होली पर फिर खुली मुलाकात से वंचित रहे कैदी…!

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होली पर फिर खुली मुलाकात से वंचित रहे कैदी…! नई सरकार का गठन नहीं हो पाने से फंसा बंदियों की मुलाकात का मामला।मुलाकात पर रोक लगी होने से आर्थिक शोषण को शिकार हो रहे जेल में बंदी।

राकेश यादव

लखनऊ। प्रदेश की जेलों में इस बार फिर होली के अगले दिन होने वाली बंदियों की खुली मुलाकात से वंचित रहना पड़ा। नई सरकार के गठन और जेल मुख्यालय की हीलाहवाली की वजह से जेेल में बंदियों की परिजनों से मुलाकात अभी तक नहीं शुरू हो पाई है। ऐसा तब है जब सरकार ने लगभग सभी प्रतिबंधों को खोल दिया है। उधर जेल विभाग के अफसर इसे शासन का मामला बताते हुए कुछ भी कहने से बच रहे हैं।


कोराना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए शासन के निर्देश पर जेल मुख्यालय ने प्रदेश के सभी जनपदों की जेलों में बंदियों की परिजनों से होने वाली मुलाकात पर रोक लगा दी थी। एक जनवरी से लगाई गई यह रोक अभी तक जारी है। राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण के प्रभाव को कम होता देख सबसे पहले नाइट कफ्र्यू को खत्म किया। इसके बाद सरकारी कार्यालयों व निजी संस्थान में कर्मचारियों की शत-प्रतिशत उपस्थिति व शादी विवाह समारोह, चुनावी रैलियों व सिनेमाघर, स्वीमिंग पुल व जिम पर लगी रोक को एक-एक कर खत्म कर दिया। इसके बावजूद शासन ने प्रदेश की जेलों में बंद करीब सवा लाख बंदियों की परिजनों से होने वाली मुलाकात को अभी तक नहीं शुरू किया है।


सूत्रों का कहना है कि जेलों में मुलाकात प्रतिबंधित होने की वजह से जेल अधिकारियों की बल्ले-बल्ले हो गई है। प्रदेश की कई जेलों में अधिकारी सुविधा शुल्क के नाम पर मोटी रकम लेकर बंदियों की चोरी-छिप्पे परिजनों से मुलाकात कराने में जुटे हुए हैं। यही नहीं मुलाकात प्रतिबंधित होने की वजह से जेल के अंदर कैंटीन में खानपान की वस्तुओं को मनमाने दोमों पर बेंचकर जेब भरी जा रही है। इसके साथ ही मुलाकात नहीं होने से बंदी डिप्रेशन में नहीं जाने पाए इसके लिए शासन ने बंदियों को नि:शुल्क मोबाइल फोन पर परिजनों से बात करने की सुविधा मुहैया कराई थी। यह व्यवस्था भी जेल अधिकारियों की कमाई का जरिया बन गई। बंदियों से फोन पर बात कराने के लिए सौ से दो सौ रुपए प्रतिकॉल वसूल किया जा रहा है। मजे की बात यह है कि हर जेल में इसका अलग-अलग दाम वसूला जा रहा है।


बताया गया है कि जेल अधिकारियों के मनमाने रवैये की वजह से बंदियों में खासा आक्रोश व्याप्त है। बंदियों का आरोप है कि शासन ने जब समस्त प्रतिबंधों को खत्म कर दिया है तो जेल के बंदियों के साथ सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है। मुलाकात प्रतिबंधित होने की वजह से उन्हें मानसिक शोषण के साथ आर्थिक शोषण का शिकार होना पड़ रहा है। बंदियों का आरोप है कि मुलाकात प्रतिबंधित होने की वजह से अधिकारी मालामाल हो रहे वहीं बंदियों को परिजनों से मिलना तक दूभर हो गया है। उधर जेल मुख्यालय के वरिष्ठï अधिकारी ने बंदियों की मुलाकात पर लगे प्रतिबंध को हटाए जाने के सवाल पर कहा कि इसके लिए शासन को पत्र भेज दिया गया है। शासन से अनुमति मिलते ही मुलाकात को खोल दिया जाएगा।