स्किल इण्डिया मिशन बोझ नहीं बल्कि स्वावलम्बन का आधार-योगी

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मुख्यमंत्री ने जनपद गोरखपुर में उ0प्र0 राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय कार्यालय भवन का भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया।राजर्षि पुरुषोत्तम दास टण्डन महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, वरिष्ठ राजनेता एवं हिन्दी के अनन्य उपासक थे, आजादी के बाद भी वे समाजसेवा व शिक्षा के प्रसार के लिए समर्पित रहे।प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को अंगीकार किया गया, इस शिक्षा नीति में पहली बार एक साथ दो डिग्री प्राप्त करने की सुविधा दी गई।कोरोना काल में शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हुई पर वर्ष 2014 में ही प्रधानमंत्री ने अपनी दूरदृष्टि से डिजिटल इण्डिया की परिकल्पना की, जो कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में बहुत कारगर साबित हुई।सभी लोग डिजिटल इण्डिया की नई क्रान्ति का अनुभव कर रहे।स्किल इण्डिया मिशन से आज युवा परिवार पर बोझ नहीं बल्कि स्वावलम्बन का आधार बन रहे, स्किल इण्डिया मिशन आज गांव-गांव तक पहुंचा, मुक्त विश्वविद्यालय स्किल डेवलपमेण्ट के क्षेत्र में बहुत कारगर।मुक्त विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम नौकरी पेशा व कामकाज करने वालों के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण।मुक्त विश्वविद्यालय का एक शिक्षक तकनीकी के जरिए एक साथ सभी केन्द्रों के छात्रों की कक्षाएं संचालित कर सकता है।


गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद गोरखपुर में तारामण्डल स्थित काॅरपोरेट पार्क में स्थापित होने वाले उ0प्र0 राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय कार्यालय भवन का भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया। उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में पारिजात, कल्पवृक्ष व मौलश्री के पौधों का रोपण भी किया।मुख्यमंत्री ने योगीराज बाबा गम्भीरनाथ प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर राजर्षि टण्डन की स्मृतियों को नमन करते हुए कहा कि इस उ0प्र0 राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय का नामकरण स्वतंत्रता आन्दोलन में देश की आजादी के लिए समर्पित रहे महापुरुष राजर्षि पुरुषोत्तम दास टण्डन के नाम पर है। महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, वरिष्ठ राजनेता एवं हिन्दी के अनन्य उपासक राजर्षि टण्डन आजादी के बाद भी समाजसेवा व शिक्षा के प्रसार के लिए समर्पित रहे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को अंगीकार किया गया। इस शिक्षा नीति में पहली बार एक साथ दो डिग्री प्राप्त करने की सुविधा दी गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने से मुक्त विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों का महत्व बहुत बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि विगत दो वर्षों में देश-दुनिया ने मुक्त विश्वविद्यालयों की महत्ता को स्वीकारा है। कोरोना काल में शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री जी ने अपनी दूरदृष्टि से जिस डिजिटल इण्डिया की परिकल्पना की वह कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में बहुत कारगर साबित हुई। उन्होंने कहा कि डी0बी0टी0 के माध्यम से जब करोड़ों लोगों के बैंक खातों में सरकारी योजनाओं की सहायता राशि पहुंचती है, तो इसका लाभ समाज के अंतिम पायदान तक बैठे व्यक्ति को मिलता है। सभी लोग डिजिटल इण्डिया की नई क्रान्ति का अनुभव कर रहे हैं।

स्किल इण्डिया मिशन से आज युवा परिवार पर बोझ नहीं बल्कि स्वावलम्बन का आधार बन रहे हैं। स्किल इण्डिया मिशन आज गांव-गांव तक पहुंचा है। मुक्त विश्वविद्यालय स्किल डेवलपमेण्ट के क्षेत्र में बहुत कारगर हो सकता है। हम सभी को स्किल डेवलपमेण्ट के लिए प्रेरित करना चाहिए। मुक्त विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम नौकरी पेशा व कामकाज करने वालों के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं। इनके माध्यम से नौकरी और कामकाज करते हुए शिक्षा हासिल की जा सकती है। कौशल के जरिए ही आप समाज को कुछ देने की स्थिति में होंगे और राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य भी यही है। उत्तर प्रदेश राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय से तकनीक पक्ष पर ध्यान देने की अपील करते हुए कहा कि इस संस्थान के 1200 अध्ययन केन्द्र प्रयागराज स्थित विश्वविद्यालय से जुड़कर एक साथ कक्षाओं को आगे बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि गोरखपुर में स्थापित हो रहे क्षेत्रीय केन्द्र की भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होगी। तकनीक के जरिए एक शिक्षक एक साथ सभी केन्द्रों के छात्रों की कक्षाएं संचालित कर सकता है। ऐसा करने से शिक्षा व समाज की सेवा के जरिए राजर्षि टण्डन की भावनाओं के अनुरूप ‘नए भारत के नए उत्तर प्रदेश’ को भी तेजी से आगे बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार मुक्त विश्वविद्यालय को भरपूर सहयोग देने के लिए संकल्पित है।

इस अवसर पर सांसद रविकिशन शुक्ल ने कहा कि मुख्यमंत्री जी का शिक्षा के प्रति विशेष ध्यान रहता है। उनका मानना है कि शिक्षा के जरिये किसी भी ऊंचाई पर पहुंचा जा सकता है, क्योंकि पढ़ेंगे तभी आगे बढ़ेंगे। शिक्षा के माध्यम से ही रोजगार बढ़ेगा और पलायन रुकेगा।उत्तर प्रदेश राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 सीमा सिंह ने मुख्यमंत्री जी का स्वागत करते हुए कहा कि वर्ष 1998 में स्थापित इस मुक्त विश्वविद्यालय के 12 क्षेत्रीय केन्द्रों के जरिये 1200 से अधिक अध्ययन केन्द्र संचालित हैं। 137 पाठ्यक्रमों के माध्यम से प्रदेश में दूरस्थ प्रणाली से उच्च शिक्षा की लौ प्रज्ज्वलित की जा रही है। उन्होंने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय के प्रयागराज, लखनऊ और बरेली में क्षेत्रीय केन्द्र के भवन बन गए हैं। आज गोरखपुर के क्षेत्रीय केन्द्र का शिलान्यास हुआ है। कानपुर के क्षेत्रीय केन्द्र भवन निर्माण की प्रक्रिया जारी है। वाराणसी और अयोध्या में भवन के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कुलसचिव प्रो0 प्रेम प्रकाश दुबे ने अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया।इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।