वैश्विक स्तर पर पहुंचेगा श्री अन्न
वैश्विक स्तर पर पहुंचेगा श्री अन्न

ग्लोबल मिलेट्स कांफ्रेस में शामिल हुये कृषि मंत्री,भारत ने श्री अन्न को वैश्विक स्तर पर भोजन की थाली तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया-श्री तोमर वैश्विक स्तर पर पहुंचेगा श्री अन्न

नई दिल्ली में ग्लोबल मिलेट्स कॉन्फ्रेंस श्री अन्न के उद्घाटन अवसर पर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मिलेट्स के उत्पादन को बढ़ाकर किसानों की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ मिट्टी तथा आमजन के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के प्रयास उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लगातार किए जा रहे हैं। वैश्विक स्तर पर पहुंचेगा श्री अन्न,भारत में बाजरा मुख्य रूप से 12-13 राज्यों में उगाया जाता है। हालांकि, इन राज्यों में प्रति व्यक्ति घरेलू खपत 2-3 किलोग्राम प्रति माह से अधिक नहीं थी। आज यह बढ़कर 14 किग्रा प्रति माह हो गया है।जलवायु लचीला होना मिलेट्स की ताकत है।बहुत प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों में भी मिलेट्स का आसानी से उत्पादन हो जाता है। इसकी पैदावार में पानी भी कम लगता है जिससे पानी की कमी वाली जगहों के लिए भी इसे एक पसंदीदा फसल माना जाता है।

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि उत्तर प्रदेश जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा व क्षेत्रफल में चौथा बड़ा राज्य है। यहां का अधिकांश भू-भाग मोटे अनाजों के उत्पादन के अनुकूल है। वर्तमान में 12 लाख हेक्टेअर भूमि पर मोटे अनाज का उत्पादन किया जा रहा है। जिसमें लगभग 19 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा श्री अन्न पुनरूद्धार कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसमें अगले 04 वर्षों में 186 करोड़ रूपये खर्च करने का प्रस्ताव है।

उन्होंने कहा कि आगामी जायद सीजन में ज्वार तथा बाजरे पर रूपये 20 करोड़ की सब्सिडी से 50 प्रतिशत अनुदान पर किसानों को मोटे अनाजों के बीज उपलब्ध कराये जायेंगे। प्रदेश के 89 कृषि विज्ञान केन्द्रों तथा 05 कृषि विश्वविद्यालयों के माध्यम से मोटे अनाजों पर अनुसंधान तथा शिक्षा को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके साथ ही मोटे अनाजों को न्यूनतम समर्थन मूल्यों पर खरीदे जाने के लिये विशेष प्रतिष्ठान भी खोले जा रहे हैं।

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वैश्विक स्तर पर पहुंचेगा श्री अन्न

सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि मिलेट्स स्वास्थ्य के लिए अत्यन्त लाभदायक हैं। इन्हें भोजन में अनिवार्य रूप से शामिल किया जाना चाहिए। मोटे अनाजोें के उत्पादन में खाद तथा पानी की कम आवश्यकता होती है। मिलेट्स के अन्तर्गत राजगीरा, सनवा, कुटू, रागी, कांगनी, कोदो, सामा, बाजरा, चेना, ज्वार आदि फसलें आती हैं। उन्होंने केन्द्र व राज्य सरकार की योजनाओें तथा उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि उ0प्र0 में दलहन व तिलहन की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा लगभग 11 लाख किसानों को मिनी बीज किट्स का निःशुल्क वितरण किया गया। राज्य में भारत सरकार द्वारा अधिसूचित फसलों को एमएसपी पर खरीदा जा रहा है ताकि किसानों को अपनी फसलों का उचित मूल्य मिल सके। उन्होेंने कहा कि जनपद उन्नाव में 05 लाख 21 हजार किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि मिल रही है और पूरी पारदर्शिता के साथ सरकार के शतप्रतिशत पैसे को लाभार्थियों तक पहॅुचाया जा रहा है।

कृषि मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मोटे अनाजों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिये विभिन्न कदम उठाये जा रहे हैं। हाल ही में राज्यपाल जी द्वारा राष्ट्रपति महोदया को मोटे अनाजों का विशेष भोज कराया गया। इसके साथ ही योगी मंत्री मण्डल के सदस्यों तथा सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के लिये भी मोटे अनाज आधारित विशेष कार्यक्रम आयोजित किये जा चुके हैं। आगामी दिनों में मोटे अनाजों को मध्याह्न भोजन योजना के तहत स्कूलों में भी वितरित किया जायेगा। साथ ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से आम लोगों तक भी पहुंचाया जायेगा।

उन्होंने कहा कि मोटे अनाज खाद्य सुरक्षा, जल सुरक्षा तथा पर्यावरण सुरक्षा के लिये अति महत्वपूर्ण हैं। इसलिये उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विषम भौगोलिक क्षेत्रों में मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ाकर कृषि उत्पादन तथा किसानों की आय बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं।इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा केंद्रीय मंत्री मण्डल के सदस्य नरेन्द्र तोमर, मनसुख मांडविया, पीयूष गोएल, कैलाश चौधरी उपस्थित थे। विदेशों से आए हुए कुछ मंत्रिगण गुयाना, मालदीव्स, मॉरिशस, श्रीलंका, सूडान, सूरीनाम और गाम्बिया के मंत्रिगण, दुनिया के विभिन्न हिस्सों से कृषि, पोषण और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाले वैज्ञानिक और एक्सपर्ट्स, विभिन्न एफपीओ और स्टार्टअप के युवा तथा वर्चुअली अनेक किसान उपस्थित थे।

‘श्री अन्न’ केवल खेती या खाने तक सीमित नहीं हैं, जो लोग भारत की परंपराओं से परिचित हैं वह ये भी जानते हैं कि हमारे यहां किसी के आगे ‘श्री’ ऐसे ही नहीं जुड़ता है। जहां ‘श्री’ होता है वहां समृद्धि भी होती है और समग्रता भी होती है। ‘श्री अन्न’ भी भारत में समग्र विकास का माध्यम बन रहा है इसमे गांव भी जुड़ा है और गरीब भी जुड़ा है। श्री अन्न यानी देश के छोटे किसानों के समृद्धि का द्वार, देश के करोड़ों लोगों के पोषण का कर्णधार, देश के आदिवासी समाज का सत्कार। कम पानी में ज्यादा फसल की पैदावार, केमिकल मुक्त खेती का बड़ा आधार, क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों से निपटने में मददगार। वैश्विक स्तर पर पहुंचेगा श्री अन्न