परिवहन निगम की नई बी0एस0-6 बसों को मुख्यमंत्री ने किया रवाना

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अलीगंज बस अड्डा (एटा), गाजीपुर बस अड्डा (गाजीपुर), नौझील बस अड्डा एवं जयसिंहपुरा-मथुरा बस अड्डा (मथुरा), कांठ बस अड्डा (मुरादाबाद), हैदरगढ़ बस अड्डा (बाराबंकी), सिग्नेचर ग्रीन सिटी बस अड्डा (कानपुर) का लोकार्पण तथा बरेली बस अड्डा एवं गिलौला बस अड्डा (श्रावस्ती) का शिलान्यास।प्रदेश के लगभग 01 लाख 10 हजार से अधिक राजस्व गांवों को जोड़ने के लिए परिवहन निगम की बसें या उनके द्वारा अनुबन्धित बसें सबसे उपयुक्त माध्यम।प्रत्येक जनपद के बस स्टेशन अच्छी सुविधाओं से सम्पन्न होने चाहिए।

   लखनऊ। जब सामान्य नागरिक घर से बाहर कहीं जाता है, तो उसका सबसे पहले परिवहन निगम की बसों से वास्ता पड़ता है। उनका उपयोग करते हुए वह अपने गन्तव्य तक पहुंचता है। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम का एक लम्बा इतिहास है, लेकिन समय के अनुरूप निगम की व्यवस्था को व्यावसायिक (प्रोफेशनल) तरीके से आगे नहीं बढ़ाया जा सका। वर्ष 2019 में प्रयागराज कुम्भ के दौरान श्रृद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रदेश सरकार ने जिन बसों को खरीदा था, उन बसों को बाद में परिवहन निगम को प्रदान किया गया था। उन बसों ने सदी की सबसे बड़ी महामारी कोविड-19 के दौरान बेहतरीन तरीके से अपनी सेवाएं प्रदेश में प्रदान की थी।


आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को समर्पित परिवहन विभाग की परियोजनाआंे का लोकार्पण तथा शिलान्यास करने के पश्चात आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने परिवहन निगम की 150 नई बी0एस0-6 बसों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने जनपद झांसी, बरेली एवं अलीगढ़ के ड्राइविंग ट्रेनिंग एण्ड टेस्ंिटग इंस्टीट्यूट, जनपद बरेली के ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ंिटग ट्रैक, जनपद फिरोजाबाद के सारथी हॉल के साथ ही अलीगंज बस अड्डा (एटा), गाजीपुर बस अड्डा (गाजीपुर), नौझील बस अड्डा एवं जयसिंहपुरा-मथुरा बस अड्डा (मथुरा), कांठ बस अड्डा (मुरादाबाद), हैदरगढ़ बस अड्डा (बाराबंकी) एवं सिग्नेचर ग्रीन सिटी बस अड्डा (कानपुर) का लोकार्पण तथा बरेली बस अड्डा (बरेली) एवं गिलौला बस अड्डा (श्रावस्ती) का शिलान्यास भी किया।  

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई दिल्ली में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द से शिष्टाचार भेंट की ।

परिवहन निगम के वर्कशॉप में उनके कार्मिकांे के साथ ही आस-पास के आई0टी0आई0 तथा पॉलीटेक्निक के छात्रों को भी जोड़कर प्रशिक्षित किया जाए।सबसे बड़ी चुनौती सड़क दुर्घटना से होने वाली मृत्यु, इसके कारणों को खोजने की आवश्यकता, अगर हम ऐसा कर पाए तो इसे नियंत्रित करने में हमें मदद मिलेगी।मुख्यमंत्री ने परिवहन निगम की 150 नई बी0एस0-6 बसों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।मुख्यमंत्री ने जनपद झांसी, बरेली एवं अलीगढ़ के ड्राइविंग ट्रेनिंग एण्ड टेस्ंिटग इंस्टीट्यूट, बरेली के ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ंिटग ट्रैक तथा सारथी हॉल, फिरोजाबाद का लोकार्पण किया।


मानवीय सेवा का इतना अच्छा उदाहरण कुम्भ के बाद पहली बार देखने को मिला। कोरोना कालखण्ड की विकट स्थितियों में परिवहन निगम से जुड़े कार्मिकों ने पूरी तत्परता के साथ मानवीय सेवा का जो उदाहरण प्रस्तुत किया, उसकी सर्वत्र सराहना हुई। संकट के समय हेल्थ वर्कर्स, पुलिस, प्रशासन, बैंकर्स तथा अन्य कार्मिकों के साथ ही परिवहन निगम ने भी जनता जनार्दन की सेवा में अपने को समर्पित किया। इसके परिणामस्वरूप प्रदेश में कोविड प्रबन्धन बेहतरीन रहा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक जनपद के अन्तर्राज्यीय अथवा अन्तर्जनपदीय बस स्टेशन अच्छी सुविधाओं से सम्पन्न होने चाहिए। बस स्टेशनों पर बेहतरीन बुनियादी सुविधाएं, प्रसाधन, रेस्टोरेण्ट तथा डॉरमेट्री की व्यवस्था होनी चाहिए। बसों की पार्किंग की व्यवस्था बस स्टेशन के परिसर में ही होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 25 करोड़ की आबादी है। इनकी प्रतिदिन की गतिविधियों को आगे बढ़ाने में परिवहन निगम सहभागी बन सकता है। राज्य सरकार ने यात्रियों को अधिक से अधिक सुविधा प्रदान करने के लिए अपने पिछले कार्यकाल के दौरान विभिन्न राज्य सरकारों के साथ अन्तर्राज्यीय सम्पर्क को बढ़ाने के लिए एम0ओ0यू0 किये थे। इस दिशा में हमें अपने कार्यक्रमों को आगे बढ़ाना होगा।

परिवहन निगम के लाभांश को बढ़ाया जाए, जिससे आने वाले समय में 60 वर्ष आयु से ऊपर की सभी माताओं तथा बहनों को परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा की सुविधा प्रदान की जा सके।

परिवहन निगम द्वारा जर्जर बसों तथा अपनी आयु पूर्ण कर चुकी बसों को हटाकर अपने बेड़े में नई बसों को चरणबद्ध तरीके से शामिल किया जाए। प्रदेश की सड़कों पर चलने वाली प्रत्येक बस की फिटनेस रिपोर्ट तथा वाहन चालक की टेस्टिंग रिपोर्ट प्रतिवर्ष परिवहन निगम के पास होनी चाहिए। हमारा प्रयास होना चाहिए कि परिवहन निगम के लाभांश को बढ़ाया जाए, जिससे आने वाले समय में 60 वर्ष आयु से ऊपर की सभी माताओं तथा बहनों को परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा की सुविधा प्रदान की जा सके। इस कार्य को योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जाए।


आज सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित ड्राइविंग, ट्रेनिंग व टेस्टिंग, इंस्टीट्यूट की स्थापना के कार्यक्रमों को आगे बढ़ रहे हैं। प्रदेश की आवश्यकता के साथ वैश्विक परिदृश्य में आने वाली मांग के अनुरूप हमारे इंस्टीट्यूट को तैयार करना होगा। उन्होंने कहा कि परिवहन निगम के वर्कशॉप में उनके कार्मिकांे के साथ ही आस-पास के आई0टी0आई0 तथा पॉलीटेक्निक के छात्रों को भी जोड़कर उन्हंे प्रशिक्षित किया जाए। इससे निःशुल्क मैनपावर की उपलब्धता के साथ ही आपके कार्य को एक गति मिलेगी।


वर्तमान में देश व प्रदेश में सबसे बड़ी चुनौती सड़क दुर्घटना से होने वाली मृत्यु है। कोविड काल के दो से ढाई वर्षाें के बीच महामारी से प्रदेश में लगभग 23,000 मौतें हुई। कोविड महामारी से प्रदेश के लोगों को बचाने का कार्य राज्य सरकार द्वारा किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन मंे जीवन व जीविका को सफलतापूर्वक बचाने के बेहतर प्रयास को आगे बढ़ाया गया है। लेकिन सड़क दुर्घटना से प्रदेश में एक वर्ष में ही 20,000 से अधिक मौतें होती हैं। यह चिन्ता का विषय है। इसके पीछे के कारणों को खोजने की आवश्यकता है। अगर हम ऐसा कर पाए तो इसे नियंत्रित करने में हमें मदद मिलेगी।


परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने कहा कि परिवहन विभाग संकट का साथी है। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में आज परिवहन विभाग के बेड़े में 150 बसें शामिल की जा रही हैं। परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था को सुनिश्चित किया गया है।कार्यक्रम में प्रमुख सचिव परिवहन एम0 वेंकटेश्वरलू ने अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र,अध्यक्ष उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम आर0के0 तिवारी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।