प्रधानमंत्री ने जनपद सिद्धार्थनगर में 2,329 करोड़ रु0 की लागत से निर्मित प्रदेश के 09 मेडिकल कॉलेजों-सिद्धार्थनगर, एटा, हरदोई, प्रतापगढ़,देवरिया, गाजीपुर, मिर्जापुर, फतेहपुर तथा जौनपुर का लोकार्पण किया।इन 09 नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण से, लगभग ढाई हज़ारनए बेड्स तैयार हुए हैं, 05 हज़ार से अधिक डॉक्टर औरपैरामेडिकल के लिए रोज़गार के नए अवसर बने।पूर्वांचल अब पूर्वी भारत का मेडिकल हब बनेगा। योगी ने दिमागी बुखार को बढ़ने से रोक कर इस क्षेत्र के हजारों बच्चोंका जीवन बचा लिया, सरकार जब संवेदनशील हो, गरीब का दर्द समझनेके लिए मन में करुणा का भाव हो, तो इसी तरह का काम होता ।
बीते वर्षों में डबल इंजन की सरकार ने हर गरीब तक बेहतरस्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए बहुत ईमानदारी से प्रयास किया।


सिद्धार्थनगर केन्द्र और प्रदेश की सरकारें अनेक कर्मयोगियों की दशकों की तपस्या का फल हैं। सिद्धार्थनगर ने स्व0 माधव प्रसाद त्रिपाठी जी के रूप में देश को एक ऐसा समर्पित जनप्रतिनिधि दिया, जिनका अथाह परिश्रम आज राष्ट्र के काम आ रहा है। सिद्धार्थनगर के नये मेडिकल कॉलेज का नाम उनके नाम पर रखा जाना उनके सेवाभाव के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री जी और उनकी पूरी सरकार को बधाई देते हुए कहा कि माधव बाबू का नाम यहां से पढ़कर निकलने वाले युवा डॉक्टरों को जनसेवा की निरन्तर प्रेरणा भी देगा। यूपी और पूर्वांचल में आस्था, अध्यात्म और सामाजिक जीवन से जुड़ी बहुत विस्तृत विरासत है। इसी विरासत को स्वस्थ, सक्षम, और समृद्ध उत्तर प्रदेश के भविष्य के साथ भी जोड़ा जा रहा है। आज जिन 9 जनपदों में मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण किया गया है, उनमें यह दिखता भी है।

सिद्धार्थनगर में माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कालेज, देवरिया में महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज, गाज़ीपुर में महर्षि विश्वामित्र मेडिकल कॉलेज, मिर्जापुर में मां विंध्य-वासिनी मेडिकल कॉलेज, प्रतापगढ़ में डॉक्टर सोने लाल पटेल मेडिकल कॉलेज, एटा में वीरांगना अवंती बाई लोधी मेडिकल कॉलेज, फतेहपुर में अमर शहीद जोधा सिंह अटैया ठाकुर दरियांव सिंह मेडिकल कॉलेज, जौनपुर में उमानाथ सिंह मेडिकल कॉलेज, और हरदोई का मेडिकल कॉलेज। यह सभी मेडिकल कॉलेज अब कोटि-कोटि जन की सेवा करने के लिए तैयार हैं। इन 09 नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण से, लगभग ढाई हज़ार नए बेड्स तैयार हुए हैं, 05 हज़ार से अधिक डॉक्टर और पैरामेडिकल के लिए रोज़गार के नए अवसर बने हैं। इसके साथ ही प्रत्येक वर्ष सैकड़ों युवाओं के लिए मेडिकल की पढ़ाई का नया रास्ता खुला है। पूर्वांचल अब पूर्वी भारत का मेडिकल हब बनेगा। यह धरती अब देश को बीमारियों से बचाने वाले अनेक डॉक्टर देने वाली है। पूर्वांचल, उत्तर प्रदेश, पूर्वी भारत को सेहत का नया उजाला देने वाला है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनपद सिद्धार्थनगर में 2,329 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित प्रदेश के 09 मेडिकल कॉलेजों-सिद्धार्थनगर, एटा, हरदोई, प्रतापगढ़, देवरिया, गाजीपुर, मिर्जापुर, फतेहपुर तथा जौनपुर का लोकार्पण किया। उन्होंने नवनिर्मित 09 मेडिकल कॉलेजों के मॉडल को देखा तथा छाया चित्र प्रदर्शनी बुद्ध का जीवनदृश्य एवं उत्खनित पुरास्थल कपिलवस्तु-एक झलक प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रधानमंत्री जी को भगवान बुद्ध की प्रतिमा भेंट की।प्रधानमंत्री ने सम्बोधन की शुरुआत भोजपुरी से करते हुए कहा कि सिद्धार्थनगर की पावन धरती पर महात्मा बुद्ध ने अपना प्रारम्भिक जीवन व्यतीत किया। उन्होंने कहा कि आज का दिन पूर्वांचल सहित पूरे उत्तर प्रदेश के लिए आरोग्य की डबल डोज लेकर आया है। दीपावली और छठ का पर्व इस बार पूर्वांचल में आरोग्य का नया विश्वास लेकर आया है। यहां सिद्धार्थनगर में प्रदेश के 09 मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण हो रहा है। इसके बाद पूर्वांचल से ही पूरे देश के लिए मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर की एक बहुत बड़ी योजना शुरू होने जा रही है, जिसे काशी से लॉन्च किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने देश का नेतृत्व कर, पूरी दुनिया के सामने अपनीनेतृत्व क्षमता का परिचय दिया, उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र कोन केवल कोरोना महामारी से बचाया बल्कि भारत के लोगों के जीवनऔर जीविका की रक्षा कर, दुनिया के सामने एक आदर्श रखा। ‘एक जनपद, एक मेडिकल कॉलेज’ का विजन दिया, उनकी अनुकम्पा से प्रदेश में 30 मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं, इनमें से 07 में 2019 से एम0बी0बी0एस0 की कक्षाएं प्रारम्भ, 09 मेडिकल कॉलेजों आज प्रारम्भ होने जा रहे, 14 नये मेडिकल कॉलेजों का वर्तमान में निर्माण कार्य प्रारम्भ हो रहा।प्रधानमंत्री के नेतृत्व में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का निर्माण हो रहा है,हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान देते हुए ‘स्वस्थ भारत, समर्थ भारत’के लिए अभूतपूर्व और अभिनन्दनीय कार्य किया जा रहा।


प्रधानमंत्री ने कहा कि सांसद के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संसद में प्रदेश की बदहाल मेडिकल व्यवस्था की पीड़ा व्यक्त की थी। आज उत्तर प्रदेश के लोग यह देख रहे हैं कि जब जनता-जनार्दन ने योगी को सेवा का अवसर दिया तो कैसे उन्होंने दिमागी बुखार को बढ़ने से रोक दिया और इस क्षेत्र के हजारों बच्चों का जीवन बचा लिया। उन्होंने कहा कि सरकार जब संवेदनशील हो, गरीब का दर्द समझने के लिए मन में करुणा का भाव हो, तो इसी तरह का काम होता है। जब 2014 में जनता ने उन्हें देश की सेवा का अवसर दिया, तब पहले की स्थिति को बदलने के लिए उनकी सरकार ने दिन-रात एक कर दिया। जनमानस के कष्ट को समझते हुए, आमजन की पीड़ा को समझते हुए, उसके दुख-दर्द को साझा करने में हम भागीदार बने। हमने देश की स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने और आधुनिक बनाने का एक महायज्ञ शुरू किया।बीते वर्षों में डबल इंजन की सरकार ने हर गरीब तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए बहुत ईमानदारी से प्रयास किया है, निरंतर काम किया है। उत्तर प्रदेश में 2017 तक सरकारी मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल की सिर्फ 1900 सीटें थीं। जबकि डबल इंजन की सरकार में पिछले चार साल में ही 1900 सीटों से ज्यादा मेडिकल सीटों की बढ़ोतरी की गयी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के कार्यकाल में 16 मेडिकल कॉलेज शुरू हो चुके हैं और 30 नए मेडिकल कॉलेजों पर तेजी से काम चल रहा है। रायबरेली और गोरखपुर में बन रहे एम्स तो प्रदेश के लिए एक प्रकार से बोनस हैं। 2014 से पहले देश में मेडिकल की सीटें 90 हज़ार से भी कम थीं। बीते 7 वर्षों में देश में मेडिकल की 60 हज़ार नई सीटें जोड़ी गई हैं।


गरीब को सस्ता इलाज मिले और उसे बीमारियों से भी बचाया जा सके, इसके लिए देश में नई स्वास्थ्य नीति लागू की गयी। उत्तर प्रदेश में 90 लाख मरीजों को आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त इलाज मिला है। इस योजना की वजह से इन गरीबों के लगभग एक हजार करोड़ रुपए इलाज में खर्च होने से बचे हैं। आज हज़ारों जन औषधि केंद्रों से बहुत सस्ती दवाएं मिल रही हैं। कैंसर का इलाज, डायलिसिस और हार्ट की सर्जरी तक बहुत सस्ती हुई है, शौचालय जैसी सुविधाओं से अनेक बीमारियों में कमी आई है। यही नहीं, देशभर में बेहतर अस्पताल कैसे बनें और उन अस्पतालों में बेहतर डॉक्टर और दूसरे मेडिकल स्टाफ कैसे उपलब्ध हों, इसके लिए बहुत बड़े और लंबे विजन के साथ काम किया जा रहा है।प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं के तेजी से सुदृढ़ीकरण का उल्लेख करते हुए कहा कि 04 दिन पूर्व देश ने 100 करोड़ वैक्सीन डोज का बड़ा लक्ष्य हासिल किया जिसमें उत्तर प्रदेश का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने प्रदेश की जनता, कोरोना वॉरियर्स, राज्य सरकार, प्रशासन और इससे जुड़े सभी लोगों को बधाई देते हुए कहा कि आज देश के पास 100 करोड़ वैक्सीन डोज़ का सुरक्षा कवच है। इसके बावजूद उत्तर प्रदेश कोरोना से बचाव के लिए अपनी तैयारियों में जुटा हुआ है। प्रदेश के हर जनपद में कोरोना से निपटने के लिए बच्चों की केयर यूनिट या तो बन चुकी है या तेजी से बन रही है। कोविड की जांच के लिए आज राज्य में 60 से ज्यादा लैब्स उपलब्ध हैं। 500 से अधिक नए ऑक्सीजन प्लांट्स पर भी तेजी से काम चल रहा है।

09 मेडिकल कॉलेज प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं में अभिवृद्धि करेंगे तथा उ0प्र0 के नौजवानों को मेडिकल की पढ़ाई का अवसर देंगे-मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि 100 करोड़ से अधिक लोगों को सफलतापूर्वक कोरोना वैक्सीन प्रदान करने के उपरान्त भगवान बुद्ध की पावन धरती सिद्धार्थनगर में प्रदेश के 09 मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन करने के लिए प्रधानमंत्री जी का आगमन हो रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह 09 मेडिकल कॉलेज प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं में अभिवृद्धि करेंगे तथा उत्तर प्रदेश के नौजवानों को मेडिकल की पढ़ाई का अवसर देने में भी योगदान देंगे। इससे हमारे युवा चिकित्सक के रूप में समाज को अपनी योग्य सेवाएं प्रदान कर सकेंगे। आज पूरी दुनिया कोरोना महामारी से त्रस्त है, दुनिया की बड़ी-बड़ी ताकतें असहाय दिख रही हैं। ऐसी विपरीत और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में प्रधानमंत्री जी ने देश का नेतृत्व कर, पूरी दुनिया के सामने अपनी नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया। उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को न केवल कोरोना महामारी से बचाया बल्कि भारत के लोगों के जीवन और जीविका की रक्षा कर, दुनिया के सामने एक आदर्श रखा। प्रधानमंत्री जी ने कोरोना काल खण्ड में मुफ्त उपचार और मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध कराने के साथ-साथ जरूरतमन्दों को रोजगार तथा प्रधानमंत्री अन्न योजना के माध्यम से निःशुल्क खाद्यान्न की व्यवस्था करायी।

उ0प्र0 में वर्ष 2017 तक सरकारी मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल कीसिर्फ 1900 सीटें थीं, जबकि डबल इंजन की सरकार में पिछले चार सालमें ही 1900 सीटों से ज्यादा मेडिकल सीटों की बढ़ोतरी की गयी।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में 16 मेडिकल कॉलेज शुरूहो चुके, 30 नए मेडिकल कॉलेजों पर तेजी से काम चल रहा।उ0प्र0 में 90 लाख मरीजों को आयुष्मान भारत योजना के तहतमुफ्त इलाज मिला, इस योजना से इन गरीबों के लगभगएक हजार करोड़ रु0 इलाज में खर्च होने से बचे। 04 दिन पूर्व देश ने 100 करोड़ वैक्सीन डोज का बड़ा लक्ष्यहासिल किया जिसमें उ0प्र0 का बहुत बड़ा योगदान।प्रदेश के हर जनपद में कोरोना से निपटने के लिए बच्चों की केयर यूनिट या तो बन चुकी है या तेजी से बन रही है, कोविड की जांच के लिए राज्य में 60 से ज्यादा लैब्स उपलब्ध, 500 से अधिक नए ऑक्सीजन प्लांट्स पर तेजी से काम चल रहा।


वर्ष 1947 से पहले उत्तर प्रदेश में 03 या 04 मेडिकल कॉलेज थे। तब उत्तराखण्ड भी उत्तर प्रदेश का हिस्सा था। वर्ष 1947 से वर्ष 2016 तक उत्तर प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में केवल 12 मेडिकल कॉलेज बन पाये थे। आजादी के बाद भी उत्तर प्रदेश की उपेक्षा हुई। आजादी के बाद पहली बार इस पीड़ा को प्रधानमंत्री जी ने अपने संवेदनशील और विजनरी नेतृत्व के माध्यम से न केवल समझा, बल्कि उसके समाधान के लिए योजनाएं बनाकर उन्हें प्रभावी ढंग से लागू किया। 09 मेडिकल कॉलेजों का एक साथ उद्घाटन इस बात का प्रमाण है।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ‘एक जनपद, एक मेडिकल कॉलेज’ का विजन दिया। प्रधानमंत्री जी की अनुकम्पा से प्रदेश में 30 मेडिकल कॉलेज प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत खुल रहे हैं। इनमें से 07 में 2019 से एम0बी0बी0एस0 की कक्षाएं प्रारम्भ हो चुकी हैं। 09 मेडिकल कॉलेज आज प्रारम्भ होने जा रहे हैं। 14 नये मेडिकल कॉलेजों का वर्तमान में निर्माण कार्य प्रारम्भ हो रहा है। 30 मेडिकल कॉलेजों का कार्य भारत सरकार के सहयोग और कुछ जनपदों में राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से आगे बढ़ाया है।


‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का निर्माण हो रहा है। हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान देते हुए ‘स्वस्थ भारत, समर्थ भारत’ के लिए अभूतपूर्व और अभिनन्दनीय कार्य किया जा रहा है। सिद्धार्थनगर जनपद में प्रधानमंत्री जी की उपस्थिति हुई है। 08 अन्य स्थानों पर भी इसी प्रकार के कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों के साथ प्रधानमंत्री जी का सम्बोधन सुनने का अवसर सभी लोगों को प्राप्त होगा। आजादी के बाद जिन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में दम तोड़ा था, उनके प्रति यह सही मायनों में श्रद्धांजलि होने के साथ-साथ लोगों को यह संतुष्टि भी प्रदान करेगा कि आने वाले समय में कोई भी मासूम और कोई भी नागरिक स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में अब दम नहीं तोड़ेगा।इंसेफेलाइटिस से मासूम बच्चों की सर्वाधिक मृत्यु होती थी। इस बीमारी से प्रभावित जनपदों में सिद्धार्थनगर भी था।

वर्ष 2014 में लागू स्वच्छ भारत मिशन, सबसे अधिक प्रभावित जनपदों में पीडियाट्रिक आई0सी0यू0 के साथ-साथ इंसेफेलाइटिस ट्रीटमेंट सेण्टर की स्थापना से आज इस बीमारी पर प्रभावी नियंत्रण करने में सफलता प्राप्त हुई। हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ा, हर घर को शौचालय देने की कार्यवाही आगे बढ़ी और शुद्ध पेयजल की आपूर्ति होती गयी। इससे दिमागी बुखार से होने वाली मृत्यु को 95 फीसदी नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त हुई। उन्होंने प्रदेशवासियों सहित सभी प्रभावित परिवारों की ओर से प्रधानमंत्री जी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कोरोना काल खण्ड में अभूतपूर्व कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ।केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की सोच है कि प्रत्येक जनपद में एक मेडिकल कॉलेज हो। आज प्रदेश की जनता को एक साथ 09 मेडिकल कॉलेज समर्पित किये जा रहे हैं।