प्रधानमंत्री का देश के नाम संबोधन

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बीते सौ वर्षों में आई ये सबसे बड़ी महामारी है, त्रासदी है।इस तरह की महामारी आधुनिक विश्व ने न देखी थी, न अनुभव की थी।इतनी बड़ी वैश्विक महामारी से हमारा देश कई मोर्चों पर एक साथ लड़ा है।

सेकेंड वेव के दौरान अप्रैल और मई के महीने में भारत में मेडिकल ऑक्सीजन की डिमांड अकल्पनीय रूप से बढ़ गई थी।

भारत के इतिहास में कभी भी इतनी मात्रा में मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत महसूस नहीं की गई।इस जरूरत को पूरा करने के लिए युद्धस्तर पर काम किया गया। सरकार के सभी तंत्र लगे।

हर आशंका को दरकिनार करके भारत ने 1 साल के भीतर ही एक नहीं बल्कि दो मेड इन इंडिया वैक्सीन्स लॉन्च कर दी।

हमारे देश ने, वैज्ञानिकों ने ये दिखा दिया कि भारत बड़े-बड़े देशों से पीछे नही है। आज जब मैं आपसे बात कर रहा हूं तो देश में 23 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज़ दी जा चुकी है।

आज यह निर्णय लिया गया है कि 25% जो राज्य के पास व्यवस्था थी वैक्सीनेशन की वह भी केंद्र सरकार उठाएगी।

प्रधानमंत्री मोदी का बहुत बड़ा फैसला.पूरे देश में वैक्सीन केंद्र सरकार लगवाएगी।केंद्र सरकार पूरे देश को टीका लगाएगी।राज्यों को फ्री में वैक्सीन केंद्र सरकार देगी।वैक्सीन पर राज्यों की बात स्वीकार की।01 मई से राज्यों को 25% काम दिया।

सच कहें तो आज आपकी आवाज़ में वो बात नही थी जो हर बार होती है ! आज आप एक मजबूर,बेबश और मुरझाए चेहरे के साथ स्क्रीन पर दिखे -अब लगता है खुद का भी भरोसा भी डगमगाने लगा है लगता है आपको भी डर सताने लगा है -लगता है अब आप सच से रूबरू होकर चिंतित रहने लगे हैं।