गांवों का हो रहा कायाकल्प
गांवों का हो रहा कायाकल्प

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बृजनन्दन राजू

गांवों का हो रहा कायाकल्प,भारत गांवों का देश है। गांव के विकास के बिना देश का विकास नहीं हो सकता। अंग्रेजों के आने से पहले भारत के गांव समृद्ध थे। अंग्रेजों ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को छिन्न-भिन्न करने का काम किया। पहले कुछ चीजों को छोड़कर शेष आवश्यकताओं की पूर्ति गांव से ही हो जाती थी। गांवों में सभी विधाओं के तज्ञ लोग रहते थे। थवई,बढ़ई,मोची,लुहार इत्यादि सभी कारीगर गांव में होते थे। गांव-गांव में कुटरी उद्योग थे। इन कुटीर उद्योगों को बंद कराने का काम अंग्रेंजों ने किया। इसके परिणामस्वरूप गांव दीन हीन अवस्था में पहुंच गये। गांव की गरिमा तथा गौरव को ठेस पहुंचायी गयी। ग्रामीण संस्कृति को भी नष्ट करने का प्रयास किया गया। महात्मा गांधी ने गांधी ने ग्राम विकास का सपना देखा था। वह  ‘ग्राम-स्वराज’ को ही स्वतन्त्र भारत के आर्थिक विकास के केन्द्र-बिन्दु के रूप में देखते थे। दुर्भाग्य से आजादी के बाद जिनके हाथ में सत्ता गयी उनके मन में ग्रामीण भारत को लेकर कोई कल्पना नहीं थी। वह पश्चिमी मानसिकता से प्रभावित थे।

गांवों का हो रहा कायाकल्प

केन्द्र सरकार ने पंचवर्षीय योजनाएं देश में शुरू की। इन योजनाओं के जरिए ग्राम पंचायतों को पैसा भेजा जाने लगा। धीरे-धीरे ग्राम पंचायतें भ्रष्टाचार का अड्डा बन गयीं। केन्द्र में नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद योजना के लाभार्थियों के खाते में सीधे पैसा भेजा जाने लगा। ग्राम विकास की योजना में भी पारदर्शिता आयी। उत्तर प्रदेश के गांव विकास से अछूते थे। दूरस्थ गांवों तक शासन की योजनाएं नहीं पहुंचती थीं। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद ही सभी गांवों में बिजली पहुंच पायी। गांवों में शौचालय नहीं थे। इन्हीं पांच वर्षों में घर-घर शौचालय बनवाये गये ।  गांव, गरीब व किसानों से जुड़ी केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ प्रत्येक तबके को बिना भेदभाव से मिला। पहले बैंक में खाते बड़ी मुश्किल से खुल पाते थे। हर गरीब का जनधन खाता खुला। उत्तर प्रदेश में साढ़े 45 लाख गरीबों को आवास, 2.61 करोड़ गरीबों को शौचालय, फ्री में 1.74 करोड़ गरीबों को रसोई गैस कनेक्शन, 1.55 करोड़ गरीबों को विद्युत कनेक्शन मिला। योजनाएं पहले भी बनती थी लेकिन उनका क्रियान्वयन नहीं हो पाता था। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के हर गांव व गरीब तक योजनाएं पहुंची।

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एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने समग्र विकास का जो चिंतन देश के सामने रखा और राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख ने उस चिंतन को वास्तविक धरातल पर उतारकर जय प्रभा ग्राम के रूप में ग्रामीण विकास का जो माडल देश के समक्ष प्रस्तुत किया। उसके अनुरूप उत्तर प्रदेश की योगी सरकार गांवों को केन्द्र मानकर विकास कर रही है। नानाजी देशमुख ने राजनीति से सन्यास लेने के बाद अपने को पूरी तरह ग्रामीण विकास के लिए समर्पित कर दिया था। योगी जी प्रत्यक्ष राजनीति में रहते हुए उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य की बागडोर संभालते हुए गांवों के विकास पर फोकस कर रहे हैं।


उत्तर प्रदेश को सांस्कृतिक पहचान दिलाने का काम हो रहा है। क्योंकि भौतिक समृद्धि के साथ आध्यात्मिक उन्नति भी जरूरी है। समाज के पुरूषार्थ को जगाने का काम हो रहा है। गांवों के खोये गौरव को वापस लाने तथा गांवों को स्वावलम्बी बनाना के लिए काम हो रहा है। ग्राम आत्मनिर्भर तभी देश आत्मनिर्भर बनेगा। गांवों के समग्र विकास के साथ शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार की भी सरकार चिंता कर रही है। गांवों में ही रोजगार मुहैया कराकर गांवों से पलायन रोकने का काम हो रहा है। ग्रामीणों के सपने गांव में ही साकार हो रहे हैं। योगीराज में गांवों में स्वावलम्बन का अनोखा वायुमण्डल देखने को मिल रहा है। भारत की संस्कृति ग्राम आधारित है। गांव की लोककलाओं,लोकगीत संगीत व लोकनृत्य और लोक नाटक को बढ़ावा दिया जा रहा है। ग्राम को एक परिवार माना गया है। हमारे गांव संपन्न बनें इसके लिए काम हो रहा है। यूपी सरकार गांव को केन्द्र मानकर कार्य कर रही है। जल जंगल जमीन बचाने के लिए भी काम हो रहा है।

गांवों का हो रहा कायाकल्प
गांवों का हो रहा कायाकल्प


ग्राम पंचायतों को मजबूत कर जन कल्याण से सम्बंधित योजनाओं को लागू कर गांव व गरीबों को सभी मूलभूत व बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं। वर्तमान सरकार गांवों के विकास पर पूरा जोर दे रही है, इसमें ग्राम्य विकास विभाग महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। ग्रामीण विकास का सीधा संबंध कृषि से है। कृषि उत्पादन में वृद्धि से ही ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि आती है। इसलिए कृषि और कृषक की समस्याओं का समाधान जरूरी है। गांवों में अधिकांश विवाद रास्ते व जमीन को लेकर होते हैं। गांवों के चक मार्गों को अतिक्रमण से मुक्त कराने का काम योगी सरकार में हुआ है। अतिक्रमित चक मार्गों के खाली हो जाने से जहां गांवों में रास्तों को लेकर आपसी विवादों पर विराम लगा है वहीं किसानों को कृषि कार्यों के लिए अपने खेतों में आने-जाने और सब्जी व अन्य उत्पादों को सीधे बाजार में पहुंचाने से सुगमता हो रही है।


कृषि आजीविका के तहत प्रदेश में आठ लाख महिला किसान परिवारों को गौ-आधारित खेती, कीट प्रबंधन, जैविक खाद नीमास्त्र,गोबर खाद बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है। अधिकांश गांवों में महिलाओं ने स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से पशु पालन, मुगÊ पालन व बकरी पालन का काम शुरू किया है।विगत वर्षों में उत्तर प्रदेश कई मानको में देश में अव्वल रहा है। जल संरक्षण और संचयन के मुख्य उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा शुरू की गयी अमृत सरोवर योजना उत्तर प्रदेश देश में पहले पायदान पर है। आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में अमृत सरोवर योजना शुरू की थी। इस योजना के उत्तर प्रदेश में बहुत ही सार्थक परिणाम आये हैं।


उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और ग्राम विकास विभाग के मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ग्रामीण विकास पर पूरा फोकस कर रहे हैं। ग्रामीण परिवेश में पले बढ़े केशव प्रसाद मौर्य गांवों की कठिनाईयों से वाकिफ हैं। इस विभाग की जिम्मेदारी संभालने के बाद उन्होंने कई प्रयोग शुरू किये हैं। केशव प्रसाद मौर्य के प्रयासों से गांवों का सर्वांगीण विकास हो रहा है। केशव प्रसाद मौर्य खुद गांवों में जाकर ग्राम चैपाल लगा रहे हैं। वह ग्रामीणों से सीधे उनकी  समस्या पूछते हैं और वहीं पर संबंधित अधिकारियों से समस्या का निराकरण भी करवाते हैं। जनता को इससे थाना व तहसीलों के चक्कर लगाने से छुटकारा मिल रहा है।  ग्राम चैपालों में अब तक 25 हजार संदर्भों का निस्तारण किया गया है। केशव प्रसाद मौर्य प्रत्येक शुक्रवार को ग्राम चैपालो का आयोजन कर जहां लोगों की समस्याओं को निराकरण कर रहा हैं वहीं निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण भी कर रहे हैं


भारतीय संस्कृति की आत्मा गांवों में बसती है। कहा जाता है कि एक कोस पर पानी बदले चार कोस पर बानी। यह विविधता हमारे ग्रामीण परिवेश में देखने को मिलती है। प्रदेश सरकार युवाओं को ग्राम संस्कृति, ग्रामीण परिवेश, शिल्प और कौशल से भी परिचित कराने का काम कर रही है। सांस्कृतिक धरोहरों को जहां संवारने का काम हो रहा है वहीं ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है। कृषि से होने वाली आय को कैसे बढ़ाया जाय, ग्रामीण व्यवसाय को किस प्रकार प्रोत्साहित किया जाय और पशुधन का उपयोग कृषि में कैसे हो इस पर सरकार काम कर रही है।

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