कासगंज कांड में पुलिस का बड़ा एक्शन, एनकाउंटर में एक आरोपी ढेर

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उत्तर प्रदेश – उत्तर प्रदेश के कासगंज में पुलिस की टीम पर हमला करनेवाले शराब माफिया गिरोह और पुलिस के बीच एनकाउंटर में एक आरोपी के मारे जाने की खबर है। जानकारी के मुताबिक पुलिस ने एनकाउंटर में कासगंज कांड के मुख्य आरोपी मोती ढीमर के भाई एलगार सिंह को मार गिराया। एलगार सिंह सिपाही देवेंद्र की हत्या में शामिल था। कासगंज कांड में शराब माफियाओं ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया था। इस हमले में एक कॉन्स्टेबल शहीद हो गया था जबकि दारोगा घायल हो गए थे।


बिकरू हत्याकांड की यादें ताजा जानकारी के मुताबिक, जिले के थाना सिढ़पुरा क्षेत्र के गांव नगला धीमर में घटी इस घटना ने सूबे के कानपुर में हुए बिकरू हत्याकांड की यादें ताजा कर दीं जिसे विकास दुबे ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर अंजाम दिया था। बताया जा रहा है कि कासगंज जिले में पुलिस अवैध शराब का कारोबार करने वाले कारोबारियों पर कार्रवाई करने गई थी, लेकिन इसी दौरान उनके ऊपर जानलेवा हमला हो गया।


दारोगा घायल, कान्स्टेबल की मौत जानकारी के मुताबिक, हमले के बाद जब पुलिसबल ने इलाके की कॉम्बिंग की तो उन्हें बुरी तरह घायल दारोगा अशोक खून से लथपथ मिले। वहीं, हमले में घायल हुए सिपाही देवेंद्र ने भी कुछ देर में दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि दारोगा अशोक और सिपाही देवेंद्र को आरोपियों ने बंधक बना लिया था, जिसके बाद पुलिस टीम उनकी तलाश में निकली थी। इसी बीच पुलिस को अपने साथी मिल गए। अपने दारोगा और सिपाही का यह हाल देखकर पुलिसकर्मियों में हड़कंप मच गया।


एनएसए तहत कार्रवाई के निर्देश – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए वारदात में शामिल तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री ने घटना में शहीद हुए सिपाही के परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और एक आश्रित को नौकरी देने का ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने साथ ही निर्देश दिए हैं कि घटना में शामिल तत्वों पर सख्त कार्रवाई करते हुए उनपर एनएसए लगाया जाए।


जिलाधिकारी चंद्रप्रकाश सिंह ने मंगलवार देर रात संवाददाताओं को बताया “सिढ़पुरा थाने के दरोगा अशोक कुमार और आरक्षी देवेंद्र नगला धीमर गांव में एक वांछित अपराधी की तलाश में गए थे वहां दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी है, जिसमें हमारे साथी सिपाही देवेंद्र शहीद हो गए।” घायल दरोगा अशोक कुमार ने अस्पताल में इलाज के दौरान बताया कि वह सिपाही देवेंद्र के साथ मोती नामक अपराधी को वारंट की तामील कराने गए थे तभी उसके साथियों ने उन्हें पकड़ लिया और बेइंतेहा मारा पीटा। इस वारदात में सिपाही देवेंद्र की मौत हो गई।