…जाते-जाते करोड़ो का कमीशन लेने की तैयारी ..!

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  • …जाते-जाते करोड़ो का कमीशन लेने की तैयारी !
  • जेल विभाग के उद्योगों के मटेरियल खरीद के टेंडर में गोलमाल
  • रिटायरमेंट के पहले निविदा खोलकर चुना लगाने की तैयारी

राकेश यादव

लखनऊ। रिटायरमेंट के दस दिन पहले कमीशन के लिए करोड़ो का टेंडर देने की तैयारी चल रही है। यह चौकाने वाला कारनामा प्रदेश जेल मुख्यालय में होने जा रहा है। सरकारी सेवा नियमावली को ताख पर रखकर होने वाली यह टेंडर प्रक्रिया जेल अधिकारियों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। चर्चा है रिटायरमेंट के छह माह पूर्व ही रिटायर होने वाले अधिकारी से आहरण-वितरण (डीडीओ) वापस लिए जाने का प्रावधान हैं इस प्रावधान के बावजूद रिटायर होने वाले दोषी अधिकारी को लाभ पहुँचाने के डीडीओ के साथ गोपनीय सेक्शन का प्रभार भी सौंप रखा गया है।

मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश की केंद्रीय कारागारों में चल रहे उद्योगों में फिनायल, साबुन, कपड़ा बुनाई, सिलाई, कंबल, दरी, हस्तनिर्मित कागज, पावरलूम के उत्पादों को तैयार करने के लिए रॉ मटेरियल की करोड़ो की खरीद-फरोख्त की जाती है। यह खरीद टेंडर प्रक्रिया से होती है। इसकी खरीद ई-निविदा के माध्यम से की जाती है। इस खरीद-फरोख्त मे कमीशन का मोटा खेल होता है। जेल मुख्यालय में आगरा बंदीरक्षक घोटाले की विजिलेंस जांच में दोषी ठहराए गए वरिष्ठ अधीक्षक को जेल मुख्यालय में गोपनीय के साथ उद्योग का प्रभार भी सौंप रखा गया है। इस वरिष्ठ अधीक्षक को 31 दिसंबर 2021 को सेवानिवृत्त होना है। 

रिटायर होने वाले अधिकारी के पास आहरण-वितरण— सरकारी सेवा नियमावली में स्पष्ट निर्देश है कि सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारी से 180 दिन (छह माह) पहले आहरण-वितरण (डीडीओ) से कार्य से मुक्त किये जाने का प्रावधान है। कारागार विभाग में यह पर प्रावधान फाइलोंके सिमट कर रह गया है। इस विभाग में सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों के पास रिटायर होने अंतिम दिन तक डीडीओ समेत अन्य महत्वपूर्ण कमाऊ पदों की जिम्मेदारियां बनी रहती है। टेंडर करने वाले अधिकारी को रिटायर होने में अब मात्र दस दिन का ही समय शेष बचा है इसके बावजूद इसके पास डीडीओ के साथ ट्रांसफ़र-पोस्टिंग का भी प्रभार है। ऐसा पहली बार नही हो रहा है, इससे पहले भी एक अधिकारी के पास आखिरी दिन तक महत्वपूर्ण कमाऊ विभागो का प्रभार रहा है।

सूत्रों का कहना है जेल उद्योगों में साबुन, ऊनी सूत, फिनायल, कंबल उत्पाद निर्मित करने के लिए रॉ मटेरियल की खरीद के लिए टेंडर किया गया। करोड़ो रूपये की खरीद से मिलने वाले मोटे कमीशन के यह टेंडर प्रक्रिया आने वाले एक दो दिनों में ही पूरी कर ली जाएगी। वित्तीय वर्ष प्रारंभ होने पर होने वाली इस टेंडर प्रक्रिया के आनन-फानन साल के अंत मे होने ने कई सवाल खड़े कर दिए है।  चर्चा है कि मोटे कमीशन के लिये यह खेल किया गया है। उधर मुख्यालय के एक अधिकारी ने इसे रूटीन प्रक्रिया बताते हुए और कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।