लखनऊ क्षेत्र में धारा-144 द लागू-

116


लखनऊ – संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था नवीन अरोरा ने बताया है कि विभिन्न राजनीतिक दलों, संगठनों/भारतीय किसान संगठनों एवं अन्य व्यक्तियों/संगठनों द्वारा कमिश्नरेट लखनऊ क्षेत्र में किसान आंदोलन/धरना प्रदर्शन करने की प्रबल संभावना है जिससे शांति व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। कोविड-19 वैश्विक महामारी का प्रभाव जनजीवन को व्यापक रुप से प्रभावित कर रहा है। दिनांक 11.03.2021 को महाशिवरात्रि, दिनांक 28.03.2021 को होलिका दहन, दिनांक 29.03.2021 को होली एवं शबे बारात, दिनांक 02.04.2021 को गुड फ्राईडे, दिनांक 03.04.2021 को ईस्टर सैटरडे व दिनांक 05.04.2021 को ईस्टर मंडे/महाराज कश्यप जयंती के अवसर पर भी असामाजिक तत्वों द्वारा शांति व्यवस्था भंग की जा सकती है। जिससे कटुता बढ़ने व लोक प्रशांत विशुब्ध होने की प्रबल आशंका है। धारा-144 दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए नई निषेधाज्ञा जारी किया जाना आवश्यक है।

उन्होंने बताया कि कन्टेनमेन्ट जोन के बाहर समस्त सामाजिक/शैक्षिक/खेल/ मनोरंजन/सांस्कृतिक/धार्मिक/राजनीतिक कार्यक्रमों एवं अन्य सामूहिक गतिविधियों की अनुमति निम्न प्रतिबन्धों के अधीन होगी।  किसी भी बन्द स्थान, हाल/कमरे की निर्धारित क्षमता का 50 प्रतिशत किन्तु एक समय में अधिकतम 200 व्यक्तियों तक तथा किसी खुले स्थान/मैदान पर ऐसे स्थानों के क्षेत्रफल के अनुसार फेस-मास्क का प्रयोग, सोशल-डिस्टेन्सिंग का अनुपालन तथा थर्मल स्कैनिंग और हाथ धोने/सेनेटाइजर की व्यवस्था करना अनिवार्य होगा।

संयुक्त पुलिस आयुक्त ने बताया कि कोई भी व्यक्ति पुलिस आयुक्त लखनऊ या संयुक्त पुलिस आयुक्त या पुलिस उपायुक्तों की पूर्व अनुमति प्राप्त किये बिना न तो 5 या इससे अधिक व्यक्तियों का किसी प्रकार का कोई जुलूस निकालेगा न ही सार्वजनिक स्थान पर 5 या इससे अधिक व्यक्तियों का समूह बनायेगा और न ही किसी समूह में सम्मिलित होगा। (विवाह, उत्सव व शव यात्रा सम्बन्धी जुलूस तथा उ0प्र0 शासन के विभिन्न विभागों के प्रबान्धाधीन प्रेक्षाग्रहों के अन्दर आयोजित सांस्कृतिक व एकेडमिक कार्यक्रम प्रतिबन्ध से मुक्त रहेगें। उन्होंने बताया कि कोई भी दुकानदार न तो ऐसे धातु के तार का विक्रय करेगा और न ही कोई व्यक्ति ऐसे तार में पतंग बांधकर उड़ायेगा जिससे ट्रांसफाॅर्मर जल जाने अथवा तार सर्किट की सम्भावना हो।

कोई भी व्यक्ति जिला मैजिस्ट्रेट, अधोहस्ताक्षरी या क्षेत्रीय कार्यकारी मैजिस्ट्रेट की पूर्वानुमति के बिना लाउडस्पीकर अथवा अन्य किसी प्रकार के ध्वनिवर्धक यन्त्रों/साधनों का प्रयोग किसी भी कार्य के लिए नही करेगा। किसी धार्मिक स्थल/सार्वजनिक स्थल/जुलूसों/अन्य आयोजनों पर लाउड-स्पीकर की ध्वनि की तीव्रता के सम्बन्ध में ध्वनि-प्रदूषण(विनियम और नियंत्रण), नियम-2000 यथा संशोधित के प्राविधानों का अनुपालन आवश्यक होगा रात्रि 22ः00 बजे से प्रातः 06ः00 बजे से पूर्व किसी भी प्रकार के ध्वनिवर्धक यंत्र/साधन का प्रयोग नहीं किया जायेगा।  

     संयुक्त पुलिस आयुक्त ने बताया कि कोई भी व्यक्ति जिला मैजिस्ट्रेट, अधोहस्ताक्षरी या क्षेत्रीय कार्यकारी मैजिस्ट्रेट की पूर्वानुमति के बिना कोई प्रचार कार्य नहीं करेगा न ही किसी कार्यक्रम आयोजन में ध्वनिवर्धक यन्त्रों, साधनों को बिजली अथवा टेलीफोन कंे खम्भों में बांधेगा और न ही कार्यक्रम स्थल के बाहर कोई ध्वनि विस्तारक यंत्र लगायेगा।नगर पश्चिमी क्षेत्र की सीमा के अन्दर कोई भी व्यक्ति किसी भी सार्वजनिक स्थान पर पुतला नहीं जलायेगा और न ही ऐसा आचरण प्रस्तुत करेगा जिससे किसी प्रकार शान्ति व्यवस्था प्रभावित होने की आशंका हो।

यह आदेश तत्काल प्रभावी होगा और यदि बीच में वापस न लिया गया तो दिनांक 05.04.2021 तक लागू रहेगा। इस आदेश अथवा इस आदेश के किसी अंश का उल्लंघन करना भारतीय दंड विधान की धारा-188 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है।इस आदेश का प्रचार लखनऊ नगर के सभी संयुक्त पुलिस आयुक्तों, पुलिस उपायुक्त, अपर पुलिस उपायुक्तों व सहायक पुलिस आयुक्तों के न्यायालयों के नोटिस बोर्ड, लखनऊ नगर क्षेत्र के सभी थानों के नोटिस बोर्ड पर चस्पा करके, स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित कराकर पुलिस कंट्रोल रूम की गाड़ियों द्वारा स्पीकर से प्रचार कराकर किया जाएगा। आज दिनांक 26 फरवरी 2021 को मेरे हस्ताक्षर तथा न्यायालय की मुद्रा से मुद्रांकित कर जारी किया गया।