सपा का एतिहासिक कदम

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पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे को घोषणा पत्र में शामिल करना सपा का एतिहासिक कदम।

लखनऊ। अटेवा-पेंशन बचाओ मंच पुरानी पेंशन बहाली व निजीकण को रोकने के लिए लगातार संघर्ष कर रहा है। लगातार विभिन्न राजनीतिक दलों व जनप्रतिनिधियों से मिलकर पुरानी पेंशन बहाली की मांग की। इसी क्रम में अटेवा प्रतिनिधि मंडल समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात कर पुरानी पेंशन बहाली की माँग की थी। जिसका परिणाम यह है कि यूपी की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी ने इसे अपने घोषणा पत्र में शामिल किया।

अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उत्तर प्रदेश के शिक्षक कर्मचारियों के लिए समाजवादी पार्टी की सरकार बनते ही पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा की। जिस पर प्रदेश के शिक्षक कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गयी। शिक्षक कर्मचारी ने स्वागत करते हुए कहा कि जो हमारे मुद्दे की बात करेगा, निश्चित ही आने वाले विधानसभा चुनाव में इसका असर देखने को मिलेगा। अटेवा के अध्यक्ष ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली के लिए हमने सभी के दरवाजे खटखटाए लेकिन हमारी बात को कहीं सुना नहीं गया। आज समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के द्वारा सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली के लिए न केवल घोषणा पत्र में रखने का वादा किया बल्कि, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार बनते ही पुरानी पेंशन बहाल करने का भरोसा दिया । जिसका अटेवा स्वागत करता है, और आने वाले विधानसभा चुनाव में शिक्षक कर्मचारियों पर इसका असर देखने को मिलेगा।

चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ के प्रधान महासचिव अशोक कुमार ने कहा हम हम अखिलेश यादव के इस निर्णय का स्वागत करते हैं और आज हमारे कर्मचारियों में उत्साह का संचार हुआ साथ ही उनकी उम्मीद भी जाग गयी।लुआकटा के अध्यक्ष डॉ मनोज पाण्डेय ने कहा शिक्षक कर्मचारियों के संघर्ष के इतिहास में यह एक ऐतिहासिक निर्णय है हम इसका स्वागत करते हैं।लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ विनीत वर्मा ने कहा पुरानी पेंशन की बहाली शिक्षक कर्मचारियों का स्वाभिमान है, सपा मुखिया ने उनका स्वाभिमान लौटाने की बात की है निश्चित ही शिक्षक समाज इसकी महत्ता को समझते हुए अपने हित मे वोट का निर्णय लेगा।उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम मूरत यादव ने कहा लेखपाल विपरीत परिस्थितियों में भी काम करता रहता है, लेकिन बुढ़ापे में उसकी सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है, इस कारण उसमे असुरक्षा का भाव रहता है, आज निश्चित ही संघर्ष रंग लाया है, हम अखिलेश जी के इस निर्णय का स्वागत करते हैं।