VPO में आरक्षण की हकमारी

415
VPO में आरक्षण की हकमारी
VPO में आरक्षण की हकमारी

ग्राम पंचायत अधिकारी पद के विज्ञापन में आरक्षण नियमावली का पालन नहीं। ओबीसी,एसटी कोटे की खुलेआम की गयी है हकमारी। VPO में आरक्षण की हकमारी

लौटनराम निषाद
लौटन राम निषाद

लखनऊ। उत्तर प्रदेश अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ग्राम पंचायत अधिकारी पद के विज्ञापन में आरक्षण नियमावली का खुला उल्लंघन कर ओबीसी, एसटी वर्ग के कोटे की हकमारी की गयी है। भारतीय ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता लौटन राम निषाद ने यूपीएसएसएससी के विज्ञापन संख्या-01- परीक्षा/2023 के अनुसार 1468 ग्राम पंचायत अधिकारी पदों के विज्ञापन में उत्तर प्रदेश आरक्षण नियमावली का अनुपालन नहीं किए जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश आरक्षण नियमावली के अनुसार ओबीसी को 27 प्रतिशत,एससी को 21 प्रतिशत, एसटी को 2 प्रतिशत, ईडब्ल्यूएस को 10 प्रतिशत कोटा निर्धारित है।

आयोग द्वारा प्रकाशित विज्ञापन में ओबीसी, एसटी व ईडब्ल्यूएस को निर्धारित कोटा से कम पद आरक्षित किया गया है। उन्होंने बताया की 734 अनारक्षित पदों के सापेक्ष 849 पद निर्धारित कर 115 अतिरिक्त पद अनारक्षित कोटा में रखा गया है, वहीं ओबीसी को 396 की बजाय मात्र 139 पद आरक्षित कर 257 पदों की हकमारी की गयी है। 1468 विज्ञापित पदों में एसटी को 29 पद की बजाय मात्र 7 पद आरक्षित कर 22 पदों की लूट की गई है। ईडब्ल्यूएस को 146-7 पद की बजाय 117 पद आरक्षित कर 29-30 पद कम दिए गए हैं।

वर्तमान समय में 50 फीसदी आरक्षण दिया जा रहा है। जिसमें 27 फीसदी ओबीसी, 15 फीसदी एससी और 7.5 फीसदी एसटी को आरक्षण मिल रहा है। केंद्र सरकार ने EWS आरक्षण को लाते हुए कहा कि हमने 50 प्रतिशत वाले नियम को नहीं तोड़ा है क्योंकि हम जो 10 प्रतिशत आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को दे रहे हैं वो सामान्य कैटेगरी के लोग ही हैं और यह उनके 50 प्रतिशत में ही आएगा। जिससे बाकी के 50 प्रतिशत वाले ब्लॉक को डिस्टर्ब नहीं किया जा रहा है। EWS आरक्षण कोटा के अंदर वह व्यक्ति आते हैं जो सामान्य केटेगरी के हों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग हो। इस कोटा के अंदर एससी, एसटी, ओबीसी वर्ग नहीं आते। सामान्य केटेगरी के वह लोग जिनकी सालाना आमदनी 8 लाख से कम है उन्हें भी इस आरक्षण का लाभ मिलेगा।अगर व्यक्ति गांव से है तो जिसके पास 5 एकड़ से कम खेती की जमीन है या 1000 वर्ग फुट का मकान है वह भी EWS आरक्षण के तहत आते हैं।इसके अलावा जिस परिवार के पास अधिसूचित निगम में 100 वर्ग गज या गैर-अधिसूचित निगम में 200 वर्ग गज प्लॉट का प्लॉट है वह भी इस कोटा के अंदर आते हैं।


निषाद ने ग्राम पंचायत अधिकारी पद के विज्ञापन में कोटा निर्धारण में अनियमितता बरतने का आरोप लगाते हुए आरक्षण नियमावली का पूरी तरह पालन करते हुए संशोधित विज्ञापन प्रकाशित कराने की माँग की है, साथ कोटा आबंटन में गलती करने वाले दोषी अधिकारियों को दंडित करने की माँग किया है। उन्होंने बताया कि 1468 ग्राम पंचायत अधिकारी पदों के विज्ञापन में 734 पद अनारक्षित करने की जगह 849 पद अनारक्षित रखा गया है,जिसके अनुसार 115 अतिरिक्त पद अनारक्षित रखकर कोटा नियमावली का उल्लंघन किया गया है। इसी तरह अनुसूचित जाति को 308 पदों को आरक्षित करने की बजाय 356 पद आरक्षित कर 48 पद अतिरिक्त दिया गया है, वही ओबीसी, एसटी आरक्षण कोटे की हकमारी है और ओबीसी,एससी में फ़ूट डालने की भी साज़िश है। VPO में आरक्षण की हकमारी