प्रधानाचार्य भर्ती का न्यायालय की देखरेख में हो पुनरीक्षण-वैभव माहेश्वरी

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डिग्री कॉलेज प्रधानाचार्य भर्ती चयन प्रक्रिया पर आम आदमी पार्टी ने जताई कड़ी आपत्ति।प्रधानाचार्य भर्ती का न्यायालय की देखरेख में हो पुनरीक्षण ।

प्रदेश की भाजपा सरकार ने वर्ष 2017 में स्नातक एवं स्नातकोत्तर महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य के 290 पद पर चयन हेतु विज्ञापन संख्या 48 निकाला था जिसे निरस्त किया गया पुनः विज्ञापन संख्या 49, 2019 में निकाला गया। जिसकी भर्ती यू जी सी की 2010 की नियमावली के अनुसार होनी थी, परंतु उच्चतर शिक्षा आयोग द्वारा भर्ती नियमों की गलत व्याख्या की गई है। प्रधानाचार्य भर्ती का परिणाम आने पर जब अभ्यर्थियों को घपले का पता चला तो उन्होंने व शिक्षक संगठनों ने इसकी शिकायत उपमुख्य व शिक्षामंत्री दिनेश शर्मा जी से की लेकिन उन्होंने इसका कोई संज्ञान नहीं लिया, परिणामस्वरूप कई अभ्यर्थी न्यायालय की शरण में चले गए। वहां पिछली 7 अक्टूबर की सुनवाई में न्यायालय ने सुनवाई की अगली तारीख 25 अक्टूबर दी है।


मुख्य प्रवक्ता वैभव माहेश्वरी ने कहा कि बीजेपी सरकार में घोटाले और भ्रष्ट्राचार चरम पर है। उन्होंने पूंछा कि सरकार प्रधानचार्य भर्ती में घपला कर किसको को लाभ पहुंचाने का प्रयास कर रही है? पूरी चयन प्रक्रिया सवालों के घेरे में है। उन्होंने मांग की कि पूरी भर्ती की चयन प्रक्रिया का न्यायालय की निगरानी में पुनरीक्षण होना चाहिए। तब तक अंतिम परिणाम जारी नहीं होना चाहिए।शिक्षक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष प्रोफेसर डी एन एन एस यादव ने कहा कि उच्चतर शिक्षा आयोग ने भर्ती की अनिवार्य योग्यता की गलत व्याख्या की गई है तथा यू जी सी की अनुमति के बिना 15 साल के अनुभव और API की अनिवार्य योग्यता शिथिल कर दी गई है, जो विधि विरूद्ध है।