बैंक कर्मियों का प्रदर्शन

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लखनऊ। बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट में संशोधन के बाद भारतीय रिजर्व बैंक को इस आशय के व्यापक अधिकार और शक्तियां प्राप्त हो गयी हैं कि सहकारी बैंकिंग व्यवस्था में ढांचागत परिवर्तन के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दे सके। इसी आलोक में हमारी मांग है कि भारतीय रिजर्व बैंक दिनांक 24.05.2021 को निर्गत दिशा-निर्देशों को क्रियान्वित करायें। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में नाबार्ड के सहकारी ब्रेकिंग व्यवस्था में ढांचागत परिवर्तन के सुझाव पर उच्च स्तरीय कमेटी का गठन पर्ष 2018 में किया गया था जिसने परीक्षणोपरान्त अपनी सस्तुतिया नवम्बर 2020 मेंउत्तर प्रदेश शासन को सौंप दी थी जो निहित स्वार्थी तत्वो के प्रभाव में शासन स्तरपर लम्बित रखी गयी है।


पूरे देश के सहकारी बैंक कर्मी पूर्णतः आश्वस्त हैं और विश्वास करते हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक निश्चय ही पूरे देश में सहकारी बैंकिंग व्यवस्था को द्विस्तरीय बनाकर एकरूपता लाने की प्रक्रिया प्रारम्भ करेगी। हमारा विश्वास है कि अल्पकालीन सहकारी ऋण संरचना सशक्त होगी।