अग्निवीर योजना से युवाओं को मौका….!

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केंद्रीय गृह मंत्रालय सहित कई राज्यों ने कहा है कि वे अपने बलों की भर्ती में ‘अग्निवीरों’ को वरीयता देंगे। इसके बावजूद इस योजना के खिलाफ कई राज्यों में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। बिहार सहित कई राज्यों में छात्र सड़क पर उतरे हैं और हिंसक प्रदर्शन किया है। सरकार के सूत्रों का कहना है कि इस योजना को लेकर मिथ (भ्रांतियां) फैलाए जा रहे हैं। सूत्रों ने इस योजना के बारे में मिथ की जगह फैक्टस बताएं हैं और भ्रांतियां दूर करने की कोशिश की है। युवाओं को मौका देने के लिए सरकार ने अपनी महात्वाकांक्षी ‘अग्निपथ’ योजना लॉन्च की है। इस योजना के तहत देश के युवाओं को थल सेना, वायु और नौसेना में चार साल तक सेवा देने का सुनहरा अवसर प्राप्त होगा। चार साल तक तीनों सेनाओं में सेवा देने वाले ये जवान ‘अग्निवीर’ कहलाएंगे। सरकार का कहना है कि चार साल की सेवा के बाद 25 प्रतिशत जवानों को सेना में स्थायी नौकरी दी जाएगी जबकि 75 प्रतिशत जवानों को सरकार के विभिन्न विभागों एवं उपक्रमों की भर्ती में वरीयता दी जाएगी। पढ़ने और कारोबार करने के इच्छुक ‘अग्निवीरों’ को सरकार सर्टिफिकेट एवं वित्तीय मदद उपलब्ध कराएगी।    

सेना की रेजिमेंटल प्रणाली में अग्निपथ स्कीम सेे कोई बदलाव नहीं होगा। पहले साल में भर्ती होने वाली अग्निवीरों की संख्या कुल सशस्त्र सैन्य बलों का तीन प्रतिशत होगी। देश के कई हिस्सों में इस नई स्कीम के खिलाफ युवाओं द्वारा किए जा रहे हिंसक प्रदर्शन के बीच सरकारी सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।सूत्रों ने बताया कि स्कीम का लक्ष्य युवाओं के लिए सैन्य बलों में अवसर बढ़ाना है। इसके तहत सशस्त्र सेना में मौजूदा एनरोलमेंट से करीब तीन गुना सैनिकों की भर्ती होगी। हालांकि इसकी निश्चित समय अवधि अभी नहीं बताई जा सकती। उल्लेखनीय है कि सरकार ने थल सेना, वायुसेना और नौसेना में चार साल के अनुबंध पर सैनिकों की भर्ती के लिए यह योजना शुरू की है।इसे दशकों पुरानी सेना भर्ती प्रणाली में बड़ा बदलाव माना जा रहा है। इसके तहत साढ़े 17 से 21 साल के युवाओं को सेना के तीनों अंगों में शामिल किया जाएगा। चार साल की सेवा पूरी होने पर 25 प्रतिशत को नियमित सेवा में रखा जाएगा, वहीं 4 में से 3 अग्निवीर आगे सेवा जारी नहीं रख पाएंगे। उनके लिए सरकार शिक्षा, नौकरी व कारोबार के लिए कई अन्य विकल्प पेश कर रही है।

रेजिमेंटों को मिलेंगे श्रेष्ठ अग्निवीर : सूत्रों ने बताया कि अग्निपथ योजना से कई रेजिमेंटों की संरचना को लेकर संशय जताए जा रहे थे। इनमें निश्चित क्षेत्र या राजपूत, जाट, सिख आदि जातियों से भर्तियां होती हैं। सूत्रों के मुताबिक अग्निपथ से रेजिमेंटल प्रणाली पर कोई असर नहीं होगा। बल्कि उन्हें श्रेष्ठ अग्निवीर मिलेंगे। इससे उनकी यूनिटों का सामंजस्य और बेहतर होगा।सेना के अधिकारियों ने बताया कि पहले साल अग्निवीरों का सेना में अनुपात बहुत बेहिसाबी नहीं होगा। इस योजना के तहत नियुक्त जवानों का प्रदर्शन चार साल बाद परखकर उन्हें फिर सेना में शामिल किया जाएगा। ऐसे में सेना को सुपरवाइजर रैंक के लिए जांचे-परखे लोग मिलेंगे।सेना में चार साल के लिए युवाओं को अग्निवीर के तौर पर भर्ती की अग्निपथ योजना का विरोध बढ़ता जा रहा है। प्रदेश के विभिन्न शहरों में योजना के खिलाफ सेना भर्ती के हजारों अभ्यर्थी सड़कों पर उतर आए व जुलूस निकालते हुए उग्र प्रदर्शन किया।

पिछले 2 साल में सेना में युवाओं को भर्ती होने का अवसर नहीं मिल पाया, इसलिए प्रधानमंत्री ने ‘अग्निवीरों’ की भर्ती की आयु सीमा को इस बार बढ़ाकर 21 की जगह 23 वर्ष कर दिया गया। इससे बहुत से नौजवानों को अग्निवीर बनने की पात्रता मिल जाएगी।

‘अग्निवीरों’ का भविष्य असुरक्षित है….?

 सेना से रिटायर होने के बाद ऐसे ‘अग्निवीर’ जो कारोबार शुरू करना चाहेंगे उन्हें वित्तीय मदद दी जाएगी। उन्हें बैंक लोन भी मिलेगा। ऐसे ‘अग्निवीर’ जो आगे पढ़ाई करना चाहेंगे उन्हें 12वीं कक्षा के बराबर का सर्टिफिकेट एवं ब्रिजिंग कोर्स जाएगा। इन्हें सीएपीएफ एवं राज्यों की पुलिस की भर्ती में वरीयता दी जाएगी। सरकार के अन्य उपक्रमों में भी इन्हें समायोजित किया जाएगा। 

अग्निवीर 4 साल बाद सेना से बाहर हो जाएंगे, उसके बाद क्या करेंगे, क्या गलत रास्ते पर नहीं जाएंगे….?

अग्निवीर में से 25 पर्सेंट को सेना में रेगुलर कर लिया जाएगा जबकि 75 पर्सेंट बाहर होंगे। गृह मंत्रालय ने ऐलान किया है कि उन्हें सीएपीएफ और असम राइफल्स में प्राथमिकता दी जाएगी। यूपी और उत्तराखंड सरकार ने भी राज्य पुलिस में प्राथमिकता देने की बात कही है। चार साल बाद उनके पास 11.7 लाख रुपये का बैंक बैलेंस भी होगा। जिसका इस्तेमाल वे आगे अपना काम करने के लिए कर सकते हैं।


अग्निवीर ऑल इंडिया ऑल क्लास बेस पर आएंगे। पुराना रेजिमेंटेशन सिस्टम खत्म होगा जबकि सेना नाम, नमक, निशान पर चलती है। क्या लगाव खत्म नहीं होगा….?

इंडियन आर्मी के वाइस चीफ लेफ्टिनेंट जनरल बी.एस. राजू ने कहा कि रेजिमेंटेशन का मतलब सिर्फ एक समुदाय से आने वाले लोग ही नहीं है। इसका मतलब है कि साथ रहना, साथ खाना, साथ बैठना, साथ ट्रेनिंग करना, साथ लड़ना। अब भी उनमें यह लगाव बना रहेगा। वह साढ़े तीन साल साथ रहेंगे और जो 25 पर्सेंट जो परमानेंट होंगे वह बटालियन में ही रहेंगे। अभी भी सेना में 75 पर्सेंट यूनिट में ऑल इंडिया ऑल क्लास ही हैं। फाइटिंग फॉर्मेंशन में कुछ फिक्स्ड क्लास हैं। अगर हम राष्ट्रीय राइफल को देखें तो उसमें अलग अलग रेजिमेंट से आकर लोग काउंटर इनसरजेंसी ऑपरेशन भी कर रहे हैं, लाइन ऑफ कंट्रोल में भी हैं और अब तो लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल में भी तैनात हैं।
अग्निपथ के तहत भर्ती कब शुरू होगी और कितने लोगों की होगी….?

आर्मी की रिक्रूटमेंट रैली 90 दिन में हो जाएगी। करीब 180 दिन बाद पहले चरण के अग्निवीर रिक्रूटमेंट सेंटर में पहुंच जाएंगे और एक साल में अग्निवीर भारतीय सेना की बटालियन का हिस्सा हो जाएंगे। पहले साल आर्मी में 40 हजार, नेवी में 3 हजार और एयरफोर्स में करीब 3500 अग्निवीरों की भर्ती होगी।

क्या समाज के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं ‘अग्निवीर’, आतंकवादी बन सकते हैं…?

ऐसी सोच भारतीय सेना के मूल्यों एवं परंपरा के खिलाफ है। एक बार सेना की वर्दी पहन चुके युवा हमेशा देश और समाज के प्रति वफादार रहेंगे। सशस्त्र सेनाओं से हर साल हजारो लोग रिटायर होते हैं, उनके पास कौशल होता है, वह देशविरोधी गतिविधियों में शामिल हुए हों, ऐसा एक भी मामला नहीं आया है।
क्या आर्मी में उम्र की 21 साल की सीमा जीडी के लिए ही हैं, क्लर्क और ट्रेडमैन के लिए क्या उम्र है…?

आर्मी ने साफ किया है कि सभी भर्तियां अग्निपथ के तहत ही होंगी। और सबके लिए उम्र की सीमा साढ़े सत्रह साल से 21 साल के बीच ही है।
भर्ती का दिसंबर 2019 में नोटिफिकेशन आया था 20 साल की सर्विस के लिए। लिखित, फिजिकल, मेडिकल सब होगा, पीएलएस भी आ गई थी, अब क्या होगा…?

सभी पुरानी प्रक्रियाएं अब आगे नहीं बढ़ेंगी। अग्निपथ के तहत ही सभी भर्ती होंगे और उसके लिए 90 दिन में रिक्रूटमेंट रैली होगी। अग्निपथ के तहत ही अप्लाई करना होगा।
दो साल से एयरफोर्स एनरोलमेंट लिस्ट का इंतजार कर रहे हैं, आगे क्या….?

अग्ननिपथ के तहत की आर्मी, नेवी और भर्ती होंगी। पुरानी प्रक्रिया में अब आगे कुछ नहीं होगा।
क्या आर्मी का वह एग्जाम होगा जिसका मेडिकल और फिजिकल पहले हो गया था…..?

नए सिरे से अग्निपथ के लिए अप्लाई करना होगा। 90 दिन में आर्मी की पहली रिक्रूटमेंट रैली हो जाएगी।
10 वीं 12 वीं पास करेंगे अग्निवीर बनेंगे, आगे पढ़ना हो तो क्या करेंगे?

4 साल में सेना में रहते उन्हें स्किल ट्रेनिंग दी जाएगी। शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि उनके लिए तीन साल का स्किल ट्रेनिंग आधारित ग्रेजुएशन डिग्री कोर्स शुरू किया जाएगा। इसे इग्नू बनाएगा और चलाएगा। अग्निवीरों को पहले साल ग्रेजुएशन सर्टिफिकेट, दूसरे साल ग्रेजुएशन डिप्लोमा और तीसरे साल ग्रेजुएशन डिग्री मिल जाएगी।
सेना में अग्निवीर हर साल भर्ती होंगे, महज 25 पर्सेंट परमानेंट होंगे तो एक ऐसा वक्त आएगा जब अग्निवीर ज्यादा और परमानेंट सैनिक कम हो जाएंगे…..?

इंडियन आर्मी के वाइस चीफ ने कहा कि अधिकतम 50 पर्सेंट ही अग्नवीर होंगे और यह रेशियो अधिकतम 50 : 50 रहेगा। इससे ज्यादा नहीं होगा। अगर आगे कोई दिक्कत आती है तो जरूरी बदलाव के लिए भी हम तैयार हैं।
एयरफोर्स में एयरमैन का एग्जाम देने वाले लोगों का अब क्या होगा….?

सेना ने साफ किया कि अब सभी भर्तियां अग्निपथ स्कीम के तहत ही होंगी और इससे यह साफ है कि पुराने एग्जाम की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ेगी।
उन लोगों का क्या होगा जो सेना में भर्ती के लिए मेडिकल और फिजिकल टेस्ट पास कर चुके हैं एग्जाम का इंतजार कर रहे हैं….?

अब सेना में सभी भर्तियां अग्निपथ स्कीम के जरिए ही होंगी और भर्ती के लिए युवाओं को अग्निपथ स्कीम के तहत ही अप्लाई करना होगा। पुराने मेडिकल या फिजकल टेस्ट को नहीं मान्य नहीं होंगे।
पिछले 2 साल से सेना में कोई भर्ती नहीं हुई है क्या सेना में जाने वाले इच्छुक लोगों को उम्र में छूट मिलेगी…..?

युवाओं की मांगों में एक यह भी है कि उम्र में छूट दी जाए क्योंकि दो साल से भर्ती नहीं हुई है। हालांकि सरकार ने भी माना है कि कोविड की वजह से भर्ती रुकी रही लेकिन अग्निपथ स्कीम के तहत भर्ती में उम्र में किसी भी तरह की छूट की घोषणा नहीं की गई है। साढ़े 17 साल से 21 साल के बीच के युवा ही अग्निपथ में अप्लाई कर पाएंगे।
सेना में अस्थायी नौकरी के भरोसे क्या युवा इसमें आने को लेकर उत्सुक होंगे….?

एयरफोर्स चीफ ने कहा कि हम युवाओं को एक साथ तीनों मौकें दे रहे हैं। उन्हें अच्छी सैलरी मिलेगी, चार साल में बैक बैलेंस हो जाएगा। स्किल ट्रेनिंग भी दी जाएगी। ट्रेनिंग के क्रेडिट पॉइंट उन्हें मिलेंगे। यह चार साल बाद हायर एजुकेशन लेने में सहायता करेगा।
अधिकतम उम्र 21 साल रखी गई है तो क्या यह सभी पदों के लिए है….?

सेना ने साफ किया है कि सभी भर्तियां अग्निपथ के तहत होंगी और इसमें भर्ती की उम्र साढ़े 17 साल से 21 साल के बीच ही है।
सेना में परमानेंट होने का कितना चांस है? परमानेंट नहीं होने वाले अग्निवीर 4 साल के बाद क्या करेंगे……?

अग्निवीर के हर बैच से अधिकतम 25 पर्सेंट को परमानेंट करने का विकल्प दिया गया है। बाकी की सर्विस 4 साल की ही रहेगी। लेकिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के दिए जवाब के अनुसार, चिंता की बात नहीं है क्योंकि कई मंत्रालय, पीएसयू और कुछ राज्य भी अग्निवीरों को लेने पर सहमत हुए हैं।
क्या सेना की तरह पेंशन और एक्स सर्विसमैन को मिलने वाली दूसरी सुविधाएं मिलेंगी….?

इस स्कीम में ऐसा नहीं है। 4 साल बाद न तो पेंशन मिलेगी, ना ही एक्स सर्विसमैने को मिलने वाली दूसरी सुविधाएं। 4 साल की सर्विस में उन्हें 30 हजार रुपये से लेकर 40 हजार रुपये तक की सैलरी मिलेगी। सेवा निधि स्कीम के तहत जो पैसे जमा होंगे वह उन्हें मिलेंगे।
क्या अग्निपथ स्कीम का उद्देश्य सिर्फ सेना का खर्च कम करना है…..?

यह सही है कि डिफेंस बजट का एक बड़ा हिस्सा पेंशन में खर्च हो जाता है और कई बार इस पर चर्चा हुई कि पेंशन का खर्च कम किया जाए ताकि उस पैसे को सेना के मॉर्डनाइजेशन में इस्तेमाल किया जा सके। हालांकि गृहमंत्री राजनाथ सिंह के अनुसार बचत करना उद्देश्य नहीं है। उन्होंने कहा कि आर्म्ड फोर्स की जितनी जरूरत है उतना खर्च करने को तैयार हैं।

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