वेस्ट यूपी में पिछले कई दशक से चली आ रही हाई कोर्ट पीठ की मांग को लेकर हो रहे आंदोलन को धार देने की रणनीति बनाई जा रही है। यह तीव्रगति पांच महीने उपरांत 2022 में उत्तरप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के दवाब के मद्देनजर मानी जा रही है।
जनप्रतिनिधियों के वादा खिलाफी और सरकार का टालमटोल रवैये से खफा पश्चिमी उत्तरप्रदेश के अधिवक्ताओं का स्पष्ट कहना है कि भाजपा ने सदैव हाई कोर्ट पीठ का समर्थन किया। 2014, 2019 के लोकसभा और 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान पश्चिमी उत्तरप्रदेश में हाई कोर्ट पीठ का गठन कराने का दावा करने वाली बीजेपी पार्टी की केंद्र और प्रदेश में सरकार है। अब वादे को पूरा करें।
निर्धारित किया गया है कि पश्चिमी उत्तरप्रदेश में प्रत्येक शनिवार को हर जिले के बार एसोसिएशन अपने एमपी एमएलए और मंत्रियों का घेराव करेगी। हर माह दूसरे और चौथे बुधवार को अधिवक्ता हड़ताल पर रहेंगे।
मेरठ में हाई कोर्ट पीठ केंद्रीय संघर्ष समिति की बैठक सम्पन्न हुई। जिसमे मेरठ के साथ साथ बिजनौर हापुड़, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बागपत, बुलंदशहर आदि जनपदों के साथ मेवाना, नगीना, कैराना, देवबंद, सरधना, बड़ौत आदि तहसीलों के साथ भी कई जिलों और तहसीलों के बार अध्यक्ष और महामंत्रियों ने हिस्सा लिया।
हाई कोर्ट पीठ केंद्रीय संघर्ष समिति के चेयरमैन महावीर सिंह त्यागी के अनुसार आंदोलन तीव्र किया जाए। निर्धारित किया कि हाई कोर्ट पीठ की स्थापना की मांग को लेकर आंदोलन का दायरा बढ़ाते हुए, अब प्रत्येक महीने के दूसरे और चौथे बुधवार को भी अधिवक्ता न्यायिक कार्य नही करेंगे।