जहरीली शराब ने खोली सरकार की पोल-लल्लू

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सरकार में बैठे लोग जनता की सुरक्षा को नही दे रहे ध्यान। एटा में जहरीली शराब से हुई दो मौतों ने फिर खोली सरकार की पोल। जहरीली शराब कारोबार पर अंकुश लगाने से बच रही सरकार।जहरीली शराब बिक्री को सरकार का वरदहस्त, उसको इंसानी जिन्दगी की चिंता नही। मुख्यमंत्री बताये उत्तर प्रदेश पूछ रहा है, कब तक होती रहेगी जहरीली शराब से मौतें। लोनी में एक परिवार के 3 सदस्यों की हत्या दुःखद, उत्तर प्रदेश जंगलराज की गिरफ्त में।

लखनऊ। अजय कुमार लल्लू ने एटा में जहरीली शराब पीने से दो सगे भाइयों की मौत पर हमला बोलते हुए कहा कि अलीगढ़ में हुई घटना के बाद जहरीली शराब के अवैध कारोबारियों पर सख्त कार्यवाही न करने का परिणाम बताते हुए राज्य की योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जहरीली शराब कारोबार के पीछे सरकार में बैठे लोगों का संरक्षण है, जिस कारण यह मौतें रुक नही रही है, उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सवाल पूछ रहा है कि जहरीली शराब की बिक्री कब बंद होगी और कब मौतें रुकेंगी।

उन्होंने कहा कि राज्य में जहरीली शराब के अवैध कारोबार और उसके सेवन से लगातार हो रही मौतों पर राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा कार्यवाही में पूरी तरह ढिलाई बरती जा रही है इसका मतलब यह है कि सरकार में बैठे बड़े लोगों को अवैध शराब कारोबार को पूरा संरक्षण है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सत्ता में बैठे लोग अपनी सुरक्षा की चिंता में लगे रहते है उन्हें जनता की सुरक्षा से कोई लेना देना नही है। अलीगढ़ में विगत दिनों हुई दिल दहलाने वाली घटना के बाद एटा में जहरीली शराब से हुई दो मौतों ने फिर सरकार की पूरी तरह पोल खोल दी है और सरकार जहरीली शराब कारोबार पर अंकुश लगाने से बच रही है।

उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल में अवैध जहरीली शराब कारीबरियों का सिंडिकेट लगातार मजबूत हुआ है जिसके चलते जहरीली शराब के सेवन से अब तक 500 से अधिक जाने जा चुकी है, परिवार के परिवार उजड़ गए है लेकिन शराब माफिया व्यवस्था के संरक्षण में बेखौफ होकर जहरीली शराब कारोबार में लगे हुए हैै। अंबेडकर नगर, आजमगढ़, अलीगढ़ की घटना के बाद एटा में जिस तरह  दो सगे भाईयों की जाने गयी उससे साबित होता है कि सरकार शराब माफियाओं पर नकेल कसने में नाकाम हुई है अथवा उसे व्यवस्था का पूरा संरक्षण प्राप्त है।

जहरीली अवैध शराब के सेवन से 500 से अधिक मौतों के लिये राज्य सरकार को दोषी ठहराते हुए उजड़े परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने व अवैध जहरीली शराब कारोबारियों सहित आबकारी विभाग व सत्ता के उच्चपदों पर स्थापित होकर इंसानी जानो से खिलवाड़ करने वालो के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की मांग की। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू ने योगी आदित्यनाथ बताये की शराब माफिया कब तक उनके राज में इंसानी जानों से खिलवाड़ करते रहेंगे? यह सवाल प्रदेश आज फिर मुख्यमंत्री जी से पूछ रहा है और उन्हें सरकार के मुखिया के रूप में आगे आकर जवाब देना चाहिये।

उन्होंने मुख्यमंत्री व आबकारी मंत्री से सवाल पूछते हुए कहा कि इसके लिये जिम्मेदार कौन है? उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जहरीली शराब निर्माताओं व विक्रेताओं के सिंडिकेट को व्यवस्था का पूरा संरक्षण खुलेआम साबित होता है क्योंकि हर घटना के बाद कार्यवाही की बड़ी बड़ी बातें करने के बाद सब पूर्व की भांति हो जाता है।

क्योंकि मुख्यमंत्री या आबकारी मंत्री कभी भी इनपर इस तरह की कार्यवाही नही करते कि उनके हौसले पस्त हो बल्कि दिखावे की कार्यवाही कर वह बताते है कि जहरीली शराब निर्माता विक्रेताओ को कानून के हवाले कर दिया गया है लेकिन एक दुखद घटना के बाद दूसरी घटना होने में देर नही लगती इसका मतलब है कि शराब माफियाओं को सत्ता का साथ है छोटी मछलियों या उनके इक्का-दुक्का लोगो पर कार्यवाही का नाटक करते है और उसके बाद यही जहरीली शराब के सौदागर बेखोफ होकर पुनः अपना काम करते है ।

सरकार के संरक्षणवादी लचर रवैये के कारण जहरीली शराब से मौतों के मामले पर पहले लीपापोती की जाती है और फिर जांच के नाम पर शराब माफियाओं को बचाने का काम किया जाता है. जिसके चलते अवैध व जहरीली शराब का कारोबार प्रदेश में लोगों की लगातार जिंदगी लील रहा है। उन्होंने एटा सहित अन्य जनपदों में जहरीली शराब के कारोबार और उसमें संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग करते हुए उजड़े परिवारों की आर्थिक सहायता के साथ प्रत्येक परिवार के एक व्यक्ति को सरकार स्थायी नौकरी देने की व्यवस्था की मांग की है।

जहरीली शराब के अवैध कारोबार के साथ अपराध लगातार बढ़ते जा रहे है माफियाओं के हौसले बुलंद हैं, यह गाजियाबाद के लोनी में एक परिवार के 3 सदस्यों की घर मे घुसकर दुःखद हत्या प्रमाणित करती है कि अपराधियों पर सरकार और कानून का खौफ नही है, अपहरण, हत्या लूट छिनैती की बढ़ती घटनाएं कानून व्यवस्था पर उठते सवालों की गवाही दे रही है लेकिन सरकार मौन धारण किये बैठी है।