
बेटे को सेट करना है और दामाद को भेंट करना है -निशिकांत दुबे
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, “गरीब के बेटे के खिलाफ है ये अविश्वास प्रस्ताव. गरीब को घर देने के खिलाफ है. 2024 में हम 400 सीटों के साथ बीजेपी सत्ता में वापसी करेगी.”बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सोनिया गांधी का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘सोनिया गांधी का बहुत सम्मान करता हूं. सोनिया गांधी एक भारतीय नारी की तरह काम कर रही हैं. उनके दो काम हैं- बेटे को सेट करना है और दामाद को भेंट करना है. मैं अपनी इस बात पर कायम हूं.’ साथ ही निशिकांत दुबे ने नेशनल हेराल्ड का भी मुद्दा उठाया.अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से ‘मोदी’ सरनेम टिप्पणी मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने का मुद्दा उठाया, जिसके बाद उनकी सदस्यता बहाल की गई. उन्होंने कहा, ”सुप्रीम कोर्ट ने कोई फैसला नहीं दिया है, स्थगन आदेश दिया है. वे कह रहे हैं कि वे माफी नहीं मांगेंगे. दूसरी बात, वे कहते हैं मैं सावरकर नहीं हूं. आप कभी सावरकर नहीं हो सकते क्योंकि सावरकर ने 28 साल जेल में गुजारे थे.
“यह अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है. यह क्यों लाया गया है? सोनिया जी (गांधी) यहां बैठी हैं…मुझे लगता है कि उन्हें दो चीजें करनी होंगी – बेटे को सेट करना है और दामाद को देना है… यही इस प्रस्ताव का आधार है,” उन्होंने जोर देकर कहा. उन्होंने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह गरीब के बेटे और प्रधानमंत्री की नीतियों के खिलाफ है. भाजपा सांसद ने कहा, “उन्हें याद रखना चाहिए, वे निर्वस्त्र द्रौपदी (महाभारत में) जीवित नहीं बच सकीं और यहां भी वे जीवित नहीं रहेंगी.” इससे पहले, गोगोई ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया और उस पर बहस शुरू की. मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्षी दल I.N.D.I.A ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था. मंगलवार को, जैसे ही निचले सदन ने गोगोई द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को उठाया, तीखी नोकझोंक हुई और संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने आश्चर्य जताया कि मुख्य वक्ता के रूप में राहुल गांधी का नाम आखिरी मिनट में वापस क्यों ले लिया गया. पीएम के 10 अगस्त को चर्चा में भाग लेने की उम्मीद है. सूत्रों ने कहा कि दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी उसी दिन इस मुद्दे पर बोलेंगे.
महाभारत का जिक्र करते हुए निशिकांत दुबे ने कहा है द्रौपदी की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीरहरण का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन, धृतराष्ट्र और दुर्योधन की तरह ये नेता भी बचेंगे नहीं.
अविश्वास प्रस्ताव पर भाजपा की तरफ से पहले वक्ता के तौर पर बोलते हुए भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सोनिया गांधी पर सीधा हमला बोला. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी का उद्देश्य बेटे को सेट करना और दामाद को भेंट (गिफ्ट ) करना है. यही इस अविश्वास प्रस्ताव का मूल मंत्र है.दुबे ने राहुल गांधी के भाषण नहीं देने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें लगा कि राहुल बोलेंगे, कोई बड़ा विषय होगा, लेकिन वह नहीं बोले, गौरव गोगई बोले, शायद राहुल गांधी तैयार नहीं होंगे.
उन्होंने मोदी सरनेम पर माफी नहीं मांगने के राहुल गांधी के बयान और वीर सावरकर को लेकर दिए गए बयान की भी आलोचना की. विपक्षी सांसदों द्वारा राहुल गांधी की सदस्यता बहाल होने पर सोमवार को सदन में किये गए स्वागत पर कटाक्ष करते हुए दुबे ने कहा कि अभी सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ सजा पर स्टे लगाया है, अदालत ने बरी नहीं किया है.उन्होंने भंडारी और नेशनल हेराल्ड जैसे कई मामलों का जिक्र करते हुए भी कांग्रेस को घेरने की कोशिश की. विपक्षी सांसदों की टीका-टिप्पणी के बीच भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने विपक्षी गठबंधन के अंतर्विरोधों को उजागर करते हुए कहा कि इसी कांग्रेस ने डीएमके की सरकार को बर्खास्त किया, उन पर राजीव गांधी हत्याकांड को लेकर आरोप लगाए.
इसी कांग्रेस ने ममता सरकार पर नारदा-शारदा भ्रष्टाचार के आरोप लगाएं, इसी कांग्रेस ने लालू यादव को जेल में डाला, इसी कांग्रेस ने शेख अब्दुल्ला को 22 साल तक जेल में डाला, इसी कांग्रेस ने अपने कार्यकर्ता से पीआईएल डलवाकर मुलायम सिंह यादव की छवि को धक्का पहुंचाया, इसी कांग्रेस ने शरद पवार की सरकार बर्खास्त किया, उनकी पार्टी के नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाएं, इसी कांग्रेस की वजह से मुसलमानों की दुर्दशा हुई. लेकिन, इन सबके बावजूद आज वही डीएमके, टीएमसी, आरजेडी, सपा, एनसीपी और ओवैसी जैसे लोग उसी कांग्रेस के साथ खड़े हैं. बसपा सांसद को भारत माता की जय बोलने में भी दिक्कत है.
उन्होंने कहा कि ममता सरकार बनने में भाजपा का भी सहयोग रहा है. जेडीयू के लिए सबसे ज्यादा फंड जुटाने वाले चार-पांच लोगों में वह स्वयं शामिल रहे हैं. जेडीयू अध्यक्ष ने ही लालू परिवार के खिलाफ पिटीशन दाखिल किया था और आज ये साथ खड़े हैं. गठबंधन के नाम पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ये सब आपस में लड़ रहे हैं लेकिन नाम रखा है इंडिया. भाजपा सांसद ने सीपीएम के पूर्व महासचिव प्रकाश करात के मेल का रिकॉर्ड होने का आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि ये देशद्रोही पार्टी के साथ खड़े हैं.
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