सेव द स्पैरो अवेयरनेस प्रोग्राम
सेव द स्पैरो अवेयरनेस प्रोग्राम

विश्व गौरैया दिवस के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा “सेव द स्पैरो अवेयरनेस प्रोग्राम” के अंतर्गत गौरैया के संरक्षण हेतु की गई अपील। अपने अपने संसाधनों से गौरैया के संरक्षण में सभी अपना योगदान अवश्य दें– हर्ष वर्धन अग्रवाल सेव द स्पैरो अवेयरनेस प्रोग्राम

लखनऊ। विश्व गौरैया दिवस के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा “सेव द स्पैरो अवेयरनेस प्रोग्राम” के अंतर्गत ट्रस्ट के सेक्टर 25, इंदिरा नगर, कार्यालय में शहतूत के पेड़ पर गौरैया संरक्षण हेतु घोसले लगाए गए तथा गौरैया संरक्षण की अपील की गई। इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि “विश्व गौरैया दिवस (World Sparrow Day) हर साल 20 मार्च को मनाया जाता है।

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आज गौरैया को बचाने का मतलब पर्यावरण को बचाना है। देश से जिस तेजी के साथ गौरैया विलुप्त हो रही है। ऐसे में जरूरी है कि गौरैया संरक्षण को लेकर किए जा रहे प्रयास और तेजी से किए जाएं। जरूरी है कि गौरैया को वापस बुलाने के लिए घर की छत पर दाना और पानी जरूर रखें। घर के आस-पास पेड़-पौधे लगाएं। साथ ही कृषि में कीटनाशकों का उपयोग कम से कम करें। जगह-जगह बर्ड हाउस स्थापित किए जानें की आवश्यकता है।सेव द स्पैरो अवेयरनेस प्रोग्राम

विश्व के कई देशों में गौरैया पाई जाती है परंतु बढ़ते प्रदूषण सहित कई कारणों से गौरैया की संख्या में काफी कमी आई है। गौरैया हमारी प्रकृति के अनुकूल होते हुए भी, उनकी संख्या में कमी होती जा रही है। इससे न केवल हमारे प्राकृतिक संसाधनों का संतुलन बिगड़ रहा है बल्कि उनके अस्तित्व को खतरा भी है । विश्व गौरैया दिवस लोगों में गौरैया के प्रति जागरुकता बढ़ाने और उसके संरक्षण के लिए मनाया जाता है। आज इस दिवस पर आइए हम सब यह संकल्प लें कि अपने आसपास के पर्यावरण को शुद्ध रखते हुए तथा पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी का वहन करते हुए पशु पक्षियों की रक्षा करेंगे तथा संपूर्ण वातावरण को चिड़ियों की मधुर आवाज से आनंदमई रखेंगे।” हम आप सभी से अपील करते हैं कि आप भी अपने संसाधनों से गौरैया के संरक्षण में अपना योगदान दें।

हर साल विश्व गौरैया दिवस के लिए एक थीम निर्धारित की जाती है। वर्ष 2023 में विश्व गौरैया दिवस की थीम ‘I love Sparrows’ निर्धारित की गई है। विश्व गौरैया दिवस की थीम 2010 से निर्धारित है और अभी तक थीम को कभी बदला नहीं गया है।विश्व गौरैया दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को गौरैया के संरक्षण के प्रति जागरूक करना और कैसे गौरैया को संरक्षित किया जाए इस पर विचार करना है। गौरैया की संख्या में बहुत तेजी से कमी आ रही है। पूरे यूरोप में सामान्य रूप से दिखाई पड़ने वाली इन चिड़ियों की संख्या लगातार घट रही है।