योगीराज गोरखपुर में विकास की बहार

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जनपद गोरखपुर में स्थापित होने वाले बायोफ्यूल प्लांट से पराली जलाने की समस्या का समाधान हो सकेगा, किसान पराली, गोबर आदि कृषि अवशेषों की बिक्री बायोफ्यूल प्लांट को करके आमदनी प्राप्त कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने जनपद गोरखपुर में लगभग 194 करोड़ रु0 की लागत से निर्मित 1412.45 मीटर लंबे सिकरीगंज-बेलघाट- लोहरैया-शंकरपुर-बाघाड़ मार्ग पर स्थित घाघरा नदी के कम्हरियाघाट पर सेतु का लोकार्पण किया।

दक्षिणांचल का क्षेत्र विकास से कोसों दूर था, इसे निरन्तर विकसित किया जा रहा पूरे क्षेत्र से जनपद आजमगढ, लखनऊ, प्रयागराज, अम्बेडकरनगर जाने में दूरी बहुत सीमित हो जाएगी।

प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए परम्परागत खेती के साथ-साथ प्राकृतिक खेती को अपनाना होगा। जनपद गोरखपुर को नये कलेवर के साथ विकसित किया जा रहा।

पूर्वान्चल एक्सप्रेस-वे के लिंक एक्सप्रेस-वे के माध्यम से गोरखपुर का अगला औद्योगिक विकास गलियारा गीड़ा से लेकर बेलघाट और बेलघाट से लेकर धुरियापार तक विकसित किया जाएगा।

अब उ0प्र0 स्मार्ट गांव से स्मार्ट जनपद, स्मार्ट जनपद से स्मार्ट प्रदेश बनने की ओर अग्रसर ग्राम पंचायतों एवं नगर निकायों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ विकास के कार्यक्रमों में सभी की सहभागिता आवश्यक।

आगामी 30 सितम्बर तक सभी पात्र लोगों को प्रिकॉशन डोज उपलब्ध कराने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा। विगत 05 वर्ष के दौरान इंसेफलाइटिस पर प्रभावी नियंत्रण करते हुए 95 फीसदी मौतों को रोका गया।

मुख्यमंत्री ने आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों को गोल्डेन कार्ड, प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को प्रतीकात्मक चाबी, उ0प्र0 भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के लाभार्थियों तथा प्रगतिशील कृषकों को प्रमाण पत्र प्रदान किए।

गोरखपुर। जनपद गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लगभग 194 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 1412.45 मीटर लंबे सिकरीगंज-बेलघाट- लोहरैया-शंकरपुर-बाघाड़ मार्ग पर स्थित घाघरा नदी के कम्हरियाघाट पर सेतु का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों को गोल्डेन कार्ड, प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को प्रतीकात्मक चाबी, उ0प्र0 भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के लाभार्थियों तथा प्रगतिशील कृषकों को प्रमाण पत्र प्रदान किए। इस दौरान वर्ष 2017 के बाद हुए विकास कार्यों पर आधारित एक वीडियो फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया।


मुख्यमंत्री ने कहा कि दक्षिणांचल का क्षेत्र विकास से कोसों दूर था, इसे निरन्तर विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे बनने के साथ ही बेलघाट, सिकरीगंज, खजनी, गोला, उरूवा और आस-पास के पूरे क्षेत्र से जनपद आजमगढ, लखनऊ, प्रयागराज, अम्बेडकरनगर जाने में दूरी बहुत सीमित हो जाएगी। अभी लखनऊ जाने में साढ़े चार घण्टे लगते हैं, अब यह समय और कम हो जाएगा। जनपद गोरखपुर में स्थापित होने वाले बायोफ्यूल प्लांट से पराली जलाने की समस्या का समाधान हो सकेगा। किसान पराली, गोबर आदि कृषि अवशेषों की बिक्री बायोफ्यूल प्लांट को करके आमदनी प्राप्त कर सकेंगे।


प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए परम्परागत खेती के साथ-साथ प्राकृतिक खेती को अपनाना होगा। इससे कृषि लागत में कमी आएगी और उत्पादन में वृद्धि होगी। तकनीक को प्राकृतिक खेती के साथ जोड़ने से धान का उत्पादन 10 से 15 कुन्तल प्रति एकड़ से बढ़कर 40 से 45 कुन्तल प्रति एकड़ हो जाएगा। इस प्रकार कम लागत में ज्यादा उत्पादन किसान की आत्म निर्भरता का कारण बनेगा। उन्होंने कहा कि कम्हरिया घाट सेतु की एक विशेषता यह भी है कि इस पुल को ऐसा बनाया गया है कि जिससे बड़े-बड़े शिप गुजर सकें और स्थानीय मार्केट को सम्मिलित करते हुए यहां से सामान को दुनिया के बाजार में पहुंचाकर लोगों के जीवन में खुशहाली ला सकें। अनाज, सब्जी और दूध यहीं से बुक होकर देश-दुनिया में चला जाएगा और पैसा किसानों के खाते में आ जाएगा। पहले लोग बैंकॉक, थाईलैण्ड, दक्षिण पूर्व एशिया में जाकर काम करते थे। अब वहां जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।


पूर्वान्चल एक्सप्रेस-वे के लिंक एक्सप्रेस-वे के माध्यम से गोरखपुर का अगला औद्योगिक विकास गलियारा गीड़ा से लेकर बेलघाट और बेलघाट से लेकर धुरियापार तक विकसित किया जाएगा। नौजवानों को नौकरी व रोजगार के लिये अन्य देशों में न जाना पड़े, बल्कि दूसरे देशों के लोग भी यहां रोजगार के लिए आकर्षित हो सकें। इसके लिये इसे विकसित क्षेत्र के रूप में तैयार करने के लिये एक वृहद कार्य योजना तैयार की है। इस पर युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है।


विकास की सबसे बड़ी कसौटी तब होती है जब संकट आता है। इस सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र और राज्य सरकार ने जनता के साथ खड़े होकर उसके सुख दुख में सहभागी बनकर लोगों को हर प्रकार की सुविधाओं से युक्त करने का कार्य किया। कोरोना काल खण्ड के दौरान निःशुल्क राशन वितरण तथा टीकाकरण किया गया। उन्होंने कहा कि आगामी 30 सितम्बर तक सभी पात्र लोगों को प्रिकॉशन डोज उपलब्ध कराने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। कोरोना कालखण्ड में पूरी दुनिया पस्त हो गयी, लेकिन भारत मजबूती के साथ डटा रहा।


उत्तर प्रदेश को देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने के लिए टीम भावना से कार्य करना होगा। ग्राम पंचायतों एवं नगर निकायों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ विकास के कार्यक्रमों में सभी की सहभागिता आवश्यक है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने कर्तव्यों का ईमानदारीपूर्वक पालन करना होगा। प्रधानमंत्री जी ने जनपद गोरखपुर में 24 वर्ष पहले बन्द खाद कारखाने को पुनः संचालित कराया है। पहले जनपद गोरखपुर में इंसेफलाइटिस से हजारों मौतें होती थी, उपचार के लिये कोई महत्वपूर्ण साधन नहीं था। विगत 05 वर्ष के दौरान इंसेफलाइटिस पर प्रभावी नियंत्रण करते हुए 95 फीसदी मौतों को रोका गया है। गोरखपुर में एम्स का निर्माण होने से पूर्वान्चल के लोगांे को उच्चस्तरीय उपचार की सुविधा गोरखपुर में ही प्राप्त हो रही है। अब उन्हें इलाज के लिए अन्य प्रदेशों में नहीं जाना पड़ता है।


जनपद गोरखपुर को नये कलेवर के साथ विकसित किया जा रहा है। प्रत्येक ग्राम पंचायत एवं नगर निकाय को आधुनिक सुविधाओं से युक्त किया जा रहा है। ग्राम सचिवालयों व अमृत सरोवरों का निर्माण, गांव में रोजगार सेवक की नियुक्ति, स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था गांवों के उत्तरोतर विकास के उदाहरण हैं। जाति प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र एवं अन्य जरुरी दस्तावेज गांव में ही उपलब्ध कराए जा रहे हैं। गांव में विकास की आधुनिक तस्वीर प्रस्तुत की जा रही है। गांवों को आत्मनिर्भरता तथा स्वावलम्बन से युक्त करने का कार्य किया जा रहा है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि गोशाला, अमृत सरोवर और गांव की सार्वजनिक भूमि के बेहतर उपयोग के साथ-साथ, हम की भावना को दर्शाने वालीं सहकारी समितियों को उन्नत बनाकर विकास कार्याें में तेजी लायी जा रही है। अब उत्तर प्रदेश स्मार्ट गांव से स्मार्ट जनपद, स्मार्ट जनपद से स्मार्ट प्रदेश बनने की ओर अग्रसर है। सकारात्मक सोच के साथ काम करने से सकारात्मक परिणाम मिलते हैं।लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि गोरखपुर एवं अम्बेडकर नगर की सीमा पर स्थित यह एक ऐतिहासिक सेतु है। स्थानीय लोगों द्वारा इसकी मांग लम्बे समय से की जा रही थी। यहां की सड़कों के विस्तारीकरण से विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ है। कोरोना कालखण्ड में प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना से बचाव के किये गये कार्यो की प्रशंसा विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी की है।