’’रन फॉर मणिकर्णिका’’ का परिणाम,छाया ठाकुर प्रथम

104

बुंदेलखंड के झांसी में लड़की हूँ लड़ सकती हूँ मैराथन प्रतियोगिता ’’रन फॉर मणिकर्णिका’’ का परिणाम ।

अंशू अवस्थी

झांसी में लगभग 8000 मणिकर्णिकाओं की प्रतिभागिता के साथ सम्पन्न हुआ। किले की तलहटी पर मुक्ताकाशी मंच परिसर में प्रातः 7 बजे सभी महिला प्रतिभागी एकत्रित हुईं। मुख्य अतिथि यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी0वी0 श्रीनिवासन, पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य, राष्ट्रीय सचिव प्रदीप नरवाल, राष्ट्रीय सचिव सुधांशु त्रिपाठी, पूर्व सांसद बृजलाल खाबरी, प्रदेश उपाध्यक्ष जयवंत सिंह, यूथ प्रदेश अध्यक्ष कनिष्क पाण्डे, चित्रकूट विधायक नीलंचल चतुर्वेदी ने महारानी लक्ष्माबाई पार्क गेट से हरी झण्डी दिखाकर मैराथॉन को रवाना किया।डिजिटल मीडिया संयोजक और प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने जानकारी देते हुए बताया वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई एवं वीरांगना झलकारी बाई को नमन कर सभी प्रतिभागी रवाना हुईं। लगभग 5 किमी0 लम्बे रूट के अन्तर्गत पहला पढ़ाव जीवनशाह तिराहा, उसके बाद इलाइट चौराहा, फिर जेल चौराहा से टर्न होकर झोकनबाग पहुँचा। यहां से गोविन्द चौराहा होते हुए सैंयरगेट के रास्ते मिनर्वा तथा यहां से किला रोड होकर मुक्ताकाशी मंच पर मैराथॉन समाप्त हुई।
इस दौरान जगह-जगह ‘‘लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ’’ के तराने गूंजते रहे। व्यवस्थाएं बनाए रखने के लिए हर मोड़ पर कांग्रेस के वॉलेंटियर मौजूद रहे। रैली के आगे तथा पीछे एम्बुलेंस भी चलती रहीं वहीं बीच-बीच में चिकित्सकों की टीम भी तैनात रही। प्रतियोगिता में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए लाइव रूप ड्रोन रिकॉर्डिंग भी होती रही।

25 सदस्यीय स्पोर्ट ऑफिशियल कमेटी द्वारा निर्णय एवं वीडियो रिकॉर्डिंग फिनिश लाइन व पैसिव कंट्रोल पॉंइंट के कलर काउंटर व रजिस्टर पर लिखे गए चेस्ट नम्बर के आधार पर विजेताओं का चयन:-
‘‘रन फॉर मणिकर्णिका’’ में अदम्य साहस का परिचय देते हुए बबीना विकासखण्ड के ग्राम पलींदा निवासी छाया ठाकुर पुत्री रज्जन सिंह ने दौड़ में प्रथम स्थान प्राप्त कर स्कूटी अपने नाम की।
दूसरी श्रेणी में शीलू यादव एवं मुस्कान पाल के साथ क्रमशः 25 विजेता स्मार्ट फोन के लिए चिहिन्त हुए हैं। जिनके चेस्ट नं0 1433, 0181, 0406, 1447, 0041, 1076, 1326, 0692, 0664, 0028, 0690, 0699, 0201, 0665, 0668, 0693, 0102, 0698, 4093, 4819, 2197, 5390, 0694, 0533, 1297, 3398, 2467 हैं।
तीसरी श्रेणी में फिटनेस वैण्ड के लिए क्रमशः 100 विजेताओं प्रतिभागियों को चिन्हित किया गया जिनके चेस्ट नं0 2234, 0815, 0809, 5333, 5384, 8437, 4089, 44079, 4825,, 1971, 5925, 20245, 1224, 5337, 0019, 1807, 3613, 0884, 0222, 11962, 0139, 3576, 2315, 0578, 0210, 1305, 16233, 4094, 0414, 0575, 0214, 3611, 3664, 40229, 22981, 4816, 0844, 0688, 00651, 4845, 0814, 22467, 1394, 0816, 0816, 1722, 2456, 2457, 1636, 5942, 1753, 1061, 1255, 1453, 2168, 33499, 0398, 5994, 1425, 1410, 11423, 0570, 2019, 0013, 11287, 1410, 0577, 0987, 99152, 1803, 1807, 5994, 0030, 4748, 5361, 2493, 0104, 1957, 0747, 1064, 2234, 5352, 0741, 3406, 2299, 1601, 1815, 5388, 3993, 1782, 5331, 1919, 3009, 5444, 3387, 2234 हैं।
इसके बाद अगले 1000 विजेताओं को मेडल के लिए चिन्हित किया गया तथा सभी 8000 प्रतिभागियों को टी-शर्ट एवं प्रमाण पत्र वितरित किए गए। विजेताओं का चयन स्पोर्ट टीचरों की 25 सदस्यीय ऑफिशियल कमेटी ने फिनिश पॉइंट पर रहकर तथा वीडियो रिकॉर्डिंग को जांचकर किया।
जो प्रतिभागी प्राइज के लिए रह गए हैं वह अपनी रजिस्ट्रेशन स्लिप तथा रेस के उपरान्त प्राप्त गिफ्ट आईडी कार्ड जोकि उन्हें पहनाया गया था एवं आधार कार्ड के साथ समिति के मोबाइल नम्बर पर सम्पर्क कर प्राप्त कर सकते हैं।

300 फीट के फ्लैग को फहराकर भरी लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ की हुंकार – बुन्देलखण्ड के इस ऐतिहासिक आयोजन में हजारों मणिकर्णिकाओं को जोश देखते ही बन रहा था। रेस पूरी कर हजारों बालिकाओं ने 300 फीट लम्बे फ्लैग के साथ मुक्ताकाशी मंच परिसर में एन्ट्री की। इस दौरान पूरा परिसर ‘‘लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ’’ के जयघोष से गूँज उठा। साहस का परिचय देते हुए थीम साँग पर हजारों मणिकर्णिकाऐं लगभग आधे घण्टे तक झूमती रहीं।मुख्य अतिथि युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी0वी0 श्रीनिवास ने कहा कि जब तक महिलाओं को उपेक्षित समझकर उनकी समस्याओं पर विचार नहीं किया जाएगा तथा उन्हें सशक्त नहीं बनाया जाएगा तब-तब विकास की राह में बाधाऐं आती रहेंगी। ऐसी जटिल समस्याओं का अध्ययन करके ही प्रियंका जी ने महिलाओं के लिए उनकी क्षमता अनुसार हर प्रकार का मंच उपलब्ध कराने का संकल्प लिया। आज की मणिकर्णिकाओं को देखकर लग रहा है कि आप सारा जहां जीतने की ताकत रखती हो। आपके सहयोग से प्रियंका जी का कारवां भी चल पड़ा है जिसमें महिलाओं, किसानों, मजदूरों, युवाओं, बजुर्ग, बच्चों सभी का हित निहित है।


पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने मंच को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारे लिए गौरव की बात है कि राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी जी ने महिलाओं को अधिकार एवं सम्मान दिलाने के लिए जो प्रतिज्ञा ली है उस संकल्प के शंखनाद हेतु बुन्देलखण्ड को केन्द्र में रखा तथा हमारे झांसी जनपद को इसकी कमान सौंपी। प्रतियोगिता में महिलाओं एवं छात्राओं ने जिस उत्साह के साथ भाग लिया तथा जिस अभूतपूर्व साहस का परिचय दिया उससे हमें आगे भी इस तरह के आयोजनों पर विचार करने के लिए बल प्राप्त हुआ है।राष्ट्रीय सचिव प्रदीप नरवाल ने कहा कि बुन्देलखण्ड के इतिहास में यह पहली रेस है जिसमें 15 वर्ष की आयु से लेकर 59 वर्ष तक की महिलाओं ने अभूतपूर्व साहस दिखाया। यह वो इतिहास हैं जो केवल वीरांगना महारानी लक्ष्माबाई तथा वीरांगना झलकारी बाई की नगरी में ही सम्भव हो सकते हैं। यह इतिहास रचने के लिए सभी मणिकर्णिकाऐं बधाई की पात्र हैं।


कार्यक्रम के संयोजक उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के महासचिव राहुल रिछारिया ने कहा कि इस ऐतिहासिक मैराथॉन के प्रति मणिकर्णिकाओं का उत्साह हमारी उम्मीदों से भी कहीं अधिक बढ़कर निकला। इस जज्बे को शत-शत नमन। रेस के दौरान ड्रोन रिकॉर्डिंग तथा फिनिश पॉइंट पर लगे कैमरों की सहायता से प्रबंध समिति ने सभी विजेताओं को चिन्हित कर लिया है। जो प्रतिभागी सर्टिफिकेट पानेे से वंचित रह गए हैं उन्हें जिला एवं शहर कांग्रेस कमेटी की ओर से सम्पर्क कर सादर प्रमाण वितिरित किए जाएंगे। बुन्देलखण्ड में इस ऐतिहासिक आयोजन की मेजबानी झांसी को सौंपी गई तथा हजारों मणिकर्णिकाएंे इसकी साक्षी बनीं। यह हमारे लिए गौरव का क्षण है। ऐसे क्षण आगे भी आते रहेंगे। झांसी की बेटियां जीवन में हर मुकाम हांसिल करने के लिए सक्षम हैं। इसे सौभाग्य ही कहेंगे अपको होश सम्भालते ही वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई एवं वीरांगना झलकारी बाई की वीरता की कहानियां सुनने को मिलती हैं और यही कहानियां आपके जीवन में प्रेरक का काम करती हैं।