सपा सुप्रिमों ने स्वास्थ्य कर्मियों के प्रतिनिधिमण्डल से कि मुलाकात

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राजेन्द्र चौधरी

सपा सुप्रिमों अखिलेश यादव से आज स्वास्थ्य कर्मियों के एक प्रतिनिधिमण्डल ने भेंटकर उन्हें अचानक नौकरी से हटाए जाने की जानकारी देते हुए सेवा में पुनः बहाली की मांग का ज्ञापन सौंपा।सेवा से वंचित स्वास्थ्य कर्मियों ने ज्ञापन में कहा है कि विभिन्न सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में 30 हजार स्वास्थ्य कर्मियों की भर्ती की समय सीमा मार्च 2020 से 5 मार्च 2022 तक बढ़ाई गई थी। गत 5 मार्च 2022 को उनकी सेवाएं बिना नोटिस दिए अचानक स्थाई रूप से समाप्त कर दी गई। 5 मार्च 2022 से सभी स्वास्थ्यकर्मी बेरोजगारी में भुखमरी के कगार पर पहुँच गए हैं।ज्ञापन में मांग की गई है कि इन स्वास्थ्यकर्मियों की सेवाएं पुनः बहाल की जाएं जब तक कि उनकी उम्र 60वर्ष न हो जाए।आज अखिलेश यादव से मिलने वाले स्वास्थ्यकर्मियों में प्रमुख थे राम कुमार तिवारी, राजीव गुप्ता, गौरीशंकर, शुभम वर्मा, आदित्य पटेल, रितम्भरा, शिल्पी पाण्डेय, मैना चौधरी, शशी, सीमा, शिखा, प्रियंका गौतम, कुलदीप, बबिता यादव, राहत अली, हर्ष श्रीवास्तव, अनुभव मिश्रा, प्रिंसी देवी, अंजू, सागर जायसवाल आदि।

अखिलेश यादव से आज सहायक शिक्षक भर्ती में 6800 चयनित अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमण्डल ने भेंट कर अपनी नियुक्ति न होने की शिकायत का ज्ञापन सौंपा। इनका कहना है कि वंचित वर्ग के अभ्यर्थी 2 साल से मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं।अखिलेश यादव ने उनकी मांगों को सहानुभूतिपूर्वक सुना और उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।चयनित अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमण्डल में अमरेन्द्र सिंह पटेल, अवनीश यादव, वीरेन्द्र कुमार, वैशाली गौतम, नवनीत कुमार और गंगाराम यादव शामिल थे।ज्ञापन में कहा गया है कि बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा 69000 शिक्षक भर्ती का आयोजन 2018 में किया गया था। इसमें आरक्षण की विसंगतियां पाए जाने पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के द्वारा आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का आदेश दिया गया। बेसिक शिक्षा विभाग ने लगभग 6800 अभ्यर्थियों की नई सूची जारी की लेकिन कई माह बीत जाने के बाद भी उनकी नियुक्ति नहीं हुई है।चयनित अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमण्डल ने बताया कि सभी अभ्यर्थी पिछड़े वर्ग और दलित वर्ग से आते हैं लेकिन तमाम प्रतिवेदनों के बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है।