संजीवनी बनी पीएम किसान सम्मान निधि
संजीवनी बनी पीएम किसान सम्मान निधि

संजीवनी बनी पीएम किसान सम्मान निधि

किसानों के लिए संजीवनी बनी पीएम किसान सम्मान निधि योजना। योजना के तहत किसानों के खाते में भेजे जा चुके हैं 51639.68 करोड़ रुपये। केसीसी, फसली ऋण, बीमा एवं पेंशन योजना भी बनी मददगार।

लखनऊ। देश एवं प्रदेश के किसान खुशहाल हों। यह मोदी एवं योगी सरकार का लक्ष्य है। डबल इंजन की सरकार इसके लिए हर संभव प्रयास भी कर रही है। उत्पादन बढ़ाना इसका महत्वपूर्ण घटक है। उत्पादन बढ़ाने में सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका समय से मिलने वाले कृषि निवेश की है। कृषि निवेश के लिए नकदी की जरूरत होती है। इस लिहाज से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम किसान) उत्तर प्रदेश करोड़ों किसानों के लिए लिए संजीवनी साबित हो रही है।

यह भी पढे- गलती की कीमत चुकानी है-गहलोत

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजनान्तर्गत लाभ प्राप्त कर रहें सभी लाभार्थी किसानों का आधार वैलिडेशन कराने के उद्देश्य से पीएम किसान डाट जीओवी डाट इन पर पर एक नया लिंक ई-केवाईसी के नाम से खोला गया है। खोले गये पोर्टल पर लाभ प्राप्त कर रहे सभी अवशेष किसानों का ई-केवाईसी कराने का निर्देश दिये गये है। साथ ही नये किसानों का भी पोर्टल पर ई-केवाईसी कराने के निर्देश दिये गये हैं। उप निदेशक कृषि श्री शाही ने ऐसे किसानों से अपील की है कि जो किसान अभी तक अपना ई-केवाईसी नहीं कराया है वे अपना ई-केवाईसी मोबाइल ओटीपी, बायोमैट्रिक ई- केवाईसी करा लें।

रबी, खरीफ एवं जायद की फसली सीजन के दौरान 2000-2000 रुपये की तीन किश्तों में मिलने वाली यह राशि दिखने में भली छोटी लग रही हो, पर जिन लघु-सीमांत किसानों को यह मिल रही है वह फसली सीजन में जरूरी कृषि निवेश बीज, खाद एवं पानी के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहे। इस योजना के तहत दिसम्बर, 2022 तक कुल 51639.68 करोड़ रुपये की धनराशि डीबीटी के माध्यम से पात्र किसानों के खातों में आ चुकी है। चूंकि उत्तर प्रदेश में ऐसे किसानों की संख्या सर्वाधिक है। लिहाजा योजना का सबसे अधिक लाभ भी यहीं के किसानों को मिल रहा है। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में देश के सर्वाधिक गाँव हैं। बड़े महानगरों सटे गावों को अपवाद मान लें तो इन ग्रामीणों की आजीविका का स्रोत खेतीबाडी ही है। इस योजना से इन सबको लाभ हो रहा है।

यह भी पढ़ें- जनपदीय इन्वेस्टर्स समिट में जनप्रतिनिधि करें नेतृत्व

उल्लेखनीय है कि कृषकों की आय बढ़ाने समय से जरूरी कृषि निवेश उपलब्ध कराने के उद्देश्य से दिसम्बर, 2018 से यह प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू की गई थी।
इसके अलावा प्रधानमंत्री किसान मानधन (पीएमकेएमवाई) योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, फसली ऋण जैसी योजनाओं के जरिए भी सरकार प्रदेश के लघु एवं सीमांत कृषकों को सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा उपलब्ध करा रही है। मसलन पीएमकेएमवाई योजना के तहत 60 वर्ष की उम्र पूरी कर चुके पुरुष एवं महिला किसानों को 3000 रुपये की मासिक पेंशन योजना है। योजना के अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक 5 जनवरी 2023 तक इसके लिए 2.49 लाख लाभार्थियों को कार्ड उपलब्ध कराया जा चुका है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से भी इच्छुक एवं जरूरतमंद किसानों को आर्थिक एवं सामाजिक सुरक्षा दी जा रही है। पहुंचाते हुए क्षतिपूर्ति की धनराशि किसानों को समय से उपलब्ध कराने हेतु वर्ष 2022-23 के खरीफ 2022 में 23.08 लाख बीमित कृषकों (2.94 लाख गैर ऋणी कृषक) द्वारा 16.45 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बीमा कराया गया जिसमें असफल बोआई / मध्यावस्था/स्थानिक आपदा के अन्तर्गत 105.18 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति की गई है।

वित्तीय वर्ष 2021-22 के 9.92 लाख बीमित कृषकों को 900.28 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया है। रबी 2022-23 के लिए निर्धारित 94506.56 करोड़ फसली ऋण वितरण लक्ष्य के सापेक्ष माह दिसम्बर, 2022 तक 3020666.09 करोड़ रुपये ऋण का वितरण हो चुका है।

संजीवनी बनी पीएम किसान सम्मान निधि