पल्स पोलियो अभियान का शुभारम्भ

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मुख्यमंत्री ने जनपद गोरखपुर के जिला अस्पताल में बच्चों को पोलियो की दवा पिलाकर पल्स पोलियो अभियान का शुभारम्भ किया।अभियान के सम्बन्ध में जागरूकता के लिए आयोजित मोटर रैली को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।मुख्यमंत्री ने बच्चों का अन्नप्राशन किया और गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार एवं फल प्रदान किए।सरकार पोलियो उन्मूलन अभियान को तब तक जारी रखेगी, जब तक पूरी दुनिया से यह बीमारी समाप्त नहीं हो जाती।पल्स पोलियो अभियान के तहत प्रदेश में पांच वर्ष तक के 3.80 करोड़ बच्चों को पोलियोरोधी ड्रॉप पिलायी जाएगी, इतने बच्चों को सुरक्षा कवर देने के लिए 1.10 लाख बूथ बनाए गए, 76 हजार से अधिक सचल टीमें लगाई गईं।इंसेफलाइटिस पर प्रभावी नियंत्रण में अंतर्विभागीय समन्वय का विशेष योगदान रहा, इसी प्रकार पल्स पोलियो अभियान व अन्य कार्यक्रमों में भी इसकी आवश्यकताप्रधानमंत्री जी के कोरोना प्रबन्धन को दुनिया ने सराहा। सामूहिकता के बल पर फोर टी (ट्रेस, टेस्ट, ट्रीट और टीकाकरण) फॉर्मूले को अपनाकर उ0प्र0 वैश्विक महामारी कोरोना के प्रबन्धन में पूरे देश में आगे रहा विगत 05 साल में उ0प्र0 का हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर काफी मजबूत हुआ।प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2025 तक भारत को टी0बी0 मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है, इसके लिए जारी वृहद अभियान में हम सभी को जुड़ना होगा।


लखनऊ। योगी आदित्यना ने आज जनपद गोरखपुर के जिला अस्पताल में बच्चों को पोलियो की दवा पिलाकर पल्स पोलियो अभियान का शुभारम्भ किया। इस दौरान उन्होंने जिला अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग एवं बाल विकास पुष्टाहार विभाग के स्टॉल का अवलोकन किया। उन्होंने बच्चों का अन्नप्राशन किया और गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार एवं फल प्रदान किए। मुख्यमंत्री जी ने अभियान के सम्बन्ध में जागरूकता के लिए आयोजित मोटर रैली को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि स्वस्थ भारत अभियान, सशक्त भारत अभियान का हिस्सा है। इसे लेकर सभी संस्थाओं, जनप्रतिनिधियों और आमजन को सरकार के कार्यक्रमों से जुड़ना होगा। सब लोग एक साथ सामूहिक रूप से जुड़ेंगे तो इसके सफल व सार्थक परिणाम आएंगे। सामूहिकता के भाव से ही हमने 40 साल तक मासूमों पर कहर बरपाने वाली इंसेफेलाइटिस पर पूरी तरह नियंत्रण पाया है, वैश्विक महामारी कोरोना को काबू में कर पूरी दुनिया के सामने उदाहरण प्रस्तुत किया है।


उत्तर प्रदेश ने 12 वर्ष पूर्व ही पोलियो की समस्या पर समाधान प्राप्त कर लिया है, परन्तु इन 12 वर्षों में कुछ देशों में पोलियो के मामले सामने आए हैं। बीमारी संक्रामक होने के नाते जब तक वायरस दुनिया से समाप्त नहीं हो जाता, तब तक खतरा बना रहता है। इसलिए पूरी दुनिया में पोलियो उन्मूलन होने तक हमें सार्थक प्रयास करते रहना होगा। उन्होंने कहा कि जरा सोचिए, पोलियो की चपेट में जो बच्चे जिंदगी भर के लिए स्थाई विकलांगता के शिकार हो जाते हैं, उनके व उनके परिवारों पर क्या बीतती होगी। इसलिए सरकार पोलियो उन्मूलन अभियान को तब तक जारी रखेगी, जब तक पूरी दुनिया से यह बीमारी समाप्त नहीं हो जाती है।पल्स पोलियो अभियान के तहत प्रदेश में पांच वर्ष तक के 3.80 करोड़ बच्चों को पोलियोरोधी ड्रॉप पिलायी जाएगी। इतने बच्चों को बीमारी से सुरक्षा कवर देने के लिए 1.10 लाख बूथ बनाए गए हैं। साथ ही, 76 हजार से अधिक सचल टीमें लगाई गई हैं, जो इस अभियान को सफल बनाएंगी। उन्होंने कहा कि पल्स पोलियो अभियान के अलावा बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए मिशन इंद्रधनुष भी चलाया जाता है। मासूमों को पूरा टीकाकरण कवरेज समय पर देना होगा। यह हर एक बच्चे का अधिकार है, तो हम सभी का दायित्व भी। उन्होंने धर्मगुरुओं, जनप्रतिनिधियों, संस्थाओं एवं जागरूक लोगों से अपील की कि वे पल्स पोलियो अभियान में अपना योगदान दें।


इंसेफलाइटिस पर प्रभावी नियंत्रण में अंतर्विभागीय समन्वय का विशेष योगदान रहा। इसी प्रकार पल्स पोलियो अभियान व अन्य कार्यक्रमों में भी इसकी आवश्यकता है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में 40 वर्षों में 50 हजार मासूम इंसेफलाइटिस की चपेट में आकर असमय काल कवलित हो गए थे। हमने 05 वर्ष में इसके उपचार व सम्पूर्ण उन्मूलन की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए। इंसेफलाइटिस से होने वाली मौत के आंकड़े 95 फीसद तक नियंत्रण में हैं। अब इसके सम्पूर्ण उन्मूलन का अवसर है। इंसेफलाइटिस पर नकेल कसने में स्वास्थ्य विभाग समेत अन्य विभागों के सामूहिक प्रयास, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने शौचालय व मजबूत हुए हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर का बड़ा योगदान है।सामूहिकता के बल पर फोर टी (ट्रेस, टेस्ट, ट्रीट और टीकाकरण) फॉर्मूले को अपनाकर उत्तर प्रदेश वैश्विक महामारी कोरोना के प्रबन्धन में पूरे देश में आगे रहा है। कोरोना संक्रमण की दस्तक के दौरान मार्च, 2020 में उत्तर प्रदेश में आर0टी0पी0सी0आर0 जांच की सुविधा नहीं थी, जबकि आज प्रदेश के हर जिले में आर0टी0पी0सी0आर0 लैब है। आज प्रतिदिन 04 लाख आर0टी0पी0सी0आर0 जांच की क्षमता है। उत्तर प्रदेश सर्वाधिक जांच व वैक्सीन देने वाला राज्य है। उपचार के लिए सर्वाधिक बेड्स व सुविधाएं उत्तर प्रदेश में हैं। पहले 36 जिलों में वेंटिलेटर नहीं थे, आज हर जनपद में हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 29.60 करोड़ कोविड वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। अब 12 से 14 वर्ष तक के बच्चों को भी वैक्सीन लगाई जा रही है। उन्होंने कोरोना पर नियंत्रण के लिए इसमें लगे विभिन्न विभागों के कोरोना वॉरियर्स की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कोरोना प्रबन्धन को दुनिया ने सराहा है। विगत 05 साल में उत्तर प्रदेश का हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर काफी मजबूत हुआ है। एक समय तक इंसेफलाइटिस से प्रभावित पूर्वी उत्तर प्रदेश में इलाज का एक मात्र केन्द्र बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज ही था, वह भी जर्जर हालत में था। आज बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशियलिटी सुविधा है, बाल रोग संस्थान है। गोरखपुर में 01 हजार बेड्स की सुविधा वाला एम्स शुरू हो गया है। बस्ती, देवरिया, सिद्धार्थनगर में मेडिकल कॉलेज शुरू हो गए हैं। कुशीनगर में निर्माणाधीन है। महराजगंज में बनने जा रहा है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों को भी मेडिकल कॉलेज की सौगात मिली है। हर जिले में मेडिकल कॉलेज बन गए हैं, बनाए जा रहे हैं या बनाए जाएंगे।


मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें क्षय रोग के उन्मूलन की दिशा में भी तेजी से काम करना है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने वर्ष 2025 तक भारत को टी0बी0 मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए जारी वृहद अभियान में हम सभी को जुड़ना होगा। उन्होंने कहा कि आप टी0बी0 से ग्रस्त किसी एक बच्चे को गोद लेकर और सरकारी कार्यक्रमों से उसके उपचार से जुड़कर अपना योगदान दे सकते हैं। यह एक राष्ट्रीय अभियान है। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन व अन्य संस्थाएं भी टी0बी0 उन्मूलन की दिशा में प्रयासरत हैं।इस अवसर पर मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्री अमित मोहन प्रसाद ने विभाग के कार्यक्रमों व उपलब्धियों की जानकारी दी।कार्यक्रम में जनप्रतिनिधिगण सहित शासन-प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।