प्रसव पीड़ा से ग्रसित महिला को दौड़ाया

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प्रसव पीड़ा से ग्रसित महिला को दौड़ाया
प्रसव पीड़ा से ग्रसित महिला को दौड़ाया

प्रसव पीड़ा से ग्रसित महिला को सरकारी अस्पतालों ने दौड़ाया, अब पीड़ित पर समझौते का दबाव, गठित कमेटी के सामने रखा पक्ष।

लखनऊ। प्रसव पीड़ा से ग्रसित महिला को दौड़ाने वाले सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की खामियों पर जांच और तेजी पकड़ रही है। पीड़ित पति सत्येंद्र कुमार शर्मा को उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य भवन बुलाया गया। इस दौरान डॉक्टर हनी मल्होत्रा ने करीब 2 घंटे पीड़ित का पक्ष सुना और दोषियों पर जांच के बाद कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। और पक्ष सुनने के बाद सारी शिकायतों को लिखित तौर पर भी लिया गया। इसी के साथ जांच कमेटी की डॉक्टर हनी मल्होत्रा ने पीड़ित सत्येंद्र शर्मा से एक प्रश्न प्रपत्र पर जवाब मांगा पीड़ित ने सभी के आंसर लिखे, पीड़ित ने निदेशालय में जांच कर रही डॉक्टर के सामने अपनी पूरी कहानी बयां की, पीड़ित ने अपनी समस्या एक लेटर के माध्यम से लिख कर दी। और उसी दौरान पीडित ने डॉक्टर के सामने डफरिन हॉस्पिटल की तरफ से समझौते के दबाव को लेकर भी शिकायत की जिसका पीड़ित के पास साक्ष्य उपलब्ध है। पीड़ित सत्येंद्र शर्मा का कहना है। कि उनके पास कई तरह से डफरिन हॉस्पिटल के डॉक्टर समय वे समय फोन करके मिलने की बात करते हैं । मामले पर समझौता कराने के लिए कोशिशों में लगे हुए हैं। पीड़ित ने कमेटी के सामने कहा कि क्या डफरिन हॉस्पिटल में सीजर केस नहीं देखे जाते हैं। अगर नहीं देखे जाते हैं तो फिर इतने बड़े अस्पताल का क्या मतलब है। और अगर देखे जाते हैं तो फिर मेरी पत्नी को सुविधाओं का अभाव बताते हुए क्यों रेफर कर दिया गया। इस दौरान मेरी पत्नी और मेरे बच्चे को कुछ हो जाता तो आखिर इस घटना का जिम्मेदार कौन होता।

सवाल – क्या आपके पास डफरिन हॉस्पिटल का पुराना पर्चा था….?
जवाब – जी हां मेरे पास डफरिन हॉस्पिटल का पुराना पर्चा था।

सवाल- क्या रेफरल सीट पर आपके हस्ताक्षर हैं । और है तो क्या आपको रेफरल सीट पर लिखा हुआ पढ़ कर सुनाया था…?

जवाब- रेफरलर सीट पर मेरे सिग्नेचर हैं। लेकिन मुझे पढ़ने का मौका नहीं दिया गया था। और ना ही मुझे पढ़ कर सुनाया था।

सवाल- 3 क्या निजी अस्पताल में नॉर्मल प्रसव हुआ था…?

जवाब- निजी अस्पताल के डॉक्टर ने मुझे नॉर्मल प्रसव के लिए ही बताया था। लेकिन कुछ समय मांगा था। बड़े अस्पतालों से रेफर होने के बाद मैं घबराया हुआ था।इसीलिए मैंने खुद डॉक्टर से ऑपरेशन करने के लिए कहा था।

सवाल – डफरिन अस्पताल में आपसे किसने अभद्रता की और क्यों..?
डफरिन हॉस्पिटल में अभद्रता करने वाले का नाम मुझे स्पष्ट पता नहीं लेकिन उपचार में तेजी ना करने की वजह से स्टाफ की तरफ से अभद्रता की गई थी।

सवाल- क्या डफरिन अस्पताल में आपके मरीज का कोई उपचार हुआ था…?

मैं यह बात स्पष्ट नहीं कर सकता क्योंकि मुझे डफरिन के डॉक्टर ने कुछ बताया भी नहीं था।

सवाल -क्या इसके अतिरिक्त आप और भी कुछ कहना चाहते हैं..?
हां कहना तो मैं बहुत कुछ चाहता हूं। लेकिन समय का अभाव होने के कारण में पूरी बात नहीं रख पा रहा हूं। फिलहाल जो भी इस मामले में दोषी हैं।उन पर सरकार कार्यवाही करे और विभाग की तरफ से व्यवस्थाएं दुरुस्त होनी चाहिए।

यह पूरा था मामला आई एम रोड स्थित निवासी सत्येंद्र शर्मा अपनी पत्नी ईलू मिश्रा को गुरुवार 11 मई की रात को प्रसव पीड़ा के दौरान अलीगंज नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए थे जहां डॉक्टर आरुषि ने सीरियस केस बताकर डफरिन हॉस्पिटल रेफर कर दिया था और डफरिन हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने काफी समय बर्बाद कर आने के बाद रात में करीब 2:00 बजे सुविधाओं का अभाव बताते हुए बड़े अस्पताल रेफर कर दिया था। पीड़ित पति अपनी पत्नी को रात भर कई सरकारी व निजी अस्पताल घुमाता रहा तब जाकर एक निजी अस्पताल में सुरक्षित प्रसव हुआ । निजी अस्पताल के डॉक्टर सामान्य प्रसव करना चाह रहे थे। लेकिन बड़े अस्पतालों के रेफर कर देने के कारण से घबराकर पीड़ित ने अपने मन से डॉक्टर से कहकर ऑपरेशन कराया था। प्रसव पीड़ा से ग्रसित महिला को दौड़ाया