हमारा संकल्प फाइलेरिया मुक्त गांव …..!!!!

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अपर जिला मजिस्ट्रेट ने डीईसी व एलवेण्डाजाल की दवा खा कर किया फाइलेरिया अभियान का शुभारम्भ,सामूहिक दवा सेवन अभियान |


योध्या | आज कलेक्ट्रेट सभागार में अपर जिला मजिस्ट्रेट अमित सिंह पाथ संस्था के रीजनल नोडल डॉ .अली आतिफ सिद्दीकी ने संयुक्त रूप से सामूहिक दवा सेवन अभियान में अलबेंडाजोल व डीईसी दवा खाकर अभियान का शुभारम्भ किया | मौके पर उपस्थित मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजय राजा , अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी वीबीडी डॉ. अंसार अली , जिला मलेरिया अधिकारी एमए खान , फायलेरिया नियंत्रण अधिकारी डी के श्रीवास्तव व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने फाईलेरिया की एल्बेंडाजोल व डीईसी की दवा खाई ।एडीएम ने बताया कि कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के अनुसार शारीरिक दूरी (दो गज की दूरी), मास्क और हाथों की साफ़-सफाई का अनुपालन करना है | अपर जिला मजिस्ट्रेट अमित सिंह ने बताया कि यह अभियान सरकार ने राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश के 19 19 जनपदों चलाया जा रहा है |

‘’हम सब या संकल्प लेते हैं कि हम फाइलेरिया बीमारी को खत्म करने में अपना सहयोग देंगे 22 नवंबर 2021 से फाइलेरिया रोधी दवा आशा दीदी के निर्देश अनुसार उनके सामने खाएंगे एवं घर के अन्य सदस्यों को और अपने गांव के लोगों को प्रेरित करेंगे ’’

इस अवसर पर एडीएम अमित सिंह ने जन सामान्य से अपील की है कि जनपद 24 लाख लोगों को दवा खिलाई जानी। सभी लोग सहयोग करे एडीएम ने निर्देशित किया कि राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत लिम्फैटिक फाइलेरियासिस के उन्मूलन के लिए आज से 7 दिसम्बर 2021 तक जनपद में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) राउंड चलाया जा रहा है । अभियान के दौरान स्वास्थ्यकर्मी घर घर जाकर फाइलेरिया से बचाव के लिए दवाएं लोगों तक अपने सामने खिलाएंगे | जिले में हर व्यक्ति को इन दवाइयों का सेवन करना है। केवल 2 साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को यह दवाएं नहीं दी जाएंगी। कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के अनुसार शारीरिक दूरी (दो गज की दूरी), मास्क और हाथों की साफ़-सफाई का अनुपालन करते हुए |इस बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए मीडिया की भूमिका बहुत सशक्त है क्योंकि समुदाय में प्रचार-प्रसार के माध्यम से जागरूकता अत्यंत शीघ्रता से फैलती है। मीडिया के माध्यम से कार्यक्रम के संबंध में लोगों तक उचित और महत्त्वपूर्ण जानकारियां पहुँच सकें, मीडिया के लोगों का संवेदीकरण भी किया गया |

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.अजय राजा ने बताया कि -क्या है लिम्फैटिक फाइलेरियासिस फाइलेरिया नियंत्रण के संबंध में फाइलेरिया, या हाथीपांव, रोग एक सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्या है। यह एक दर्दनाक रोग है जिसके कारण शरीर के अंगों में सूजन आती है, हालांकि इस रोग से आसानी से बचा जा सकता है। यह रोग मच्छर के काटने से ही फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के अनुसार फाइलेरिया दुनिया भर में दीर्घकालिक विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। आमतौर पर बचपन में होने वाला यह संक्रमण लिम्फैटिक सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है और अगर इसका इलाज न किया जाए तो इससे शारीरिक अंगों में असामान्य सूजन होती है। फाइलेरिया से जुड़ी विकलांगता जैसे लिंफोइडिमा (पैरों में सूजन) और हाइड्रोसील (अंडकोष की थैली में सूजन) के कारण पीड़ित लोगों को अक्सर सामाजिक बोझ सहना पड़ता है, जिससे उनकी आजीविका व काम करने की क्षमता भी प्रभावित होती है।


एमडीए की दवा से कई लाभ फाइलेरिया से बचाव के साथ एमडीए दवाइयों से कई दूसरे लाभ भी हैं, जैसे यह आंत के कृमि का भी इलाज करती है जिससे ख़ासकर बच्चों के पोषण स्तर में सुधार आता है और उनके शारीरिक और मानसिक विकास में मदद मिलती है। एमडीए के दौरान डब्ल्यूएचओ से अनुशंसित की गई दवाइयां, डाइथेलकार्बामोजाइन साइट्रेट (डीईसी) और अलबेंडाजोल को उन सभी लोगों, फाइलेरिया के संक्रमण से बचाव के लिए उपलब्ध करायी जा रही है |

इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.अजय राजा ,अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी वीबीडी डॉ.अंसार अली, डब्लूएचओ से एसएमओ डॉ. नीरज सिंह ,डॉ0 सागर , डॉ0 अरविंद श्रीवास्तव, एपिडेमियोलॉजिस्ट, डीपीएम राम प्रकाश पटेल , पीसीआई से नेशनल हेड रनपाल सिंह , प्रतीष नंदा , रीजनल हेड विकास द्विवेदी , जिला मोबलाइजेशन कोर्डिनेटर पुनीत तिवारी, मलेरिया इन्स्पेटर संतोष तिवारी , मलेरिया विभाग सेराजेश कुमार , नितिन, अनवर और फाइलेरिया विभाग , डब्लूएचओ , पाथ , संस्था के अन्य विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे |