ब्राह्मण कार्ड चलने को तैयार सपा

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उत्तर प्रदेश में 13 फीसदी ब्राह्मण हैं, जिनके वोट्स विभिन्न दल हासिल करना चाहते हैं। पिछले दिनों बसपा ने भी प्रबुद्ध वर्ग संवाद सुरक्षा सम्मान विचार गोष्ठी यानी ब्राह्मण सम्मेलन की शुरुआत की थी। 23 जुलाई से अयोध्या से शुरू किया गया ब्राह्मण सम्मेलन पांच चरण में होगा । सभी का आगाज यूपी यूपी के अलग-अलग धार्मिक नगरी से किया जा रहा है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण वोट बैंक की सियासत तेज हो गई है. आज समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सपा के ब्राह्मण नेताओं के साथ मीटिंग की,सपा के 5 बड़े ब्राह्मण चेहरों के साथ अखिलेश की ढाई घंटे चली इस बैठक में आगामी विधान सभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाई गई । इस बैठक में पूर्व विधान सभा अध्यक्ष माताप्रसाद पाण्डेय, विधायक मनोज पाण्डेय, पूर्व विधायक संतोष पाण्डेय, बलिया से पूर्व विधायक सनातन पाण्डेय और पूर्व मंत्री प्रो0 अभिषेक मिश्र मौजूद थे।सूत्रों के मुताबिक समाजवादी पार्टी बलिया से ब्राह्मण सम्मेलन शुरू करेगी,सपा के ब्राह्मण सम्मेलनों में ये पांचों नेता एक साथ जाएंगे और ब्राह्मणों को सपा से जोड़ने का काम करेंगे।सपा के इन 5 ब्राह्मण नेताओं की टीम ब्राह्मणों के उत्पीड़न का मुद्दा उठाएगी। सपा की इस बैठक में विधान सभा चुनाव में टिकट में ब्राह्मणों की भागीदारी बढ़ाने पर चर्चा हुई। साथ ही संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने और वेद अध्ययन केन्द्र बनाने पर चर्चा हुई. साथ ही सपा बीएचयू के संस्कृति के विद्वान लोगों को साथ जोड़ेगी ।  

सपा भगवान परशुराम की मूर्ति लगवाएगी

साथ ही इस बैठक में भगवान परशुराम की मूर्ति लगवाने पर भी चर्चा हुई। सपा सरकार बनने पर भगवान परशुराम की जयंती पर सरकारी छुट्टी घोषित की जाएगी।सपा की चुनाव संचालन समिति में ब्राह्मण नेताओं को जगह दी जाएगी, बैठक के दौरान अखिलेश यादव को ब्राह्मण नेताओं ने शंख और भगवान परशुराम की तस्वीर भेंट की।सपा के ब्राह्मण नेता संतोष पाण्डेय ने कहा कि आज अखिलेश यादव के साथ लंबी बैठक हुई जिसमें ब्राह्मण समाज को लेकर चर्चा हुई, उन्होंने कहा, BSP इस वक्त BJP की ‘बी टीम’ है। बीजेपी के विरोध में ब्राह्मण वोट पूरा सपा के साथ आ रहा है तो बांटने लिए बीएसपी ब्राह्मण सम्मेलन कर रही है लेकिन ब्राह्मण समाज सपा के साथ है।

सपा ब्राह्मणों के उत्पीड़न की घटनाओं को मुद्दा बनाएगी-

बहुजन समाज पार्टी केप्रबुद्ध सम्मेलन के बाद अब समाजवादी पार्टी ने भी ब्राह्मणों के उत्पीड़न को सियासी हथियार बनाने का फैसला लिया है। इसके लिए पांच सदस्यीय कमेटी गठित कर दी गई है। यह कमेटी ब्राह्मणों के साथ होने वाली घटनाओं को सड़क से लेकर सदन तक उठाएगी। इतना ही नहीं विभिन्न अभियानों के जरिए उनके बीच पैठ बनाने का भी प्रयास होगा।बसपा की ओर से शुरू किए गए प्रबुद्ध सम्मेलन के बीच समाजवादी पार्टी के ब्राह्मण नेता भी सक्रिय हो गए हैं। हालांकि पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा के नेतृत्व में भगवान परशुराम की मूर्ति स्थापना का अभियान पहले से चल रहा है लेकिन बसपा की सक्रियता के बाद सपा ने नए सिरे से रणनीति बनानी शुरू कर दी है। रविवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ पार्टी से जुड़े ब्राह्मण नेताओं की बैठक हुई। पांच नेताओं की कमेटी भी बनाई गई।  कमेटी में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय, पूर्व मंत्री मनोज पांडेय, अभिषेक मिश्रा, सनातन पांडेय और पवन पांडेय को शामिल किया गया है। सूत्र बताते हैं कि बैठक में तय किया गया कि पार्टी की ओर से 1857 क्रांति के नायक मंगल पांडेय की जन्मभूमि बलिया से ब्राह्मण सम्मेलन की शुरुआत की जाएगी। इन सम्मेलनों के जरिए सपा शासनकाल में ब्राह्मणों के लिए किए गए कार्र्यों को भी गिनाया जाएगा।