसिपल बोर्ड, म्युनिसिपल कार्पोरेशन में किया जाना प्रस्तावित है। भारत सरकार तथा राज्य सरकार के वित्त पोषण से विभागीय योजनाओं द्वारा वृक्षारोपण, पौधशाला प्रबन्धन, कृषि वानिकी, नमामि गंगे योजनान्तर्गत नदी के तट पर वृक्षारोपण आदि कार्य कराये जा रहे हैं।


मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वृक्षारोपण के माध्यम से हरीतिमा संवर्धन के दृश्टिगत मा0 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पर्यावरण, वन, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तर प्रदेष ने समस्त विभागों से अनुरोध किया कि प्रदेश की समृद्ध जैव विविधता के संरक्षण, पारिस्थितिकी तंत्र की निरन्तरता, पर्यावरण की सुरक्षा एवं स्वच्छता हेतु मिल-जुलकर भागीदार बने तथा वृक्षारोपण जन आन्दोलन 2022 में 35 करोड़ पौधे के रोपण में अपना सक्रिय योगदान दें।समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तर प्रदेष षासन, मनोज सिंह, अपर मुख्य सचिव, कृशि, उत्तर प्रदेष षासन, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, ममता संजीव दूबे, वरिश्ठ वनाधिकारियों, अपर आयुक्त मनरेगा एवं ग्राम्य विकास, कृशि, पंचायती राज, राजस्व, रेषम एवं पषुपालन विभाग के षीर्शस्थ अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।