स्थगन के बाद भी निर्माण की अनुमति

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कोर्ट के स्थगन के बाद भी मिल गई निर्माण की अनुमति। रिश्वत न मिलने पर आदेश के तीन साल बीत जाने के बाद भी लेखपाल ने नहीं दाखिल किया कुर्रा विभाजन। पीड़िता ने लगाई उच्च अधिकारियों से गुहार

अब्दुल जब्बार

अयोध्या /भेलसर –एक ओर सरकार किसानों की आय दुगुनी करने सहित किसान हितों के तमाम बड़े बड़े दावे कर रही है।वहीँ दूसरी ओर राजस्व विभाग के कर्मी किसानों का काम बिना धन उगाही के नहीं कर रहे हैं।जिसका जीता जागता सबूत तहसील रुदौली क्षेत्र के ग्राम भौली में सामने आया है।जहाँ लेखपाल ने रिश्वत न मिलने की वजह से कोर्ट के आदेश के अनुपालन में आदेश के तीन साल बीत जाने के बाद भी कुर्रा विभाजन नही दाखिल किया और दूसरे पक्ष से मिलीभगत करके कोर्ट के स्थगन के बावजूद प्रकीर्ण कार्यवाही में बाहमी बटवारा दर्शाकर अपनी गलत आख्या दे दी।जिसके आधार पर एसडीएम ने दूसरे पक्ष को मुश्तरका भूमि पर बिना बटवारा के ही निर्माण की अनुमति दे दी।

रामा कुमारी पत्नी स्व0 रामरूप निवासिनी ग्राम भौली ने शिकायतीपत्र देकर कहा है कि उसका फूलचन्द्र व श्रीचन्द्र के मध्य वाद अन्तर्गत धारा 116 उ0 प्र0 रा0 संहिता 2006 गाटा सं0 1010 /0.506 व 1449 /0.598 हे0 स्थित ग्राम भौली की बाबत विचाराधीन था जिसमें न्यायालय द्वारा दिनाॅंक 31-01-2018 को प्रारम्भिक आदेश पारित कर पक्षों का अंश घोषित करने के उपरान्त कुर्रा विभाजन हेतु हल्का लेखपाल को निर्देशित किया गया था परन्तु हल्का लेखपाल द्वारा अब तक उक्त वाद में कुर्रा विभाजन नही दाखिल किया गया।पीड़ित ने बताया कि विपक्षीजन दौरान मुकदमा प्रश्नगत भूमि पर अवैध निर्माण कर मौके की नौवियत को तबदील कर देने पर आमादा थे इस कारण न्यायालय उपजिलाधिकारी रूदौली द्वारा प्रश्नगत भूमि पर मौके पर अग्रिम आदेश तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिनाॅंक 08-01-2021 को पारित किया गया है जो आज भी प्रभावी है।विपक्षीजन ने नियत प्राधिकारी विनियमित क्षेत्र रूदौली से गलत बयानी करके मुशतरका भूमि का बहमी बंटवारा दर्शाकर भवन मानचित्र स्वीकृत करा लिया गया है परन्तु आपत्ति दाखिल होने पर नियत प्राधिकारी द्वारा दिनाॅंक 30-01-2021 को प्रश्नगत भूमि पर किसी किस्म का निर्माण न करने व यथास्थिति कायम रखने का आदेश पारित किया गया है।

पीड़ित का आरोप है कि न्यायालय द्वारा बंटवारा के मुकदमें मे प्रारम्भिक आदेश दिनाॅंक 31-01-2018 को पारित करने के बाद हल्का लेखपाल को कुर्रा विभाजन प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया था परन्तु हल्का लेखपाल द्वारा न्यायालय के आदेश के अनुपालन मे कुर्रा विभाजन दाखिल करने के बजाए प्रकीर्ण कार्यवाही मे प्रश्नगत भूमि पर बाहमी बंटवारा की बात लिख कर गलत आख्या प्रस्तुत कर दी गयी।जबकि हल्का लेखपाल द्वारा तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी उक्त वाद मे कुर्रा विभाजन नही प्रस्तुत किया गया।उपजिलाधिकारी द्वारा न्यायालय की पत्रावली व।आर0बी0ओ0 एक्ट के अन्तर्गत चल रही कार्यवाही मे स्थगन आदेश के बावजूद लेखपाल की गलत आख्या के आधार पर विपक्षीजन को अवैध निर्माण की इजाजत दे दी गयी।पीड़ित ने मामले की जाॅंच किसी अन्य अधिकारी से कराके हल्का लेखपाल के विरूद्व कार्यवाही व उक्त वर्णित वाद मे कुर्रा विभाजन दाखिल कराके बंटवारा की कार्यवाही सम्पन्न कराने तब तक प्रश्नगत भूमि पर यथा स्थिति कायम रखने की माँग की है।इस सम्बंध में एसडीएम रुदौली विपिन कुमार सिंह से वार्ता का प्रयास किया गया लेकिन उनका मोबाइल पहुंच के बाहर बता रहा था।