किसान हितैषी तीनों बिलों को वापस लेने पर प्रधानमंत्री से पुनर्विचार करने की अपील: रामनिवास

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राष्ट्र विरोधी तत्वों के इशारे पर देश को नुकसान पहुंचाने के लिए आंदोलन कराया जा रहा है ।

लखनऊ। राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामनिवास यादव ने वक्तब्य जारी कर कहा कि देश के संविधान दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से किसान हितैशी तीनों कृषि बिल को वापसी पर पुनर्विचार करने की अपील की है उन्होने कहा कि टिकैत एवं उनके साथ शामिल कथित किसान नेता एवं विपक्षी पार्टियां चाहती है कि किसान सीधे व्यापारियों से ना जुड़ सके बल्कि मंडियों के बिचौलिए से जुड़े रहे और उनका शोषण करते रहें जिससे इनके लोगों को मोटा कमीशन मिलता रहे। राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन सरकार से लगातार मांग कर रही थी कि इस कथित किसान आंदोलन की गोपनीय तरीके से जांच कराई जाए। राष्ट्र विरोधी तत्वों के इशारों पर देश को नुकसान पहुंचाने के लिए यह आंदोलन करवाया जा रहा है जबकि बहुत से विशेषज्ञ यह सुनिश्चित कर चुके हैं कि तीनों नए कृषि कानूनों से किसानों को बहुत फायदा होने वाला है और इसके बावजूद देश के किसानों को नुकसान पहुंचाने के लिए और देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए इन कानूनों को वापस लेने का दबाव बनाया गया।

लखनऊ में अपने कार्यकर्ताओं से बात करते हुए राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामनिवास यादव ने कहा कि देश के कई विशेषज्ञ बार-बार यह कह रहे हैं कि तीनों कृषि कानूनों को लागू होना चाहिए जिससे किसानों की आय बढ़ सके उन्हें अपना उत्पाद अपने मनचाहे मूल्य पर किसी भी छोटे-बड़े व्यापारी को कहीं भी बेचने की आजादी मिल सके। किसानों को मंडी शुल्क से आजादी मिल सके और वह खुद अपने उत्पादों के व्यापारी बन सके लेकिन राष्ट्र एवं किसान विरोधी ताकते देश के किसानों का भला नहीं चाहती है देश का आर्थिक विकास नहीं चाहती इसीलिए किसानों को गुमराह किया जा रहा है। वही कथित किसान नेता राकेश टिकैत ने अपने निजी लाभ के लिए देश के साथ बहुत बड़ा धोखा किया है राकेश टिकैत चाहते हैं कि किसान मंडियों में सक्रिय बिचौलियों और दलालों के जाल में फंसे रहे, किसानों की उनकी फसलों का ज्यादातर मुनाफा खा जाते हैं जिसकारण किसानों को सही कीमत नही मिलती है इसलिए राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन ने सरकार से मांग की है कि इस पूरे आंदोलन की जांच करा कर आंदोलन में मिलने वाली विदेशी फंडिंग और आतंकी संगठनों के सहयोग का खुलासा करें और दोषियों को जेल भेजें।