प्रधानमंत्री ने सिद्ध किया स्लोगन ‘मोदी है तो मुमकिन है’

147

मुख्यमंत्री ने वाराणसी में ‘मोदी@20 सपने हुए साकार’ पुस्तक के हिन्दी संस्करण का विमोचन किया।प्रधानमंत्री के नेतृत्व से काशी और उ0प्र0 अभिभूत। यशस्वी नेतृत्व में पूरा भारत विश्वास के साथ उठ खड़ा हुआ, पूरी दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी।स्लोगन ‘मोदी है तो मुमकिन है’ को प्रधानमंत्री ने सिद्ध कर दिया।किसी व्यक्ति की योग्यता की कसौटी संकट में उसके धैर्य, निर्णय और कार्य की क्षमता से होती है। वैश्विक महामारी कोरोना के संकट के समय जनता कर्फ्यू, लॉकडाउन, जान है तो जहान है, लोगों के जीवन और जीविका बचाने, निःशुल्क कोरोना टीकाकरण आदि दूरगामी प्रभाव वाले निर्णय लिए। पिछले 08 वर्ष में लोगों ने ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत ’ के रूप में देश को बदलते देखा। भारत के प्रति निष्ठा, प्रशासनिक क्षमता तथा कार्यपद्धति पर विरोधी भी उंगली नहीं उठा सकता।एक-एक योजना का लाभ आम जनता तथा आखिरी पायदान के व्यक्ति तक पहुंचाने का कार्य किया।प्रधानमंत्री ने हर क्षेत्र में भारत को वैश्विक मंच पर स्थापित करने का कार्य किया।प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में शिक्षा को विद्यार्थियों को व्यावहारिक एवं तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के माध्यम के रूप में विकसित करने का कार्य किया गया।गुजरात राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यशैली तथा गुजरात के विकास मॉडल की चर्चा पूरे देश-दुनिया में हुई और आज पूरी दुनिया में भारत का मॉडल प्रस्तुत किया जाता है।

वाराणसी/लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद वाराणसी के रुद्राक्ष इण्टरनेशनल कन्वेंशन सेण्टर में ‘मोदी@20 सपने हुए साकार’ पुस्तक के हिन्दी संस्करण का विमोचन किया। इस अवसर पर विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय राजनेताओं में सम्मिलित वाराणसी के जनप्रिय सांसद तथा भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अभिनन्दन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व से काशी और उत्तर प्रदेश अभिभूत है। प्रधानमंत्री के यशस्वी नेतृत्व में पूरा भारत विश्वास के साथ उठ खड़ा हुआ है। पूरी दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है। आज वैश्विक मंच पर विश्व मानवता के लिए निर्धारित हो रही किसी भी नीति का क्रियान्वयन भारत के बगैर नहीं हो सकता।


मुख्यमंत्री ने कहा कि पुस्तक ‘मोदी/20 सपने हुए साकार’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गुजरात राज्य के मुख्यमंत्री एवं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में 20 साल के सार्वजनिक जीवन की कार्यपद्धति के सम्बन्ध में है। पुस्तक में विभिन्न क्षेत्रों की विभूतियों-भारत के गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, भारतरत्न स्व0 लता मंगेशकर, अर्थशास्त्री अरविन्द पनगढ़िया, फिल्म कलाकार अनुपम खेर, पूर्व प्रशासनिक अधिकारी नृपेन्द्र मिश्र आदि के लेख सम्मिलित हैं।वर्ष 2019 में लोक सभा के आम चुनाव के दौरान के स्लोगन ‘मोदी है तो मुमकिन है’ को प्रधानमंत्री ने सिद्ध कर दिया। भारत आजादी के अमृत महोत्सव पर ब्रिटेन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित ‘हर घर तिरंगा’ कार्यक्रम जन सरोकार का सबसे बड़ा उदाहरण बन गया है।


किसी व्यक्ति की योग्यता की कसौटी संकट में उसके धैर्य, निर्णय और कार्य की क्षमता से होती है। प्रधानमंत्री ने वैश्विक महामारी कोरोना के संकट के समय जनता कर्फ्यू, लॉकडाउन, जान है तो जहान है, लोगों के जीवन और जीविका बचाने, निःशुल्क कोरोना टीकाकरण आदि दूरगामी प्रभाव वाले निर्णय लिए। वर्तमान में देश में कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण है, मृत्यु दर सबसे कम है। 200 करोड़ कोरोना टीकाकरण किया जा चुका है। भारत में कोरोना का सबसे अच्छा प्रबन्धन हुआ है। कोरोना महामारी के दौरान भारत दुनिया के लिए संजीवनी देने वाला साबित हुआ है। जापान ने वर्ष 1905 में इंसेफेलाइटिस की वैक्सीन विकसित कर ली थी। वर्ष 2005 में देश में इसकी वैक्सीन आयी, जबकि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में भारत ने 09 महीने में कोरोना की 2-2 स्वदेशी वैक्सीन विकसित की। साथ ही, दुनिया के 25-30 देशों को इसे उपलब्ध भी कराया।


     मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पिछले 08 वर्ष में लोगों ने ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के रूप में देश को बदलते देखा है। प्रधानमंत्री की भारत के प्रति निष्ठा, प्रशासनिक क्षमता तथा कार्यपद्धति पर विरोधी भी उंगली नहीं उठा सकता। उन्होंने एक-एक योजना का लाभ आम जनता तथा आखिरी पायदान के व्यक्ति तक पहुंचाने का कार्य किया है। हम सभी ने देखा है कि प्रधानमंत्री द्वारा संचालित योजनाएं आपस में इस प्रकार जुड़ी हैं कि उनके दूरगामी परिणाम प्राप्त होते हैं। प्रधानमंत्री ने बैंकों में जन-धन खाते की योजना शुरू की। इस योजना के कारण शासन की योजनाओं का लाभ जरूरतमन्द तक डी0बी0टी0 के माध्यम से पहुंचाया जाना सम्भव हुआ है। इसका लाभ कोरोना महामारी के संकट के दौरान महसूस किया गया। उन्होंने कहा कि योजनाओं का पैसा बैंक में जमा होता है, तो परिवार आर्थिक स्वावलम्बन की ओर बढ़ता है।

मुख्यमंत्री ने काशी की 11 विभूतियों को अंगवस्त्र एवं पुस्तक भेंट कर सम्मानित किया।


प्रधानमंत्री ने वर्ष 2014 में 02 अक्टूबर को स्वच्छ भारत मिशन का शुभारम्भ किया। स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश में 10 करोड़ शौचालय बनाए गए। प्रारम्भ में लोगों ने इस पर सवाल उठाए, लेकिन आज लोग इस योजना के लाभ को समझ चुके हैं। बड़े पैमाने पर संचालित स्वच्छता अभियान से कितनी ही बीमारियों पर अंकुश लगाना सम्भव हुआ है। प्रधानमंत्री आवास योजना के जरिये 03 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को जाति, मत, मजहब के भेदभाव के बिना आवास उपलब्ध कराया गया। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में 8.5 करोड़ परिवारों को निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन प्राप्त होने से माताओं और बहनों को धुएं से मुक्ति मिली। 4.5 करोड़ परिवारों को निःशुल्क बिजली कनेक्शन प्रदान किए गए।


मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं के लिए प्रधानमंत्री स्टार्ट-अप योजना, अनुसूचित जाति/जनजाति तथा महिलाओं के लिए प्रधानमंत्री स्टैण्ड-अप योजना, महिलाओं के लिए प्रधानमंत्री जीवन ज्योति एवं प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ सहित प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना आदि योजनाएं संचालित की गईं। प्रधानमंत्री ने समाज के सभी वर्गों से सम्बन्धित योजनाएं संचालित कीं। श्रमिकों के लिए, सैनिकों के लिए योजनाएं लागू की गईं। इससे इन सभी के जीवन में व्यापक बदलाव आया है।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने विरासत को भी सम्मान दिया है। उन्होंने योग को वैश्विक मंच पर स्थापित करने का कार्य किया। उनकी पहल पर 21 जून को पूरी दुनिया अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाती है। दुनिया के 175 देशों में योग दिवस का आयोजन होता है।


हर क्षेत्र में भारत को वैश्विक मंच पर स्थापित करने का कार्य किया। भारत का मान दुनिया में बढ़ा है। प्रधानमंत्री के प्रयास से कुम्भ को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता मिली है। प्रधानमंत्री की पहल पर विकसित श्री काशी विश्वनाथ धाम आज दुनिया के सामने है। प्रधानमंत्री जी ने भारत की टेªडिशनल मेडिसिन की पुनर्प्रतिष्ठा के लिए आयुष मंत्रालय का गठन किया। लोगों के जीवन में स्वावलम्बन के लिए सहकारिता मंत्रालय का गठन किया। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में शिक्षा को विद्यार्थियों को व्यावहारिक एवं तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के माध्यम के रूप में विकसित करने का कार्य किया गया। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में नेशन फर्स्ट के तहत अनुच्छेद-370 को समाप्त किया गया। प्रधानमंत्री ने भारत के हित को सर्वोपरि रखा। इसके लिए किसी भी चीज को अपनाने या त्यागने में संकोच नहीं किया। गुजरात राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यशैली तथा गुजरात के विकास मॉडल की चर्चा पूरे देश-दुनिया में हुई और आज पूरी दुनिया में भारत का मॉडल प्रस्तुत किया जाता है।इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर एवं भारत माता के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 सुधीर जैन ने की।


इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने काशी की 11 विभूतियों-पद्मभूषण प्रो0 वशिष्ठ त्रिपाठी, पद्मश्री चंद्रशेखर सिंह, पद्मश्री शिवनाथ मिश्र, पद्मश्री रजनीकांत, पद्मश्री डॉ0 राजेश्वर आचार्य, ख्यातिलब्ध समाज वैज्ञानिक प्रो0 अरविंद जोशी, राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त डॉ0 हरेन्द्र राय, राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त प्रो0 रामनारायण द्विवेदी, पं0 श्रीकांत मिश्र, दैनिक जागरण के सम्पादक भारतीय बंसत कुमार, अमर उजाला के सम्पादक वीरेन्द्र आर्या, राष्ट्रीय सहारा के सम्पादक स्नेह रंजन को अंगवस्त्र एवं पुस्तक भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल, आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ सहित जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी तथा अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।