लोकतंत्र में उत्सव का अहसास है गणतंत्र

105
लोकतंत्र में उत्सव का अहसास है गणतंत्र
लोकतंत्र में उत्सव का अहसास है गणतंत्र

लोकतंत्र में उत्सव का अहसास है गणतंत्र

एक नए यूपी को स्थापित करने में अपनी भूमिका का निर्वहन करें प्रदेशवासी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 74वें गणतंत्र दिवस पर अपने सरकारी आवास पर किया ध्वजारोहण।प्रदेश वासियों से की अपने कर्तव्यों और दायित्वों का ईमानदारीपूर्वक निवर्हन करने की अपील। बेहतरीन कानून व्यवस्था, दंगा मुक्त प्रदेश के रूप में खुद को स्थापित करने में सफल हुआ है यूपी। उत्तर प्रदेश को निवेश के सबसे बेहतरीन गंतव्य के रूप में मिली है पहचान। कानून व्यवस्था की तरह अब भ्रष्टाचार के खिलाफ भी करना होगा काम।

लखनऊ। भारत ने 75 वर्ष में बहुत लंबी दूरी तय की है। यह पर्व और त्योहार हमको चिंतन और मनन करने का अवसर प्रदान करता है। पूरे प्रदेशवासियों से अपील है कि वो अपने कर्तव्यों का निर्वहन ईमानदारीपूर्वक करें। शासन की योजनाओं को प्रदेशवासियों तक पहुंचाने में मदद करें। एक नए यूपी को देश और दुनिया के सामने स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण अभियान को आगे बढ़ाएं। देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती जातिवाद, भाषावाद, क्षेत्रवाद और किसी भी प्रकार की मत व मजहब विभाजन जैसी विकृति मानसिकता को दूर करना है। विगत वर्षों में इसमें काफी हद तक सफलता प्राप्त हुई है। आज उत्तर प्रदेश बेहतरीन कानून व्यवस्था, दंगा मुक्त प्रदेश के रूप में अपने आपको स्थापित करने में सफल हुआ है। इसका परिणाम उत्तर प्रदेश को निवेश के बेहतरीन गंतव्य के रूप में मिली पहचान है। आज पूरी दुनिया प्रदेश की तरफ आशावादी निगाहों से देख रही है। अब हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ भी उसी तर्ज पर काम करना है, जैसे कानून व्यवस्था को स्थापित किया गया है। यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर अपने सरकारी आवास 5 कालिदास मार्ग पर ध्वजारोहण करते हुए कहीं। उन्होंने इस अवसर पर सभी प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं भी दीं।

मुख्यमंत्री ने बच्चों के साथ भी किया संवाद गणतंत्र दिवस परेड के अवसर पर योगी का एक नया रूप भी देखने को मिला। इस दौरान सीएम योगी से मंच पर मिलने पहुंचे कुछ बच्चों के साथ सीएम बेहद खुश नजर आए। विभिन्न वेशभूषा में पहुंचे ये बच्चे भी सीएम से मिलकर काफी उत्साहित थे। कोई बच्चा तिरंगा पगड़ी पहने हुए था तो कोई यूपी पुलिस के वेश में आया था। सीएम ने इन बच्चों से बातचीत की और उनकी बातों को बड़े ध्यान से सुना। साथ ही वो बच्चों को परेड का महत्व समझाते हुए भी नजर आए।

भारत के महान सपूतों को नमन करने का अवसर

झंडारोहण के बाद योगी ने कहा कि गणतंत्र दिवस विरासत के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का एक अवसर है। भारत माता के उन महान सपूतों, अमर बलदानियों और महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को नमन करने का अवसर है। 1950 में भारत का संविधान पूरी तरह से लागू हुआ था। इसने दुनिया के सामने लोकतंत्र की जननी और सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में अपने संकल्पों को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान किया। देश के 74वें गणतंत्र के अवसर पर हम सभी को लोकतंत्र की भावनाओं को समझना होगा जिसके कारण पूरी दुनिया भारत की ओर आशा भरी निगाहों से देखती है।

सुदृढ़ और गहरी हैं भारत में लोकतंत्र की जड़ें-

भारत के मजबूत लोकतंत्र को इंगित करते हुए सीएम ने कहा कि लोकतंत्र के इस उत्सव ने हम सभी को इस बात का अहसास कराया है कि देश भले ही 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ लेकिन लोकतंत्र के प्रति इसकी आस्था आदिकाल से रही है। लोकतंत्र के प्रति भारत की जड़ें उतनी ही गहरी और सुदृढ़ हैं जितनी मानवता के इतिहास की जड़ें मजबूत हैं। हर काल खंड में भारत ने अपनी व्यवस्था को संचालित करने के लिए जो संविधान अंगीकार किया था उसे शास्त्रों और स्मृतियों के रूप में आज भी सम्मान देते हैं। वास्तव में स्मृतियां केवल हमारे सामने दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा व संस्कृति के मंत्र व शास्त्रों का संकलन मात्र ही नहीं है, बल्कि यह मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करने वाले भारत के उन जीवन मूल्यों को आगे बढ़ाने का भी साधन है जिसके कारण पूरी दुनिया बड़ी श्रद्धा व सम्मान से भारत की तरफ आशा भरी निगाहों से देखती है। इन सबको प्रतिनिधित्व देने का एक अवसर हम सभी के सामने आज इन स्मृतियों ने दिया है।

यह भी पढ़ें – जानें गणतंत्र का उद्देश्य

लोकतंत्र में उत्सव का अहसास है गणतंत्र

माला की तरह पिरोया गया है संविधान का एक-एक आर्टिकल-

संविधान के निर्माण और इसके निर्देशों पर चर्चा करते हुए सीएम योगी ने कहा कि सैकड़ों वर्षों की गुलामी के बाद 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ था। आजादी की आहट के पहले ही 1946 में देश ने संविधान सभा का निर्माण कर स्वतंत्र भारत में किस प्रकार की व्यवस्था लागू होनी है इसके बारे में चिंतन व मनन किया। महापुरुषों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नेतृत्व में इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया और अंततः 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान बनकर तैयार हुआ। डॉ. राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में बनी संविधान निर्माण की समिति और संविधान के एक-एक आर्टिकल और धारा को जैसे माला पिरोने का कार्य होता है उसी तर्ज पर डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में प्रतिबद्धता के साथ संपन्न किया गया। इसके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 नवंबर की तिथि को संविधान दिवस के रूप में आयोजित करने का निर्णय लिया था

प्रत्येक नागरिक को करना होगा दायित्वों का निर्वहन-


मुख्यमंत्री योगी ने आगे कहा कि संविधान को लागू करने का मतलब यह है कि देश इस एक दस्तावेज को ही अपना सबकुछ मानकर इसमें दिए गए निर्देशों का पालन करेगा। संविधान दिवस मनाते समय नागरिकों के कर्तव्यों की भी चर्चा की जाती है। प्रधानमंत्री ने आजादी के अमृत महोत्सव के मुख्य आयोजन में पूरे देश को संदेश दिया था। उन्होंने पंच प्रण की बात की थी। ये पंच प्रण हैं गुलामी को समाप्त करना, विरासत को सम्मान देना, विकसित भारत के निर्माण को आगे बढ़ाना, एक होकर कार्य करना, प्रत्येक नागरिक का अपने कर्तव्यों-दायित्वों का पालन करना। यह नागरिक कर्तव्य हर भारतवासी का दायित्व संकल्प और जीवन का ध्येय होना चाहिए। आजादी के 75 वर्ष में एक लंबी दूरी तय कर ली है। मनुष्य के जीवन को देखें तो मनुष्य के जीवन में 75 वर्ष की यात्रा उसके जीवन में 4 आश्रमों में से अंतिम आश्रम में प्रवेश करने की प्रक्रिया का हिस्सा होता है। यह वह आयु होती है जब व्यक्ति अपने सभी प्रकार के कर्तव्यों से मुक्त होकर संपूर्ण रूप से समाज व लोगों के लिए अपने आप को समर्पित कर देता है। आज देश आजादी का अमृत महोत्सव वर्ष मना रहा है। स्वाभाविक रूप से दायित्व हम सभी के ऊपर है कि संविधान में बताए गए उन सभी बंधों, उपबंधों व धाराओं जो लोकतंत्र के हित में हों उसका ईमानदारी से निर्वहन करते हुए आगे बढ़ें।

लोकतंत्र में उत्सव का अहसास है गणतंत्र

जी20 की अध्यक्षता भारत के सामर्थ्य का प्रतीक-

यूपी में जी20 के आयोजन को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के अमृत वर्ष में भारत को दुनिया के 20 सबसे प्रतिष्ठित देशों की अध्यक्षता का अवसर प्राप्त हुआ है। यह नए भारत की कहानी को हम सबके सामने और दुनिया के सामने प्रस्तुत करता है। यह भारत के सामर्थ्य को वैश्विक मंच पर स्थापित करने का एक अवसर हम सभी को देता है। यह आयोजन यूपी के भी कुछ शहरों में भी होने हैं। यूपी के प्रत्येक नागरिक को इससे जुड़कर देश और दुनिया के सामने एक उदाहरण पेश करना है। आज देश आजादी के अमृत महोत्सव के साथ-साथ गणतंत्र दिवस के अमृत महोत्सव की ओर अग्रसर हो रहा है। हम सबका दायित्व बनता है कि हम सब संकल्प लें कि भारत को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत के रूप में स्थापित करना है।

झंडारोहण और राष्ट्रगान के साथ शुरू हुई परेड


मुख्यमंत्री ने इससे पहले गणतंत्र दिवस परेड का भी अवलोकन किया, जहां विभिन्न झांकियों के माध्यम से उत्तर प्रदेश की संस्कृति और विविधता की झलक देखने को मिली। परेड कार्यक्रम की शुरुआत राज्यपाल आनंदी बे पटेल एवं मुख्यमंत्री ने झंडारोहण करके की। इसके पश्चात राष्ट्रगान का आयोजन हुआ। परेड में भारत की सशस्त्र सेनाओं के पराक्रम के अलावा पैरामिलिट्री फोर्सेज और यूपी पुलिस की टुकड़ियों का शौर्य भी देखने को मिला। साथ ही स्कूली बच्चों और खिलाड़ियों ने भी परेड में शिरकत की। विभिन्न विभागों की झांकी भी देखने को मिली। परेड के दौरान मुख्यमंत्री समेत सभी मेहमानों व परेड में हिस्सा ले रहे लोगों पर आसमान से पुष्पवर्षा भी की गई। इस अवसर पर राजस्थान, पंजाब, मणिपुर समेत कई अन्य राज्यों के लोकनृत्य का भी प्रस्तुतिकरण किया गया। विभिन्न स्कूलों के छात्रों ने नृत्य के माध्यम से प्रदेश के पर्यावरण, स्वच्छता, योग के प्रति जागरुकता का संदेश भी दिया। वहीं, स्वर्णिम भारत, एक भारत-श्रेष्ठ भारत, सशक्त भारत की थीम पर आधारित विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों को भी प्रस्तुत किया गया। छात्रों ने राष्ट्रभक्ति पर आधारित फिल्मी गीतों पर प्रस्तुति के माध्यम से सशस्त्र सेनाओं के शौर्य और पराक्रम के साथ ही विपरीत परिस्थितियों में भी उनके बुलंद हौसलों की तस्वीर पेश की। झांकियों में मिशन शक्ति, ग्रीन कॉरिडोर, राम राज्यम, आयुष्मान भारत, नमामि गंगे, स्मार्ट क्लास, मोटा अनाज और जीआईएस जैसे प्रदेश सरकार के कार्यक्रमों की झलक ने आकर्षण बटोरा। कार्यक्रम का समापन भी राष्ट्रगान के साथ हुआ।

निदेशक सूचना शिशिर ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर पं0 दीनदयाल उपाध्याय, सूचना परिसर में झण्डा फहराया एवं सभी कार्मिकों को शपथ दिलाई। उन्होंने झण्डा फहराने के उपरान्त सभी कार्मिकों को गणतंत्र दिवस की शुभकामना दी। उन्होंने कहा कि आज के दिन संविधान पूर्ण रूप से लागू हुआ और भारत लोकतंत्रात्मक, संप्रभु गणराज्य बना। उन्होंने कहा कि यही वह अवसर है कि हमें अपने गौरवपूर्ण अतीत को याद करें और उससे प्रेरणा लें तथा अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी ईमानदारी एवं कर्तव्य निष्ठा के साथ करते हुए प्रदेश की प्रगति में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें।गणतंत्र दिवस के अवसर पर सूचना विभाग के सभागार में सांस्कृतिक दलों द्वारा देशभक्ति पर आधारित विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। इसके अलावा वर्ब डांस ग्रुप के कोरियोग्राफर विक्कीराज के निर्देशन में बच्चों द्वारा भी राष्ट्रीय गीत पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।

लोकतंत्र में उत्सव का अहसास है गणतंत्र