तो ऐसे बदलेगी जेल विभाग की तस्वीर!

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जेल मुख्यालय मे एआईजी के दोनों पद खाली।सात जेल परिक्षेत्रों में नहीं तैनात कोई डीआईजी।तो ऐसे बदलेगी जेल विभाग की तस्वीर…!

राकेश कुमार

लखनऊ। प्रदेश के जेलमंत्री ने प्रभार संभालते ही कहा कि 100 दिन में विभाग में बदलाव दिखाई देना चाहिए। मंत्री के इस बयान से विभागीय अधिकारियों में खलबली मची हुई। बदलाव के लिए विभाग में पर्याप्त मात्रा में अधिकारी व कर्मियों के साथ समुचित संसाधन उपलब्ध होना जरूरी है। इसके बगैर बदलाव हो पाना संभव नहीं हो सकता है। हकीकत यह हैे कि प्रदेश का जेेल मुख्यालय चंद अधिकारियों के भरोसे चल रहा है।

प्रदेश सरकार के नवनियुक्त जेलमंत्री धर्मवीर प्रजापति ने विभाग का प्रभार संभालने के बाद अधिकारियों का निर्देश दिया कि 100 दिन के अंदर विभाग में बदलाव दिखना चाहिए। मंत्री के इस निर्देश से जेल अधिकारी सकते में आ गए हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि जेल विभाग चंद अफसरों के भरोस चल रहा है। विभाग में अधिकारियों की संख्या काफी कम है। जेल मुख्यालय में एआईजी के दोनों पद पिछले काफी समय से खाली चल रहा है। इस पर शासन ने कई प्रस्तावों के बाद भी कोई नियुक्ति ही नहीं की है। एआईजी प्रशासन का पद पर सीनियर पीसीएस अधिकारी और एआईजी विभागीय के पद विभाग का अधिकारी तैनात होता है। बीते करीब तीन साल एआईजी प्रशासन को पद खाली पड़ा हुआ है। इस पर अंतिम तैेनाती तीन साल पहले अख्तर रियाज की हुई थी। उनके जाने के बाद इस पद पर कोई तैनात ही नहीं किया गया। इसी प्रकार एआईजी विभागीय पद भी पिछले करीब दो साल से अधिक समय से खाली पड़ा हुआ है। डा. शरद के सेवानिवृत होने के बाद इस पर भी किसी को तैनाती नहीं मिल पाई।


सूत्रों का कहना है कि जेल मुख्यालय में डीआईजी मुख्यालय का प्रभार बीते दिनों तैनात किए गए आईपीएस रविशंकर छवि के पास हैं किंतु यह काम विभागीय डीआईजी जोकि प्रभारी एआईजी विभागीय का अतिरिक्त कार्य देख रहे हैं वहीं कर रहे है। मुख्यालय में कई महत्वपर्ण पदों पर अधिकारी तैनात नहीं हैं। इसी प्रकार कारागार विभाग के नौ परिक्षेत्र है। इसमें तीन पर आईपीएस व छह पर विभागीय डीआईजी तैनात किए जाने की व्यवस्था है। वर्तमान समय में विभाग मे सिर्फ तीन ही डीआईजी है। एक-एक डीआईजी के पास दो-दो परिक्षेत्र के जेलों की जिम्मेदारी है। मुख्यालय में तैनात डीआईजी के पास तो एआईजी प्रशासन, एआईजी विभागीय व डीआईजी मुख्यालय के साथ लखनऊ परिक्षेत्र की आठ जेलों का भी प्रभार है। एक डीआईजी के पास लखनऊ स्थित जेल प्रशिक्षण संस्थान के साथ प्रयागराज व अयोध्या परिक्षेत्र की करीब 15 जेलों का प्रभार है। यही नहीं प्रदेश की करीब डेढ़ दर्जन जेलों में अधीक्षक नहीं है। इन जेलों की जिम्मेदारी जेलर के हाथों में है। उधर इस संबंध में जब आईजी जेल आनंद कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि तैनाती के लिए प्रस्ताव भेजे गए है। जल्दी ही खाली पड़े पदों पर तैनाती करा ली जाएगी।