स्वार्थ में दर किनार होते नियम कानून

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स्वार्थ में दर किनार होते नियम कानून
स्वार्थ में दर किनार होते नियम कानून

स्वार्थ की खातिर दर किनार हो जाते जेल के नियम और कानून। महानिरीक्षक कारागार की तमाम हिदायतों और चेतावनियों के बाद भी जेल अधिकारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे है। लखनऊ जेल में भी अधीक्षक ऑफिस में हुई मुलाकात..!

कुमार राकेश

लखनऊ। स्वार्थ में दर किनार होते नियम कानून,महानिरीक्षक कारागार की तमाम हिदायतों और चेतावनियों के बाद भी जेल अधिकारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे है। मामला राजधानी की जिला जेल का है। लखनऊ जेल के अफसर निजी स्वार्थ की खातिर नियम और कानून को दर किनार करके असरदार ऊंची पहुंच रखने वाले बंदियों की जेल के अंदर दफ्तरों में मुलाकात करा रहे है। ऐसा तब किया जा रहा है जब चित्रकूट जेल में अनाधिकृत मुलाकात कराने के मामले में अफसरों समेत चार लोगों को जेल भेजा जा चुका है।

मिली जानकारी के मुताबिक राजधानी की जिला जेल में बीती 6 मार्च को पशुधन घोटाले के मुख्य आरोपी की जेल के अंदर मुलाकात कराई गई। इस आगंतुक मुलाकाती की एक दिन में एक बार नहीं तीन बार मुलाकात कराई गई है इसकी पुष्टि उस दिन के सुबह 11 से 4 बजे तक के वीडियो वॉल देखकर भी की जा सकती है। मुलाकात के लिए बंदी सेकंड गेट पर आ गया था। इसके बाद जेल प्रशासन के अधिकारियों ने आगंतुक मुलाकाती को जेल के बाहर से बुलाकर इस असरदार बंदी की मुलाकात कराई गई।

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जेल के अंदर लूट, मुलाकात में दिखावटी सख्ती- राजधानी की जिला जेल में जेल के अंदर लूट मची हुई है। बंदियों की मुलाकात को लेकर लोगों को भ्रमित किया जा रहा है। जेल प्रशासन के अधिकारियों का दावा है कि जेल में किसी भी बंदी की जेल के अंदर मुलाकात नहीं कराई जाती है। सभी की मुलाकात जाली वाले मुलाकात घर में होती है। वहीं बताया जा रहा है जेल के अंदर कैंटीन में खानपान की वस्तुओं को मनमाने दामों पर बेंचकर बंदियों को लूटा जा रहा है। राशन में अनाप-शनाप कटौती कर कैंटीन में खानपान की वस्तुएं तैयार कर अधिकारी दोहरा लाभ लेने में जुटे हुए हैं।

सूत्रों का कहना है कि वर्तमान समय में लखनऊ जेल के किसी अधिकारी की किसी गंभीर मामले की जांच चल रही है। इस जांच को निपटावाने के लिए यह मुलाकात कराई गई है। सूत्रों की माने तो बीते दिनों दिल्ली गृह मंत्रालय में तैनात एक वरिष्ठ अधिकारी से पशुधन घोटाले के आरोपी से मुलाकात करने जेल आया था। इसकी जानकारी जेल अफसरों को थी। पशुधन घोटाले के आरोपी से इस अधिकारी के बहुत अच्छे संबंध है। बंदी से अधिकारी के संबंधों का लाभ उठाकर जांच को निपटावाने के लिए इस आगंतुक व्यक्ति की मुलाकात जेल के अंदर पशुधन घोटाले के आरोपी से कराई गई है।

सूत्रों की माने तो आगंतुक व्यक्ति की मुलाकात जेल अधिकारियों ने जांच को निपटवाने के लिए अवैध तरीके से कराई है। मुलाकात के लिए आने वाले व्यक्ति ने बंदी से मुलाकात करने के जेल मुखिया के निजी मोबाइल फोन नंबर पर बात भी की थी। इसकी पुष्टि मुखिया के मोबाइल फोन को कॉल डिटेल निकाल कर की जा सकती है। उधर इस संबंध में जब लखनऊ परिक्षेत्र के डीआइजी एके सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि ऐसा कोई मामला उनके संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा हुआ है तो जांच कराई जाएगी। जांच में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। स्वार्थ में दर किनार होते नियम कानून