गोआश्रय स्थलों का कराया जायेगा औचक निरीक्षण-मुख्य सचिव

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मुख्य सचिव ने वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से प्रदेश के समस्त मुख्य विकास अधिकारियों, मुख्य पशु चिकित्साधिकारियों एवं जिला पंचायतराज अधिकारियों के साथ बैठक कर गोआश्रय केन्द्रों की व्यवस्थाओं एवं छुट्टा गोवंशों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की।छुट्टा गोवंशों को संरक्षित करने में प्रदेश में अच्छा काम हुआ है ।
वर्तमान में 5500 से अधिक गोआश्रय केन्द्रों में 08 लाख से अधिक गोवंश संरक्षित तथा शीतलहर के दृष्टिगत यदि किन्हीं ग्राम पंचायतों में अभी भी छुट्टा गोवंश की समस्या है और वर्तमान संचालित गोआश्रय स्थल में जगह नहीं है तो ऐसे ग्राम पंचायतों में जरूरत के अनुसार अस्थाई गोआश्रय स्थल मनरेगा से बनवा दिये जायें
शीतलहर में छुट्टा गोवंशों के कारण किसानों को कोई तकलीफ नहीं होनी चाहिए और न ही उनकी फसलों को कोई नुकसान पहुचंना चाहिए।गो आश्रय केन्द्रों के लिए धन की कोई कमी नहीं।मुख्यालय से अधिकारियों को भेजकर गोआश्रय स्थलों का कराया जायेगा औचक निरीक्षण।



लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से प्रदेश के समस्त मुख्य विकास अधिकारियों, मुख्य पशु चिकित्साधिकारियों तथा जिला पंचायतराज अधिकारियों के साथ बैठक कर गोआश्रय केन्द्रों की व्यवस्थाओं तथा छुट्टा गोवंशों की अद्यतन स्थिति की जनपदवार समीक्षा की।  अपने सम्बोधन में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि छुट्टा गोवंशों को संरक्षित करने में पूरे प्रदेश में अच्छा काम हुआ है तथा वर्तमान में 5500 से अधिक गोआश्रय केन्द्रों में 08 लाख से अधिक गोवंश संरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि कतिपय जिलों में छुट्टा गोवंशों से किसानों को तकलीफ एवं उनकी फसलों के नुकसान की शिकायतें मिलने पर 15 दिन का विशेष अभियान चलाया गया, जिसमें करीब 1.50 लाख गोवंशों को पकड़कर आश्रय केन्द्रों में भेजा गया।  उन्होंने बताया कि गोवंश आश्रय केन्द्रों की व्यवस्थाओं आदि के लिए सभी 75 जिलों को कुल 100 करोड़ रुपये की धनराशि अवमुक्त की गई है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सभी गो आश्रय स्थलों में गोवंशों के लिए शेड, चारा, भूसा, पानी, अलाव आदि की पर्याप्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित करायें तथा किसी भी जनपद से गोआश्रय केन्द्रों की व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में कोई शिकायतें नहीं आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यालय से टीमें भेजकर गोवंश आश्रय केन्द्रों का औचक निरीक्षण भी कराया जायेगा। 

उन्होंने बताया कि सहभागिता योजना में अब तक एक लाख से अधिक परिवारों को भरण-पोषण हेतु गोवंश प्रदान किये गये हैं। उन्होंने अधिकारियों से योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार कराकर, ऐसे परिवारों को जिनमें गर्भवती महिलाएं व कुपोषित बच्चे हैं, को सहभागिता योजना से दुधारू गोवंश प्रदान कर उन्हें लाभान्वित कराने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत निर्धारित लक्ष्य कोे 01 लाख से बढ़ाकर 02 लाख कर दिया गया है संशोधित लक्ष्य जिलों को भेजा जा रहा है, तद्नुसार लक्ष्य पूर्ति सुनिश्चित करायें।  उन्होंने कहा कि जिन ग्राम पंचायतों में अभी भी छुट्टा गोवंशों की शिकायतें आ रही हैं और वर्तमान संचालित गोआश्रय स्थलों में जगह नहीं है वहां पर जरूरत के अनुसार मनरेगा से अस्थाई गोआश्रय स्थल पूर्व की भांति बनवा दिये जायें तथा इनमें संरक्षित पशुओं के लिए चारा, भूसा, पानी, अलाव आदि की व्यवस्था पशुधन विभाग द्वारा की जाये। उन्होंने कहा कि इस समय पूरे प्रदेश में शीतलहर चल रही है, ऐेसे में किसानों को कोई तकलीफ नहीं होनी चाहिए और न ही उनकी फसलों को छुट्टा गोवंशों के कारण कोई नुकसान होना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।  बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी,अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह,प्रमुख सचिव पशुपालन सुधीर गर्ग,निदेशक पंचायतीराज अनुज कुमार झा सहित कई वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।