सपा को बहराइच में खोजे नही मिल रहा प्रत्यासी

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  • बहराइच में सपा को जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर खोजे नही मिल रहा प्रत्यासी।
  • आधा दर्जन सपा समर्थन से जीते जिला पंचायत सदस्य भाजपा के संपर्क में।
  • सपा का विगत कई वर्षों से जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर था कब्जा।
  • बहराइच में धनबल बाहुबल के आगे पार्टी के प्रति वफादारी हुई दरकिनार।
  • भाजपा उम्मीदवार या बागी भाजपा उम्मीदवार के बीच भले ही दल बदल कर आए हो उन्ही के बीच मुकाबला होना तय।

अखिलेश श्रीवास्तव

लखनऊ। बहराइच जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर चुनाव की घोषणा के बाद जिले की राजनीति एक बार फिर से गरमा गई है। जिले में 63 जिला पंचायत सदस्य पद पर हाल ही में चुनाव संपन्न हुए है यहां सपा भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं हासिल है अधिक तर लोग पार्टी से बगावत करके निर्दल चुनाव जीते है।वही मतदाता निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।

जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भाजपा नेता अवधेश सिंह की पत्नी जो की जिला पंचायत सदस्य पद पर चुनाव जीती है भाजपा से जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर टिकट की दावेदारी कर रखी है भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह ने अपनी प्रतिष्ठा लगा रखी है।वही अतुलबीर सिंह की पत्नी चुनाव जीती है भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह ने भाजपा से इनको टिकट दिलाने की जबरदस्त पैरवी कर रहे है ये पूर्व विधायक अरुण वीर सिंह के भाई भी है।दोनो में किसी को टिकट मिलना तय है वैसे भाजपा से बीनाराज मिश्रा और विजय सिंह पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष भी टिकट पाने की जोड़तोड़ में लगे है सूत्रों की माने तो बीना राज मिश्रा ने खुद को मैदान से बाहर कर लिया है बाकी लोग टिकट का इंतजार कर रहे है।

सपा जो विगत कई वर्षों से जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर काबिज है इस बार सपा के समर्थन से जीते जरूर है लेकिन उनकी पार्टी में आस्था कम व्यक्तिगत स्वार्थ सिद्ध में अधिक होने का अफवाह फैला हुआ है लेकिन जानकार लोगो का मानना है की यदि यही हालत रहे तो क्या सपा आगामी विधान सभा चुनावों में इन लोगो के भरोसे 2022 चुनाव पार पा सकेगी जो आज अपनी परंपरा गत सीट पर अपने ही दल में संदिग्ध हालात पैदा कर चुके है।

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सपा की आज स्थिति ये बन चुकी है की उसे जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर कोई प्रत्यासी खोजे नही मिल रहा है।पूर्व विधायक दिलीप वर्मा जिनकी पत्नी भाजपा से विधायक है ने भाजपा छोड़ सपा में आए और अपनी बेटी को जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ाने का मन बनाया लिकिन सपा की भीतर घात की वजह से अब वो चुनाव लडने से ही मना कर रहे हैं।इससे साफ जाहिर होता है की सपा में गुटबाजी लालची पन भारी पड़ता जा रहा है।

इस बार भाजपा से दो दावेदार में से किसी एक को ही टिकट मिलना तय है सपा इसी समय का इंतजार करेगी की जोड़तोड़ कर किसी तरह इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर कोई प्रत्यासी देकर किसी तरह से इज्जत बचाई जाए और चुनाव भी जीता जाए।बहराइच में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर चुनाव बड़ा ही दिलचस्प होने के आसार है द्लबदल भी खूब होने वाले है समीकरण भी तेजी से बदलेंगे।कुल मिलाकर अरुण वीर सिंह एवम अवधेश सिंह की पत्नियों के बीच जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव कैंद्रित होता नजर आने लगा है। दलीय समीकरण से किसी को बहुमत नही है निर्दल जिला पंचायत सदस्य इस बार निर्णायक भूमिका में रहेंगे यही आसार नजर आ रहा है।