महिला समानता का विचार भारत की प्राचीन संस्कृति का हिस्सा इसकी पुर्नव्याख्या की आवश्यकता-कांग्रेस

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लखनऊ।
विश्व महिला समानता दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसे प्रख्यात पत्रकार और लेखक राघवेन्द्र दुबे भाऊ ने संबोधित किया। अपने सम्बोधन में भाऊ ने कहा कि यह सच नहीं है कि भारत में महिलाओं के समानता का विचार पश्चिमी दुनिया से आया। इस देश में जो मिथक कथाएं और पौराणिक आख्यान हैं उन्हें नये संदर्भाे में व्याखायित किया जाना चाहिए। जैसे गीतकार शैलेन्द्र यह मानते थे कि महिलायें कभी बदसूरत नहीं हो सकती और एक मानवीय और सृजनशील दुनिया सिर्फ और सिर्फ एक महिला ही दे सकती है। ‘‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’’ का नारा इसी समझा का प्रतिबिम्ब है।

उन्होंने कहा कि यह भी भ्रम है कि स्त्री की सत्ता और समानता का विमर्श यूरोप की देन है। जैसे लोग सुझाते हैं कि सीमोन द बोउवा और जॉन स्टुअर्ट मिल को आधुनिक स्त्री विमर्श के लिए एक आधारभूत स्तंभ कहा जाता हैं जबकि हमारे यहां जब शंकराचार्य अद्वैत दर्शन स्थापित करके कश्मीर पहुंचते हैं तब यह पौराणिक कथा है कि उन्हें अत्यधिक प्यास लगने पर एक स्त्री पानी पीने को कहती है लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाते क्योंकि शक्ति के बिना चेतना नहीं होती। इसलिए ऊर्जा समस्त श्रोत्र स्त्रीलिंग हैं।

उन्होंने कहा कि यही नहीं हजारी प्रसाद द्विवेदी का अनामदास को पोथा का पूरा संदर्भ स्त्री जाति के स्वतंत्र और साहसी होने तथा तत्कालीन समाज में उसे बराबर का अधिकार मिले होने की पुष्टि करता है क्योंकि जब बेटा जब अपनी मां से अपने पिता का नाम पूछता है तो वह कहती हैं कि कई ऋषि आश्रम में रहने के कारण नहीं बता सकती। इस दिलेरी पर आधुनिक संदर्भ में बात होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि आज के दौर का लिव इन मूलतः वैदिक सभयता की देन है जिसकी मूल समझ भगवान शिव के अर्द्धनारीश्वर में दिखाई पड़ती है। उन्होनं कहा कि तीज त्यौहार महिला को एक परिवार में ढ़ालने की विधि भर है। प्राचीन भारत की पारिवारिक संरचना मातृ सत्तात्मक थी और आज प्रियंका गांधी जी द्वारा जो नारा दिया गया है ‘‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’’ इसका मतलब ही महिला जाति को आगे आकर समाज, सत्ता में अपनी उचित भागीदारी पाना है। उक्त कार्यक्रम में ठाकुर प्रज्ञा सिंह, डॉ0 सुधा मिश्रा, किरन शर्मा, सलोनी केसरवानी, महताब जायसी, पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, संजय शर्मा, प्रभाकर मिश्रा, शिवम त्रिपाठी, अंकित तिवारी, हरेराम मिश्रा सहित अन्य लोग मौजूद थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महासचिव संगठन श्री दिनेश सिंह ने की।