मंत्रिमंडल के समक्ष विभागों की भावी कार्ययोजना के प्रस्तुत करें-मुख्यमंत्री

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मंत्रिमंडल के समक्ष अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास सेक्टर के 11 विभागों की भावी कार्ययोजना के प्रस्तुतिकरण पर मुख्यमंत्री जी के दिशा-निर्देश।

● आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने ‘हवाई चप्पल पहने व्यक्ति के हवाई उड़ान’ का सपना देखा है। विगत 05 वर्ष में वायु सेवा मानचित्र पर उत्तर प्रदेश प्रमुखता से उभर कर आया है। जिस प्रदेश में 2017 से पहले मात्र 02 एयरपोर्ट थे, आज वहां 05 अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट होने जा रहे हैं। टीम यूपी के लगातार प्रयासों से यह बड़ी उपलब्धि है।

● मुरादाबाद एयरपोर्ट के लाइसेंसिंग की कार्यवाही और कानपुर सिविल एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का विकास तेजी से पूरी की जाए।

● मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, अयोध्या के विकास की प्रक्रिया तेज हो।

● नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट , जेवर के संचालन सितंबर 2024 तक शुरू करने के लक्ष्य के साथ तेजी से कार्य करें।

● ऊर्जा विभाग ने पिछले पांच वर्षों में सराहनीय कार्य किया है। लगातार प्रयासों उत्पादन, वितरण और ट्रांसमिशन में अभूतपुर्व सुधार हुआ है। अब टीम यूपी “पावर फॉर ऑल” के लक्ष्य के साथ 24*7 नियोजित ढंग से कार्य करेगी।

● अयोध्या धाम में निर्माणाधीन श्रीराम मंदिर को ‘हाइड्रोजन फ्यूल सेल्स’ के माध्यम से ऊर्जीकरण करने का अभिनव प्रयास किया जाना चाहिए। इस संबंध में शोध-अध्ययन कर विस्तृत कार्ययोजना यथाशीघ्र प्रस्तुत की जाए।

● यह सुनिश्चित किया जाए कि रोस्टर के अनुसार विद्युत आपूर्ति निर्बाध गति से लोगों को मिले। साथ ही तकनीकी को बढ़ावा दिया जाए और उपभोक्ताओं को सही और समय से बिल दिया जाए।

● विद्युत लाइनों के निर्माण में लक्ष्य को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए। अगले सौ दिनों में नए बनने वाले 4126 एमवीए क्षमता के सात और अगले छह माह में 7906 एमवीए के 20 नए उपकेंद्र विद्युत आपूर्ति सुदृढ़ बनाने में बड़ा योगदान देंगे।

● अगले दो साल में घाटमपुर जेवी और पनकी टीपीएस की उत्पादन क्षमता में 2504 मेगावाट की वृद्धि से प्रदेश विद्युत उत्पादन में आत्मनिर्भर होने की दिशा में बड़ा कदम है। इसे और बढ़ाने की आवश्यकता है।

● एटीसी हानियों को और कम किया जाना आवश्यक है। इसे हर हाल में 20 प्रतिशत से कम किया जाए।

● सड़कें किसी भी प्रदेश की तरक्की का आइना होती हैं। आधारभूत सुविधाएं मिलने से बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित होते हैं और लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध होते हैं।

● लोक निर्माण विभाग ने सड़कों और पुलों के माध्यम से लोगों के जीवन को सुगम बनाने की दिशा में अभूतपूर्व कार्य किया है। विभाग के सभी कार्यों में पारदर्शिता, गुणवत्ता और समयबद्धता को प्राथमिकता पर रखा जाए।

● सड़कों के निर्माण और मेनटेनेंस में कार्यदायी संस्था को जिम्मेदार ठहराया जाए और समय से पहले टूटने वाली सड़कों का अविलंब सुदृढीकरण कराया जाए।

● अगले पांच वर्षों में 10 हजार किमी सड़कों का चौड़ीकरण और सुदृढीकरण किया जाना है। ऐसे में चरणवार लक्ष्य तय कार्य को पूरा किया जाए।

● करीब चार हजार बसावटों को संपर्क मार्ग से जोड़ने, साढ़े 16 हजार किमी मार्गों के नव निर्माण, 90 हजार किमी मार्गों का नवीनीकरण, तीन सौ सेतुओं का निर्माण, दो सौ रेलवे ओवर ब्रिज और एक हजार लघु सेतुओं का निर्माण किया जाना है।

● परियोजनाओं की गुणवत्ता से किसी भी कीमत पर समझौता स्वीकार नहीं होना चाहिए। भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति का अक्षरश: पालन किया जाए।

● आगरा, कानपुर और गोरखपुर में फ्लैटेड फैक्ट्री के निर्माण की प्रक्रिया अगले 100 दिन में शुरू कराएं।

● प्रदेश में 06 एमएसएमई पार्क की स्थापना के लिए विकासकर्ता के चयन सहित अन्य कार्यवाही शीघ्र शुरू की जाए।

● उत्तर प्रदेश में ‘ग्लोबल टेक्सटाइल हब’ बनने की पूरी संभावना और क्षमता है। हमें इन संभावनाओं को आकार देना होगा।

● अनुमान के मुताबिक वस्त्र उद्योग में ₹1 करोड़ के निवेश से रोजगार के लगभग 70 मौके सृजित होते हैं। ऐसे में 05 लाख अवसरों के लिए हमें ₹7500 करोड़ के निवेश के लक्ष्य के साथ काम करना होगा। इसे शीर्ष प्राथमिकता के साथ पूरी प्लानिंग बनाकर किया जाए।

● समय की मांग को देखते हुए सौर ऊर्जा से पावरलूम संचालित करने के सम्बंध में नई नीति तैयार की जानी चाहिए।