अजमेर के महत्त्वपूर्ण विभागों में आरएएस के पद खाली

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अजमेर के महत्त्वपूर्ण विभागों में आरएएस के पद खाली। जो नियुक्त हैं उन्हें तबादले का इंतजार।अधिकारियों के नहीं होने से प्रशासन शहरों के संग अभियान भी प्रभावित।

एस0 पी0 मित्तल

यूं तो अजमेर संभाग मुख्यालय है, लेकिन अजमेर के प्रमुख विभागों में आरएएस अधिकारियों के अधिकांश पद रिक्त हैं। जो अधिकारी नियुक्त हैं उन्हें भी अपने तबादले का इंतजार है। क्योंकि उन्हें एक ही पद पर दो-तीन वर्ष हो गए हैं। ऐसे में नियुक्त अधिकारियों की भी काम करने में रुचि नहीं है। राज्य सरकार ने जरूरतमंद व्यक्तियों को आवासीय पट्टा देने के लिए 15 जुलाई से प्रशासन शहरों के संग अभियान का तीसरा चरण शुरू कर दिया है। सरकार के इस अभियान को सफल बनाने में स्थानीय निकाय विभागों की महत्वपूर्ण भूमिका है। लेकिन अजमेर में नगर निगम और अजमेर विकास प्राधिकरण में आरएएस का टोटा है। निगम में एक उपायुक्त का पद रिक्त है, जबकि प्राधिकरण में बीमारी की वजह से एक उपायुक्त अवकाश पर हैं। अवकाश पर जाने वाले उपायुक्त अशोक चौधरी की सेवानिवृत्ति निकट है,इसलिए वे अपने गृह जिले बाड़मेर में किसी पद पर नियुक्त होना चाहते हैं। चौधरी ने अपने तबादले के लिए कांग्रेस विधायकों से भी सिफारिश करवाई है। लेकिन इसके बावजूद भी उनका तबादला नहीं हो रहा है। प्राधिकरण के आयुक्त के पद पर आईएएस अक्षय गोदारा नियुक्त हैं। गोदारा को भी अपने तबादले का इंतजार है। सचिव के पद पर किशोर कुमार को भी दो वर्ष हो गए हैं।

अजमेर में स्थानीय निकाय के उपनिदेशक का पद भी लंबे समय से रिक्त पड़ा है। जबकि प्रशासन शहरों के संग अभियान में उपनिदेशक के पद की महत्वपूर्ण भूमिका है। ग्रामीण क्षेत्र के विकास में जिला परिषद की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, लेकिन पिछले आठ महीने से जिला परिषद के सीईओ का पद रिक्त है। अब तक एसीईओ को सीईओ का चार्ज दे रखा था, लेकिन एसीईओ मुरारी लाल वर्मा भी 1 जुलाई को रिटायर्ड हो गए। यानी अब दोनों पद रिक्त हैं। इसी प्रकार डीआईजी स्टाम्प और अतिरिक्त कलेक्टर द्वितीय का पद भी रिक्त पड़ा हुआ है। अतिरिक्त कलेक्टर प्रशासन के पद पर कैलाश शर्मा को कार्य करते हुए दो वर्ष से ज्यादा का समय हो गया है। कई आरएएस अधिकारियों के रिक्त पदों का अतिरिक्त चार्ज दे रखा है, जबकि ऐसे अधिकारी पहले ही काम के बोझ से दबे हुए हैं। अजमेर में राजस्व मंडल, राजस्थान लोक सेवा आयोग, बिक्री कर प्राधिकरण, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड आदि जैसे राज्य स्तरीय कार्यालय हैं। लेकिन यहां भी अनेक पद खाली पड़े हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि राजनीतिक दृष्टि से अजमेर का कोई धणी धोरी नहीं है। पिछले लंबे समय से आरएएस की तबादला सूची का इंतजार किया जा रहा है। लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की व्यस्तता के चलते सूची जारी नहीं हो रही है।