श्री चंद्र देव आदर्श रामलीला समिति भैरव धाम के रंगमंच हुआ रामलीला का मंचन

162

अब्दुल जब्बार एडवोकेट

भेलसर(अयोध्या)। जब एक अकेली ताकत ने इतने वीरों को मार दिया तो निश्चय ही यह सिद्ध हुआ कि नारायण ने अवतार लिया।अपना परिचय देने को कि उन्होने ऐसी युक्ति है इस रण के कारण ही शायद उस रण से मेरी मुक्ति है।श्री चंद्र देव आदर्श रामलीला समिति भैरव धाम के रंगमंच पर निर्देशक श्री महादेव प्रसाद कौशल के कुशल निर्देशन एवं ब्यास पीठ के निर्वाहक पंडित विश्वनाथ तिवारी के सुमधुर संगीतमय श्री राम राम चरित्र मानस की चौपाइयों के मध्य रावण का जीवंत एवं सराहनीय अभिनय करते हुए प्रसूनआर्य ने जब मंच पर बहन सुपनखा से कहा कि तुम इतनी अधीर न हो इस नाक काटने का बदला उन दोनों तपसी से अभी चुकाता हूं।ऐसा कह कर रावण अपने मामा मारीच के पास गया और उससे कहा कि तुम सोने का मृग बन कर सीता व राम को बहकाना मैं सीता का हरण कर लूंगा।मारीच ने रावण की बात सुनकर कहा कि तुम उनको क्या बहका पाओगे।वह तो साक्षात जगदंबा और विष्णु के अवतार हैं लेकिन रावण ने कहा कि तुम यह मेरी बात नहीं मानोगे तो मैं तुम्हारी हत्या कर दूंगा।

मजबूर होकर मामा मारीच स्वर्ण मृग बनकर पंचवटी में गया जिसे देखकर सीता जी ने श्री रामजी से उसकी छाल लाने के कहा। राम जी मृग का पीछा करते हुए उसके पीछे दौड़े केस बाण मारा मारीच ने हां लक्ष्मण हा सीता की आवाज की।सीता घबराई उन्होंने सहायता के लिए लक्ष्मण को निर्देशित किया जाते-जाते लक्ष्मण जी ने एक रेखा खींच दी और कहा माताजी आप इस रेखा से बाहर मत आना।तभी साधु वेश धारी रावण वहां पर भिक्षा मांगने आया।सीता जी ने भिक्षा देना चाहा लेकिन रावन ने कहा कि जब भिक्षा देना हो तो रेखा से बाहर आओ जैसे सीता जी रेखा से बाहर आई तभी रावण ने बलात उनका हरण कर पुष्पक विमान से आकाश मार्ग की ओर ले उड़ा।गिद्ध राज जटायु ने जब यह देखा कि रावण किसी अबला नारी को हरे लिए जा रहा है तो उन्हे छुड़ाने के लिए भयंकर युद्ध किया।रावण ने जटायु के पंख काट दिए जिससे वह धरती पर घायल होकर गिर पड़ा।

विकल होकर राम और लक्ष्मण कुटिया में आए लेकिन वहां पर उन्हें नहीं मिली सीता जी तो उनकी खोज में वह शबरी के आश्रम गए जहां पर शबरी के प्रेम बारे झूठे बेर खाए।शबरी ने बताया कि आप ऋषि मूक पर्वत जाइए जहां वानरो का राजा सुग्रीव रहता है वही आपकी मदद करेगा।हनुमान जी की मदद से सुग्रीव से श्री राम चंद जी ने मित्रता की और सुग्रीव के अधम भाई का बध किया।सुग्रीव को किष्किंधा का राजा बनवाकर वानरो,भालुओ को सीता जी की खोज में भेजा।इस वर्ष डिजिटल पर्दे पर स्थानीय कलाकारों द्वारा बहुत ही सुंदर रामलीला का मंचन रंगमंच पर किया जा रहा है जिसे देखने के लिए प्रति दिन हजारों नर नारियों की भीड़ उमड़ रही है।रामलीला मंचन की सर्वत्र सराहना हो रही है।बाली का अभिनय सुधीर चौरसिया,सुग्रीव अमित शाह तथा हनुमान का अभिनय हर्ष वर्धन यज्ञसैनी ने किया।मंच व्यवस्था शतींद्र प्रकाश शास्त्री,अभय वैश्य एवं सुधीर मिश्रा ने किया।सह निर्देशक अवध बिहारी कौशल,दीपक मिश्रा,साहब शरण शर्मा,संतोष राठौर के निर्देशन में बहुत ही सुंदर रामलीला मंचन की जा रही है।