उत्तर प्रदेश में आरक्षण नियमावली का उल्लंघन-लौटनराम निषाद

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स्वास्थ्य कार्यकर्ता(महिला) भर्ती में ओबीसी,एससी कोटे की हकमारी ,यूपीएसएसएससी ने उत्तर प्रदेश आरक्षण नियमावली का किया उल्लंघन।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा विज्ञापित 9212 पदों पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता(महिला) भर्ती विज्ञापन में उत्तर प्रदेश आरक्षण नियमावली का उल्लंघन किया गया है। महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता भर्ती विज्ञापन में आरक्षण नियमावली के विरुद्ध ओबीसी,एससी पद आवंटित करने का आरोप राष्ट्रीय निषाद संघ(एनएएफ) के राष्ट्रीय सचिव व भारतीय ओबीसी मोर्चा के प्रवक्ता कांग्रेस नेता चौ.लौटनराम निषाद ने लगाया है।उत्तर प्रदेश सरकारी सेवा आरक्षण नियमावली के अनुसार ओबीसी को 27 प्रतिशत,एससी को 21 प्रतिशत,एसटी को 2 प्रतिशत,ईडब्ल्यूएस को 10 प्रतिशत आरक्षण कोटा निर्धारित है। 40.5 प्रतिशत अनारक्षित कोटा है जिसमें कट ऑफ मार्क्स/कट ऑफ मेरिट के आधार पर ओबीसी,एससी,एसटी स्थान पा सकता है।अनारक्षित का मतलब सामान्य वर्ग/सवर्ण के लिए आरक्षित नहीं बल्कि सभी वर्ग या श्रेणियों के खुला(ओपेन फॉर आल) होता है।

“आरक्षण कोटे के अनुसार संशोधित विज्ञापन जारी करने की माँग”

निषाद ने बताया कि महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता के विज्ञापित 9212 पदों में से 4865 पद अनारक्षित रखा गया है।ओबीसी के लिए 1660 पद, एससी के लिए 1346 पद, एसटी के लिए 420 व ईडब्ल्यूएस के लिए 921 पद आरक्षित रखा गया है।उक्त विज्ञापन में ओबीसी,एससी कोटे की हकमारी की गई है।ईडब्ल्यूएस को 10 प्रतिशत कोटा दिया गया है,वही एसटी को 184 के सापेक्ष 420 पद आरक्षित किया गया।अनारक्षित कोटे के अंतर्गत 3730 के सापेक्ष 4865 पद रखा गया है।अनारक्षित कोटा में 3730 की जगह 4865 यानि 1135 पद अधिक रखा गया है,वही एसटी को 184 की जगह 420 यानि 236 पद अधिक आरक्षित किया गया है।उक्त विज्ञापन में ओबीसी। को 2487 पद की जगह 1660 पद आरक्षित कर 827 पदों एवं एससी को 1934 की जगह 1346 पदों को ही आरक्षित कर 588 पदों की हकमारी की गई है।


निषाद ने अन्य पिछड़े वर्ग व अनुसूचित जाति के आरक्षण पुनर्निर्धारित/संशोधित कर विज्ञापन प्रकाशित करने की उत्तर प्रदेश सरकार व उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष एवं सचिव से मांग किया है।उन्होंने कहा कि यदि आयोग ने ओबीसी,एससी के लिए निर्धारित 27 प्रतिशत व 21 प्रतिशत आरक्षण कोटे के अनुसार पद विज्ञापित नहीं किया तो आरक्षण नियमावली उल्लंघन की शिकायत राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग,राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग,अनुसूचित जाति आयोग के यहॉं की जाएगी और माननीय उच्च न्यायालय में याचिका योजित की जाएगी।
चौ.लौटनराम निषाद
9415761409/8182822805